Monday, December 30, 2024
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एम्स में शुरू हुई कोविड स्क्रीनिंग ओपीडी : सुबह 9 से सांय 5 बजे तक होगी जांच, संभावित संक्रमण को देखते हुए संस्थान ने उठाया कदम

ऋषिकेश,कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण को देखते हुए एम्स ऋषिकेश में कोविड स्क्रीनिंग ओपीडी की शुरुआत कर दी गई है। संस्थान के ट्राॅमा सेन्टर के सम्मुख स्थापित इस ओपीडी एरिया में फ्लू क्लीनिक के माध्यम से प्रत्येक संदिग्ध रोगी की कोविड जांच भी की जाएगी।

कोरोना वायरस संक्रमण के संभावित प्रसार से लड़ने के लिए एम्स ऋषिकेश पूरी तरह तैयार है। संस्थान ने इस सम्बन्ध स्क्रीनिंग ओपीडी की शुरुआत करने के साथ-साथ आपात स्थिति वाले कोविड संक्रमित मरीजों के लिए 6 बेड भी रिजर्व किए हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान देश के विभिन्न क्षेत्रों में कोरोना वायरस के उप-स्वरूप जेएन.1 के कुछ नए मामले सामने आए हैं। हालांकि उत्तराखंड में कोरोना के नए वायरस से ग्रसित मरीज का एक भी मामला अभी प्रकाश में नहीं आया है। लेकिन एतिहातन स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों को तेज करते हुए एम्स ऋषिकेश द्वारा संदिग्ध मरीजों की कोविड जांच सुविधा शुरू कर दी है।

इस बाबत एम्स के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह ने बताया कि संस्थान की निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह के दिशा-निर्देशों के अनुरूप अस्पताल प्रशासन द्वारा कोविड संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग करने हेतु यह कदम उठाया गया है। उन्होंने बताया कि एम्स के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर आर.बी. कालिया ने इस बारे में एक रोज पूर्व ही सम्बन्धित विभागों की बैठक ली थी। बैठक के दौरान प्रो. कालिया ने अस्पताल पहुंचने वाले प्रत्येक कोविड संदिग्ध व्यक्ति की स्क्रीनिंग करने को कहा था। अनुपालन में कोरोना संक्रमण जांच हेतु ट्राॅमा सेन्टर के सम्मुख कोविड स्क्रीनिंग ओपीडी एरिया बनाया गया है। इस ओपीडी में सुबह 9 बजे से सांय 5 बजे तक दैनिक तौर से कोविड संदिग्ध और फ्लू से ग्रसित मरीजों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी। इसे ’फ्लू क्लीनिक’ का नाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना की पिछली लहर के दौरान देखा गया कि कोरोना वायरस अपना स्वरूप बदलने में माहिर है, इसलिए फ्लू क्लीनिक में प्रत्येक ऐसे मरीज की जांच की जाएगी जो खांसी, बुखार, सर्दी और जुकाम जैसे लक्षणों से प्रभावित हो। आवश्यकता पड़ी तो ऐसे संदिग्ध मरीज का कोविड सैम्पल लेकर जांच हेतु भी भेजा जाएगा।
जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि फ्लू क्लीनिक में निर्धारित ओपीडी टाईम सांय 5 बजे के बाद अस्पताल पहुंचने वाले आपात स्थिति के कोविड संदिग्ध लोगों को अस्पताल की मेडिसिन इमरजेंसी में जांच कराने की सुविधा होगी। उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण के चलते अस्पताल के जिरियाट्रिक वार्ड में 6 बेड कोविड संदिग्ध मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। यहां आपात स्थिति के कोविड संदिग्ध मरीजों को उपचार हेतु भर्ती किया जाएगा।

 

 

दीक्षांत समारोह में मेधावियों को मिले मेडल : राज्यपाल व सीएम ने सराहा ओपन यूनिवर्सिटी का कांसैप्ट

 

