रुद्रप्रयाग- जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में उत्कृष्टता केंद्र ज्ञान गंगा के विधिवत व निरंतर संचालन हेतु एकीकृत प्रबंधन समिति की औपचारिक बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई। इस दौरान जिलाधिकारी ने स्थानीय स्तर पर उपयोगी साबित होने वाले प्रशिक्षण व स्किल डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही। बैठक में केंद्र के बैंक खातों का सामयिक लेखा परीक्षण, ओएनजीसी के साथ छात्रावास निर्माण प्रकरण का पुनः प्रचलन, सूचना केंद्र, डिटिजल पुस्तकालय का क्रियान्वयन, कौशल विकास प्रशिक्षण संबंधी पाठ्यक्रमों का संचालन आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
जिला कार्यालय एनआईसी कक्ष में आयोजित बैठक के अवसर पर सदस्य सचिव द्वारा उत्कृष्टता केंद्र में संचालित गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही बैठक के दौरान उन्होंने अभिक्षमता परीक्षा के आधार पर आकांक्षी अभ्यर्थियों की उपलब्धता पर भी जिलाधिकारी सहित समिति के सदस्यों को अवगत कराया। सदस्य सचिव उत्कृष्टता केंद्र ज्ञान गंगा कपिल पांडे ने केंद्र समन्वयक व केंद्र में तैनात व्याख्याताओं की सेवा अवधि विस्तारित करने, दीर्घावधि के लिए वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन, केंद्र की परिसंपत्तियों तथा जनरेटर आदि का अनुरक्षण व रखरखाव सहित केंद्र के बैंक खातों का सामयिक लेखा परीक्षण आदि विषयों की जानकारी से अवगत कराया।
इस दौरान जिलाधिकारी ने फैकल्टी नियुक्ति निर्धारित मानक, प्रतिमाह खर्च होने वाली धनराशि ओएनजीसी के साथ छात्रावास निर्माण प्रकरण का पुनः प्रचलन आदि विषयों को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने लोकल लेवल व आर्थिकी (स्वरोजगार) हेतु उपयोगी होने वाली प्रतियोगी परीक्षा व स्किल डेवलपमेंट प्रशिक्षण पर भी विशेष ध्यान दिए जाने हेतु बैठक में उपस्थित सहयोगी कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्था ऐसेट इन्फोटेक को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए गए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, अधि.अभि. सिंचाई पीएस बिष्ट, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी संदीप भट्ट, स्वत्वधारक एसेट इंफोटेक से पीयूष मित्तल, समिति के सदस्य कर्नल देवी प्रसाद डिमरी, विनोदमणि, कर्नल दुर्लभ सिंह बर्त्वाल, भूपेंद्र सिंह, भुवनेश कांडपाल, किशन सिंह रावत, राघवेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
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