नईदिल्ली,। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना की ताकत बढ़ाने के लिए रूस से बड़ी संख्या में एके-103 असॉल्ट राइफलें खरीदने का करार किया है। रूस से मिलने वालीएके-103 असॉल्ट राइफलों में से ज्यादातर भारतीय वायुसेना को दी जाएंगी। सूत्रों के मुताबिक सेना एक मेगा इन्फैंट्री आधुनिकीकरण कार्यक्रम लागू कर रही है। इसके तहत बड़ी संख्या में लाइट मशीन गन, बैटल कार्बाइन और असॉल्ट राइफलों की खरीद की जा रही है ताकि पुराने हथियारों को बदला जा सके। इन राइफलों की संख्या कितने है और इसका समझौता कितने रुपए में हुआ है, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं दी गई है। वहीं, इस समझौते के बारे में अभी तक आधिकारिक घोषणा भी नहीं की गई है।
सेना के अधिकारी ने बताया कि राइफलों की तत्काल खरीद तीनों सेनाओं की शक्तियों को बढ़ाने के लिए की गई है। आपको बता दें कि अक्टूबर 2017 में भारतीय सेना ने सात लाख राइफल, 44 हजार हल्की मशीनगन और करीब 44,600 कार्बाइन खरीदने की प्रक्रिया की शुरुआत की थी।
2019 में भारत ने रूस के साथ अमेठी में ऑर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड यानि ओएफबी के कोरबा प्लांट में साढ़े सात लाख एके-203 राइफल बनाने का करार किया था। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन की मौजूदगी में इस प्लांट का उद्घाटन किया था। हालांकि इस प्लांट में अभी तक राइफल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। यही कारण है कि रक्षा मंत्रालय को 70 हजार राइफल सीधे रूस से खरीदनी पड़ी है। रूस से आने वाली एके-103 राइफल भारत की इंसास राइफल्स की जगह लेंगी।
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