-उच्च शिक्षा मंत्री बोले, डीजी लॉकर से मिलेंगी छात्रों को डिग्रियां

-विश्वविद्यालयों में लागू होगी केन्द्रीय मूल्यांकन व्यवस्था, मिलेंगे 20-20 करोड़

हल्द्वानी/ देहरादून, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के अष्टम दीक्षांत समरोह में राज्यपाल (रि.) लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने 21 छात्रों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, दो छात्रों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक एवं तीन प्रायोजक स्वर्ण पदक प्रदान किये। इसके साथ ही पांच छात्रों को पीएचडी की उपाधि तथा विभिन्न विद्याशाखाओं में 15417 को स्नातक और स्नाकोत्तर की उपाधि प्रदान की गई। इस दौरान राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने मुक्त विश्वविद्यालय के कॉसैप्ट की सराहना की, साथ ही उन्होंने सभी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार ने तीन बड़े कदम उठाये हैं जिसमें प्रत्येक छात्र-छात्राओं का अब डीजी लॉकर के माध्यम से डिग्रियां दी जायेगी। दूरस्थ शिक्षा में एडमिशन लेने वाले छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पुस्तकें वितरित की जायेंगी। परीक्षा परिणाम समय पर घोषित हों इसके लिये प्रत्येक विश्वविद्यालयों में केन्द्रीय मूल्यांकन व्यवस्था लागू की जायेगी इसके लिये पीएम-रूसा से तहत विश्वविद्यालयों को 20-20 करोड़ की धनराशि आवंटित की जायेगी।
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुये विश्वविद्यालय के कुलाधिपति व राज्यपाल (रि.) लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि ओपन यूनिवर्सिटी डिस्टेंस एजूकेशन में बेहतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है, कि बेटियों ने एक बार फिर से अव्वल काम किया है। उन्होंने नई शिक्षा प्रणाली को बेहतर ढंग से लागू करने और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्यों को पूरा करने का छात्र-छात्राओं से आहवान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड छात्र-छात्राओं व शिक्षकों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। कहा कि उच्च शिक्षा उत्तराखंड में एक सेतु का काम कर रही है।
दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुये प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार प्रदेश में परिणाम आधारित गुणवत्तापरक शिक्षा के लिये दृढ़ संकल्पित है। इसके लिये सरकार ने उच्च शिक्षा के अंतर्गत विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एक प्रदेश, एक प्रवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम, एक दीक्षांत व एक चुनाव का कॉसेप्ट लागू किया है। जिसके नतीजे सामने आने लगे हैं। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने तीन बड़े निर्णय लिये हैं जिसमें विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को अब डीजी लॉकर के माध्यम से शैक्षिक प्रमाण पत्र दिये जायेंगे इससे छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालयों के अनावश्यक चक्कर नहीं काटने पड़ें और उनका समय भी बर्बाद नहीं होगा। उन्होंने कहा कि समय पर परीक्षा परिणाम घोषित हो सके इसके लिये प्रत्येक विश्वविद्यालय में केन्द्रीय मूल्यांकन की व्यवस्था की जायेगी। इसके लिये विश्वविद्यालयों को पीएम-रूसा के तहत 20-20 करोड़ की धनराशि आवंटित की जायेगी। डॉ. रावत ने कहा कि इससे विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की शैक्षिक गतिविधियों में सुधार होगा और शिक्षण संस्थानों में 180 दिवस पढ़ाई हो सकेगी। इसके अलावा राज्य सरकार ने दूरस्थ शिक्षा में एडमिशन लेने वाले छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पुस्तक उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेश में शैक्षिक कैलेण्डर में समानता लाने के लिये विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत अभी से 10वीं व 12वीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने की तिथि 30 अप्रैल 2024 नियत कर दी गई है, ताकि छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिय समय पर अवेदन कर सके।
इस अवसर पर यूओयू के कुलपति ओपीएस नेगी, लालकुआं विधायक मोहन सिंह बिष्ट, नैनीताल विधायक सरिता आर्या, भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा, निवर्तमान मेयर जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, समेत कई लोग मौजूद रहे। इस दौरान कुमाऊँ आयुक्त दीपक रावत, पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमाऊँ डॉ. योगेंद्र रावत, जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा सहित कई प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

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