Thursday, September 19, 2024
HomeStatesUttarakhandदीपा चौधरी उत्तराखंड से आईटीएफ खिताब जीतने वाली बनीं पहली खिलाड़ी

दीपा चौधरी उत्तराखंड से आईटीएफ खिताब जीतने वाली बनीं पहली खिलाड़ी

“द हैरिटेज स्कूल नॉर्थ कैंपस सहस्त्रधारा रोड में अध्ययनरत छात्रा है दीया”

देहरादून(केएस बिष्ट), द हैरिटेज स्कूल नॉर्थ कैंपस सहस्त्रधारा रोड की पन्द्रह वर्षीय छात्रा दीया चौधरी ने अकरा, घाना में आयोजित जे 30 इंटरनेशनल टेनिस फैडरेशन टूर्नामेंट जीतकर देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपने कैरियर की लंबी छलांग लगाकर अपने नाम एक और उपलब्धि हासिल करते हुए खिताब पर कब्जा कर दीया चौधरी उत्तराखंड से आईटीएफ खिताब जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं।
यहां द हैरिटेज स्कूल नॉर्थ कैंपस सहस्त्रधारा रोड के निदेशक सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान दीया चौधरी ने जबरदस्त प्रतिभा और धैर्य का प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने सभी मैचों में एक भी सेट गंवाए बिना खिताब जीता।
उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन की अलीशा एनडुकुवु के खिलाफ फाइनल मैच 6-0 और 7-5 के स्कोर के साथ टूर्नामेंट जीतकर एक और उपलब्धि अपने नाम हासिल कर ली है। उन्होंने बताया कि और इंटरनेशनल टूर्नामेंट में ग्रेट ब्रिटेन, रूस, नाइजीरिया, अमेरिका, पाकिस्तान, बेनिन, घाना, मेडागास्कर और ट्यूनीशिया की खिलाड़ियों ने भाग लिया और सभी को पीछे छोड़ते हुए दीया चौधरी ने टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर लिया।
उन्हांने बताया कि दीया चौधरी द हैरिटेज टेनिस अकादमी देहरादून के कोच प्रीतम सिंह के अधीन बेहतर प्रशिक्षण हासिल करती आ रही है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड से आईटीएफ खिताब जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गई है।
इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन चौधरी अवधेश कुमार, निदेशक सिद्धार्थ चौधरी, उमा चौधरी, विक्रांत चौधरी, चारू चौधरी, चंद्रिका चौधरी प्रधानाचार्य दीपाली सिंह, उप प्रधानाचार्य स्वाति पपनै, कोच प्रीतम सिंह एवं स्कूल में अध्ययनरत छात्र छात्राओं ने दीया चौधरी को बधाई एवं शुभकामनायें दी है।

 

 

प्रहरी मंच ने मनाया अपना तृतीय वार्षिक उत्सव

नई दिल्ली, सिविल सेवा अधिकारी संस्थान नई दिल्ली के सभागार में देश के प्रति समर्पित सभी सैन्य प्रहरियों के लिए बड़ी धूमधाम से प्रहरी मंच ने अपना तृतीय वार्षिक उत्सव मनाया। जिसमें संस्था के संस्थापक नरेश नाज, ट्रस्टी अध्यक्ष नियति गुप्ता, मुख्य अतिथि मेजर जनरल पीयूष गुप्ता, वैश्विक अध्यक्ष शालू गुप्ता, राष्ट्रीय सलाहकार मुकेश गुप्ता, राष्ट्रीय अध्यक्ष प्राची गर्ग की उपस्थिति रही । इसमें प्रांतीय इकाइयों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया व अपने सभी प्रहरियों के प्रति भाव व्यक्त किये। थल, वायु, जल व हमारे पुलिस एव सभी सीक्रेट प्रहरियों के प्रति उमड़ते भावों को शब्दों में बाँधना, उनकी विषमताओं को पास से जिसने देखा हो वही व्यक्त कर सकता है ।
दिल्ली इकाई की अध्यक्ष ममता झा रुद्रांशी ,हरियाणा इकाई की अध्यक्ष लोकेश चौधरी ,राजस्थान इकाई की अध्यक्ष सुशीला शील, उत्तरप्रदेश इकाई की अध्यक्ष डॉ. मीता सिंह ने अपने अपने प्रदेश की बागडोर कुशलता से संभाली, कर्नाटक के रचनाकार व उत्तराखंड से निशा अतुल्य ने नव प्रस्तारित छंद में ओज पूर्ण भाव अपने प्रहरियों को समर्पित किये ।
एक शानदार आयोजन सम्मान चिन्ह व पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपनी भागीदारी का संदेश एक-एक पौधा सभी उपस्थित गणमान्य को देकर , सबसे अद्भुत मिलन के साथ स्वादिष्ट भोजन के बाद कार्यक्रम समाप्त हुआ ।

