देहरादून, राज्य में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत कार्यरत हड़ताली कर्मचारियों को हटाया नहीं जाएगा। प्रदेशभर में 1294 मनरेगा कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेेकर पिछले 85 दिनों से हड़ताल पर थे, मानदेय सहित अन्य दूसरी मांगों पर सहमति बन जाने के बाद आंदोलित कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली।
बुधवार (आज) से मनरेगा कर्मचारी काम पर लौट आए हैं। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर मणि सेमवाल, महामंत्री सुबोध उनियाल, प्रदेश प्रवक्ता रमेश गड़िया, जिलाध्यक्ष शिवशंकर गुसांईं आदि ने बताया कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की ओर से उनकी मांगों पर कैबिनेट में रखे जाने का आश्वासन दिया गया है।
कर्मचारियों को विश्वास है की आगामी कैबिनेट में मानदेय बढ़ोतरी, हड़ताल अवधि का मानदेय और ग्रेड पे पर सरकार की ओर से सहानुभूति पूवर्क विचार किया जाएगा। इससे पूर्व कई दौर की वार्ता के बाद शासन की ओर से हड़ताली कर्मचारियों को 9 जून तक काम पर लौटने का समय दिया गया था।
यह भी साफ किया गया था कि यदि इस अवधि में कर्मचारी काम पर नहीं लौटते तो ऐसे कार्मिकों के खिलाफ 20 मई के आदेश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। जिसके मुताबिक मनरेगा कर्मियों को पूर्व प्रचलित व्यवस्था और प्रक्रिया के तहत ही उनके पूर्व के कार्यस्थल पर तैनाती की अनुमति प्रदान की गई है।
Recent Comments