“म्यूजियम के द्वारा आम-जनमानस के वैज्ञानिक दृष्टिकोण में लाया जा सकता है बदलाव”
देहरादून, इंटरनेशनल म्यूजियम डे (18 मई ) के अवसर पर केंद्र द्वारा इस वर्ष की थीम “Museums, Sustainability and Wellbeing” पर इंटरैक्टिव लेक्चर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. ऐ. के. नंदा, सेवानिवृत वैज्ञानिक एवं क्यूरेटर वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी रहे साथ ही श्री जी. एस. रौतेला, सलाहकार साइंस सिटी एवं डॉ. डीपी उनियाल सयुक्त निदेशक यूकॉस्ट ने प्रतिभाग किया। अपने सम्बोधन में डॉ. ऐ के नंदा ने वाडिया इंस्टिट्यूट द्वारा संचालित किये जा रहे संग्रालय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उनके द्वारा बताया गया की किस तरह वाडिया इंस्टिट्यूट में म्यूजियम की स्थापना की गयी एवं म्यूजियम में उपलब्ध पुराने जीवाश्मों के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई गयी । श्री जी. एस. रौतेला द्वारा समाज में साइंस म्यूजियम की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उनके द्वारा कहा गया की किस तरह म्यूजियम के द्वारा आम-जनमानस के वैज्ञानिक दृष्टिकोण में बदलाव लाया जा सकता है साथ ही नयी तकनीक का प्रयोग कर म्यूजियम से और अधिक लोगों को जोड़ा जा सकता है। साइंस वैन के माध्यम से दूर दराज़ इलाकों में विज्ञान के प्रचार प्रसार के संबंध में भी उनके द्वारा जनकारी दी गयी । डॉ. डी.पी. उनियाल द्वारा छात्रों को आंचलिक विज्ञानं केंद्र एवं हिमालयन गैलरी के संबंध मे जानकारी दी गयी।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. पीयूष जोशी, प्रभारी आ.वि.केंद्र द्वारा किया गया। कार्यक्रम में समस्त यूकॉस्ट स्टाफ, आईटी आईटीआई झाझरा के छात्रों एवं सामान्य आगंतुकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
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