 

पुलिस वाले ने शादी का झांसा दे कर नाबालिग के साथ बनाए जबरदस्ती शारीरिक संबंधपुलिस कर्मी ने शादी का झांसा देकर नाबालिंग से किया यौन शोषण। – Uttarakhand  Kesari

-लड़की हुई गर्भवती दिया सात महीने के बच्चे को जन्म बच्चे की हुईं मौत, दो के विरुद्ध कैंपटी थाने में मुकद्दमा दर्ज

-प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना पहुंचे अस्पताल आईओ वा सीओ कैंपटी की लगाई क्लास

-महिला पीड़िता की सुरक्षा का प्रबंध ना किए जाने पर बिफरे धस्माना

-डालनवाला में तैनात दरोगा पर लगाया पीड़िता को धमकाने का लगाया आरोप

देहरादून, टिहरी जनपद के कैंपटी थाने के अंतर्गत आने वाले स्थानीय नाबालिग लड़की के साथ शादी का झांसा दे कर पीएसी हरिद्वार में तैनात एक सिपाही द्वारा जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने व बाद में लड़की के ऊपर दुष्चरित्र होने का आरोप लगा कर उसे डराने धमकाने व शादी से इंकार करने का मामला दर्ज हुआ है। लड़की जो साढ़े सत्रह साल की है सात महीने की गर्भवती थी जिसको 13 सितंबर को देहरादून के कोरोनेशं अस्पताल में भर्ती किया गया जहां उसका बच्चा हुआ जो आज मर गया। कैंपटी थाने में उक्त प्रकरण की एफ आई आर 376 व पोस्को एक्ट में दर्ज हुई है। आज लड़की के परिजन दोपहर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना को मिले और पूरा प्रकरण बताया और शिकायत करी कि डालनवाला थाने में तैनात एक दरोगा जो आरोपी नितेश का नजदीकी रिश्तेदार है मामले को दबाने के लिए दबाव डाल रहा है और एफ आई आर में भी उसने गलत तथ्य लिखवाए । श्री धस्माना तत्काल कोरोनेशन अस्पताल पहुंचे और वहां अस्पताल में महिला डाक्टर दीपिका से मिल कर पूरे मामले की जानकारी ली और पीड़िता के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के पश्चात उसकी ठीक प्रकार से देख भाल करने के लिए कहा। डॉक्टर दीपिका ने कहा कि अस्पताल में पीड़िता का पूरा ख्याल रखा जा रहा है किंतु उसकी सुरक्षा का कोई इंतजाम पुलिस द्वारा नहीं किया गया जिस पर श्री धस्माना ने सीओ कैंपटी को फोन कर इस बात पर गहरी नाराजगी जाहिर करी की अभी तक ना तो मामले में आरोपी दोनों युवकों की गिरफ्तारी हुई और ना ही अस्पताल में इलाज करवा रही पीड़िता की सुरक्षा में कोई पुलिस कर्मी तैनात है। श्री धस्माना ने कहा कि जो डालनवाला थाने में दरोगा अस्पताल जा कर पीड़िता को धमकाने गया उसके विरुद्ध कार्यवाही करें वा तत्काल अस्पताल में इलाज करवा रही पीड़िता की सुरक्षा का प्रबंध करें । श्री धस्माना ने सीओ से कहा कि वे लड़की का १६४ का बयान दर्ज करवाएं व मृतक बच्चे का डीएनए करवाने की कार्यवाही करें। सीओ ने श्री धस्माना को आश्वस्त किया कि अस्पताल में पीड़ित लड़की की सुरक्षा का तत्काल इंतजाम करवाने व मृतक बच्चे का डीएनए करवाने का काम किया जा रहा है और जिस भी दरोगा ने पीड़िता को दबाव डालने का प्रयास किया है उसके विरुद्ध भी कार्यवाही की जाएगी। श्री धस्माना ने अस्पताल में मौजूद आईओ सब इंस्पेक्टर नीलम से कहा कि वे रात को स्वयं आ कर देखेंगे कि पीड़िता की सुरक्षा की व्यवस्था हुई की नहीं। उन्होंने कहा कि वे कल इस संबंध में राज्य के पुलिस प्रमुख से मुलाकात करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर मुख्यमंत्री से भी मिल कर महिलाओं के विरुद्ध घट रही आपराधिक वारदातों पर सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे। श्री धस्माना के साथ महिला कांग्रेस की नेत्री सुशीला शर्मा, आदर्श सूद, निहाल सिंह, यामीन खान , वीरेश शर्मा मौजूद रहे।

