Tuesday, November 26, 2024
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पुलिस ने किया खुलासा : ऋषिकेश से गायब कारोबारी का शव बिजनौर में फेंका, तीन आरोपी गिरफ्तार

देहरादून, उत्तराखंड़ के ऋषिकेश से गायब कारोबारी राजकुमार गुप्ता की रुपयों के लेनदेन में हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोप में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। जघन्य हत्याकांड का खुलासा रविवार को एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने पत्रकार वार्ता में किया। उन्होंने बताया कि गत 15 जनवरी को रूपेश गुप्ता निवासी मायाकुंड ऋषिकेश ने अपने पिता राजकुमार गुप्ता की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया था कि उनके पिता रोज की तरह अपने स्कूटर से दोपहर एक बजे निकले थे और घर वापस नहीं पहुंचे। इसके बाद इंस्पेक्टर ऋषिकेश रितेश शाह के नेतृत्व में पुलिस ने पड़ताल शुरू की। मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लगाया गया।

पुलिस ने सक्रियता से की जांच पड़ताल

मामले को लेकर 55 सीसीटीवी फुटेज तलाशे गए और संदिग्धों से पूछताछ की गई। एक फुटेज में राजकुमार गुप्ता के साथ उनका परिचित सुरेश चौधरी देखा गया। परिजनों ने बताया कि सुरेश चौधरी उनका पारिवारिक मित्र है। इसके बाद पुलिस ने शनिवार को सुरेश चौधरी निवासी बापू ग्राम ऋषिकेश को हिरासत में लिया। उसके साथ दो अन्य व्यक्ति इंद्रपाल सिंह उर्फ पप्पू निवासी गुरदासपुर थाना स्योहरा और राजकुमार निवासी चक्कर चौराहा बिजनौर शहर भी पकड़े गए। सख्ती से पूछताछ करने पर सुरेश चौधरी ने बताया कि उसने राजकुमार गुप्ता से दो साल पहले अपनी बेटी की शादी के लिए छह लाख रुपये ब्याज पर लिए थे।

इसके बाद से वह लगातार गुप्ता को ब्याज दे रहा था, लेकिन गुप्ता बार-बार दबाव बना रहा था। 15 जनवरी को उसने अपने इन साथियों के साथ मिलकर उसे मारने की योजना बनाई। गुप्ता को बहाना बनाकर अपने पास बुलाया और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए उन्होंने अपनी कार में रख लिया। रास्ते में चेकिंग ज्यादा थी तो वे शव को कहीं नहीं फेंक सके और सीधे बिजनौर के मंडावर थाना क्षेत्र में फेंक दिया। वहां शव पर पेट्रोल डालकर जलाना भी चाहा। एसएसपी डॉ. रावत ने बताया कि आरोपियों की निशानदेही पर वहां से एक खाली डिब्बा भी बरामद हुआ है, जिसमें पेट्रोल भरकर ले जाया गया था। लापता कारोबारी की तलाश में ऋषिकेश पुलिस ने मंडावर पुलिस से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि क्षेत्र के इनामपुरा रजबहे के पास एक अज्ञात शव बरामद हुआ था। शव को शिनाख्त के लिए मोर्चरी में रखा गया, लेकिन 72 घंटे तक पहचान नहीं हो पाई। इस पर 19 जनवरी को दाह संस्कार लावारिस में कर दिया गया था। दो जनवरी को ठानी थी हत्या की
पूछताछ में सुरेश चौधरी ने बताया कि राजकुमार गुप्ता उसकी पत्नी पर बुरी नजर रखता था। गत दो जनवरी को उसने राजकुमार गुप्ता को अपने घर पर पत्नी के साथ देखा था। तभी से ठान ली थी कि गुप्ता की हत्या करनी है। इसी लालच में गुप्ता फंस भी गए थे। उसने 15 जनवरी को गुप्ता को बापूग्राम की तरफ बुलाया और कहा कि पैसों का इंतजाम हो गया है साथ ही लड़की भी मिल जाएगी। यह सुनते ही गुप्ता उनके साथ कार में सवार हो गए। इसके बाद सोमेश्वर नगर होते हुए स्मृति वन के अंदर जंगल में ले गया। वहां पर पहले से ही सुरेश के दोनों साथी मौजूद थे। यहां तीनों ने गुप्ता की हत्या कर दी।

एक-एक लाख रुपये के लालच में हत्याकांड में हुए शामिल
सुरेश मूल रूप से गुरदासपुर स्योहरा बिजनौर का रहने वाला है। वह ऋषिकेश के बापूग्राम में रेत बजरी और भूसा सप्लाई करता है। उसके दो साथी भी वहां पर छोटा मोटा काम करते हैं। सुरेश ने दोनों को एक-एक लाख रुपये का लालच दिया और अपने साथ हत्या में शामिल कर लिया।
मामले का खुलासा करने वाली टीम में इंस्पेक्टर रितेश शाह, एसएसआई ओमकांत भूषण, दरोगा सतेंद्र भाटी, कांस्टेबल नवनीत सिंह, मनोज कुमार, प्रवीण संधू संदीप छाबड़ी और नीरज शामिल हैं। एसएसपी ने टीम को ढाई हजार रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है।

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