पिथौरागढ़ (मुनस्यारी),पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अथक प्रयासों से हिमनगरी में राजस्थान की तर्ज़ पर जनजाति संस्कृति पर आधारित एक माह का गीत, नृत्य एवं वाद्य यंत्र का प्रशिक्षण आज से शुरू हो गया है। कुछ दिनों के बाद आपको यहां पर्यटन तथा संस्कृति का समन्वय स्वरोजगार के क्षेत्र में नजर आयेगा।
निदेशालय संस्कृति उत्तराखंड द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण के माध्यम से हिमनगरी में एक अनूठा नवाचार होने वाला है, जिसकी नींव इस प्रशिक्षण के माध्यम से रखी जा रही है। इस प्रशिक्षण के बाद सांस्कृतिक दलों का गठन कर टूरिज्म सीजन में देशी एवं विदेशी पर्यटकों को शौ दिखाकर स्वरोजगार के नाते आयाम स्थापित किए जाने की योजना है।
आज ग्राम पंचायत जैती के मिलनकुटिया स्थित पंचायत घर में इस प्रशिक्षण का उद्घाटन जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने किया।
इस प्रशिक्षण में स्थानीय लोक कलाकारों तथा इसमें रुचि रखने वाले युवाओं, महिलाओं को गीत, नृत्य एवं वाद्य यंत्र की विधा में दक्ष बनाया जा रहा है।
मास्टर ट्रेनर्स हेमा भट्ट तथा पार्थ भट्ट, गौरव कुमार गगन द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जिपंस जगत मर्तोलिया ने बताया कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस अनूठे नवाचार को यहां आयोजित करने का अवसर प्रदान किया है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कहीं पर भी राजस्थान की तर्ज़ पर पर्यटन तथा संस्कृति की एकरुपता टूरिज्म में नजर नहीं आता है। इस प्रशिक्षण के बाद मुनस्यारी में उत्तराखंड के टूरिज्म के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा तो यह मील का पत्थर साबित होगा।
प्रशिक्षण का संचालन कर रही संस्था सोसायटी फॉर एक्सन इन हिमालया पिथौरागढ़ की सचिव पुष्पा ने बताया कि एक माह के प्रशिक्षण में उभरी प्रतिभावों का एक सांस्कृतिक दल रजिस्ट्रेड किया जाएगा। उसके बाद राजस्थान की तर्ज़ पर सांस्कृतिक टूरिज्म की शुरुआत कर स्वरोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे।
प्रतिदिन आठ घंटे प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
उद्घाटन समारोह में जैती की ग्राम प्रधान पुष्पा रावत, महेश रावत, यशंवत सिंह बृजवाल, नीमा पांगती, ममता टोलिया, लवराज कुमार, जया नित्वाल, गौरव कुमार, उर्मिला लस्पाल, डाली पांगती, चन्द्रा, पूजा रावत, कृष्णा वर्मा, शीला धामी, दीपा मर्तोलिया, प्रेमा देवी, उर्मिला लस्पाल, कृष्णा वर्मा आदि मौजूद रहे।
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