 

अंकिता को न्याय दिलाने के लिए उतरे हजारों लोग : गांधी पार्क से निकाला कैंडल मार्च

देहरादून (दीपिका गौड़), अंकिता भण्डारी को न्याय दिलाने के लिए, फिर एकबार राजधानी दून की सड़कों में उतरकर हजारों लोगों ने गांधी पार्क से कैंडल मार्च निकाला । अंकिता भंडारी ये नाम सुन आज भी रूह कांप जाती है। अपने परिवार की आर्थिकी सुधारने, बेहतर जीवन के लिए अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी पहाड़ की बेटी अंकिता। लेकिन उस बेटी के साथ क्या हुआ था। ये किसी से भी छुपा नहीं, 2 वर्ष भी होने को है मगर न्याय के लिए परिजन आज भी दर दर भटक रहे है।
अंकिता भण्डारी हत्याकांड के 2 वर्ष पूरे होने से कुछ दिन पहले फिर से न्याय की आवाज़ें जोर पकड़ने लग गई है ।
पहाड़ी स्वाभिमान सेना संगठन के आह्वान में बड़ी संख्या में लोग गांधी पार्क में रविवार सायं को जुटे । गांधी पार्क से कैंडल मार्च के रूप में लोगों ने चलना शुरू किया और अंकिता भण्डारी को न्याय दो, वीआईपी का खुलासा करो, अंकिता हम शर्मिंदा है तेरे कातिल है ज़िंदा है के नारों के साथ जलूस चला जो कि घण्टाघर में इन्द्रमणि बडोनी मूर्ति परिसर में समाप्त हुआ, कथित वीआईपी के खुलासे से लेकर न्याय प्रक्रिया में हो रहे विलम्ब से लोग आक्रोशित दिखे ।

पहाड़ी स्वाभिमान सेना के कार्यक्रम संयोजक पंकज उनियाल ने कहा की अंकिता भण्डारी हत्याकांड को दो वर्ष होने को आये है परंतु अभी तक न्याय दूर दूर तक नजर नही आ रहा है । न तो वीआईपी के नाम का खुलासा हो रहा है न ही इस केस को फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट में ट्रांसफर किया जा रहा है ।
इस मौके पर मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी, पहाड़ी स्वाभिमान सेना के कपिल रावत, महिला मंच से कमला पंत ने कहा कि उत्तराखण्ड महिलाओं के लिए एक असुरक्षित प्रदेश बनता जा रहा है । जहां एक ओर अंकिता भण्डारी हत्याकांड के बाद सरकार को महिला सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए थे वहीं दूसरी ओर महिलाओं के साथ राज्य में बलात्कार और दुराचार की घटना में बढ़ोतरी हुई है ।
मूल निवास भू कानून समन्वय समिति के सह संयोजक लूशुन टोडरिया, पहाड़ी स्वाभिमान सेना के राकेश नेगी, महिला मंच से निर्मला बिष्ट ने कहा कि आरजी मेडिकल कॉलेज कोलकाता के प्रिंसिपल संजय घोष को साक्ष्य मिटाने के दोष में गिरफ्तार किया जा सकता है ,लेकिन अंकिता भंडारी केस में बुलडोजर चला कर के साक्ष्य मिटाने वाली विधायक और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में क्यों नहीं लाई गई? एक ही देश में एक संविधान और दो विधान कैसे चल सकते है । सुरेंद्र नेगी, राजेश पायल ने कहा कि अंकिता भण्डारी हत्याकांड सिर्फ राज्य के लिए पूरे देश के लिए एक चौकानें वाला घटनाक्रम था जिससे हर व्यक्ति सकते में आ गया था । पूरे देश से अंकिता भण्डारी और उसके परिवार के लिए न्याय की बात उठने लगी थी परंतु सरकार का इस मुद्दे पर सीबीआई जांच न कराने के कारण बहुत से बड़े लोग जो इस मामले में लिप्त हो सकते है उनके नाम जनता के सामने नही आ रहे जिससे इस कांड के मुख्य साजिशकर्ता अभी भी कानून की गिरफ्त से बहुत दूर है ।
पहाड़ी स्वाभिमान सेना के इस आह्वान में मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति, उत्तराखंड़ महिला मंच
संयुक्त आंदोलनकारी संगठन, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच सहित विभिन्न संगठन शामिल रहे ।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments