नई दिल्ली, डॉ. एन. के. अरोड़ा की अध्यक्षता वाले कोविड कार्यसमूह ने कोविशील्ड टीके की पहली और दूसरी खुराक के बीच के अंतराल को 12-16 सप्ताह तक बढ़ाने की सिफारिश की थी। भारत सरकार ने 13 मई, 2021 को इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया है।
भारत सरकार ने राज्यों और केन्द्र – शासित प्रदेशों को इस बदलाव के बारे में बता दिया है। कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच 12-16 सप्ताह के अंतराल संबंधी इस परिवर्तन को दर्शाने के लिए कोविन डिजिटल पोर्टल को भी फिर से आकार दिया गया है।
कोविशील्ड की दूसरी खुराक के लिए पहले से बुक किए गए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट मान्य रहेंगे; कोविन द्वारा उन्हें रद्द नहीं किया जा रहा है
‘लाभार्थियों को कोविशील्ड के दो खुराकों के बीच बढ़े हुए अंतराल के अनुरूप दूसरी खुराक के लिए अपॉइंटमेंट को पुनर्निर्धारित करने की सलाह दी गई’
हालांकि मीडिया के एक वर्ग में ऐसी खबरें आई हैं कि जिन लोगों ने कोविन पर 84 दिनों से कम समय में दूसरी खुराक के लिए अपने अपॉइंटमेंट की प्री-बुकिंग की थी, उन्हें कोविशील्ड की दूसरी खुराक दिए बिना ही टीकाकरण केंद्रों से वापस भेज दिया जा रहा है।
यहां यह स्पष्ट किया जाता है कि कोविन डिजिटल पोर्टल में अब इस आशय के अपेक्षित परिवर्तन कर दिए गए हैं। इसकी वजह से,पहली खुराक की तारीख से 84 दिनों से कम का अंतराल होने की स्थिति में लाभार्थी की दूसरी खुराक के लिए आगे ऑनलाइन या ऑन-साइट अपॉइंटमेंट संभव नहीं होगा।
इसके अलावा, कोविशील्ड की दूसरी खुराक के लिए पहले से बुक की गई ऑनलाइन अपॉइंटमेंट वैध रहेगी और कोविन द्वारा उन्हें रद्द नहीं किया जा रहा है। यही नहीं, लाभार्थियों को इस बात की सलाह दी जाती है कि वे पहली खुराक के टीकाकरण की तारीख से 84वें दिन के बाद की तारीख के लिए अपने अपॉइंटमेंट को पुनर्निर्धारित करें।
केन्द्र सरकार ने राज्यों और केन्द्र- शासित प्रदेशों के सामने इस बात को दोहराया है कि कोविशील्ड की दो खुराक के बीच अंतराल से संबंधित इस बदलाव से पहले कोविशेल्ड की दूसरी खुराक के लिए बुक की गई ऑनलाइन अपॉइंटमेंट पर अवश्य अमल किया जाना चाहिए।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों/ केन्द्र – शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि फील्ड स्टाफ को यह निर्देश दिया जाए कि यदि ऐसे लाभार्थी टीकाकरण के लिए आते हैं, तो उन्हें कोविशील्ड की दूसरी खुराक अवश्य दी जानी चाहिए और उन्हें वापस नहीं भेजा जाना चाहिए। उन्हें इस बदलाव के बारे में लाभार्थियों को सूचित करने के लिए जागरूकता गतिविधियां चलाने की भी सलाह दी गई है।
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