नई दिल्ली, दिल्ली एयरपोर्ट पर असम पुलिस ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को गिरफ्तार कर लिया गया है। गुरुवार को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा अन्य नेताओं के साथ रायपुर में हो रहे अधिवेशन में शामिल होने जा रहे थे। दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि नियमों के तहत असम पुलिस की अपील पर कार्रवाई हुई है, गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पवन खेड़ा का पहले मेडिकल कराया गया फिर उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पेश किया, जहां इस मामले में सुनवाई चली। पवन खेड़ा की ओर से मनु सिंघवी ने उनकी पैरवी की। उन्होंने सुनवाई के दौरान कोर्ट में खेड़ा की गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने की मांग की। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा को राहत देते हुए द्वारका कोर्ट को अंतरिम जमानत देने का निर्देश दिया।
गौरतलब हो कि गुरुवार को पवन खेड़ा दिल्ली से रायपुर जा रही फ्लाइट में बैठने वाले थे। लेकिन उन्हें रायपुर जाने से रोक दिया गया। कांग्रेस ने पहले दावा किया कि पवन खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट पर पुलिस ने हिरासत में लेने का प्रयास किया गया। लेकिन बाद में ट्वीट किया कि दावा किया कि पवन खेड़ा को गिरफ्तार कर लिया गया है।
साथ ही कांग्रेस ने सवाल किया कि खेड़ा ने ऐसा कौन सा जुर्म कर दिया। ये तानाशाही नहीं तो क्या है। पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस के नेता धरने पर बैठ गए। वहीं, दिल्ली से रायपुर जा रही फ्लाइट 6E-204 को भी रद्द कर दिया गया है। गिरफ्तारी के बाद पवन खेड़ा ने बताया कि ये एक लंबी लड़ाई है और मैं लड़ने के लिए तैयार हूं।
असम पुलिस के आईजीपी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार भुइयां ने कहा कि असम के दीमा हसाओ जिले के हाफलोंग थाने में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। असम पुलिस का कहना है कि खेड़ा के बयान से माहौल खराब हो रहा है। उन्होंने बताया कि पवन खेड़ा को स्थानीय कोर्ट में पेश कर रिमांड लेने के लिए असम पुलिस की एक टीम दिल्ली गई है। कोर्ट के बाद खेड़ा को असम लाया जाएगा।
आपको बता दें कि हाल ही में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसे लेकर भाजपा ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
कांग्रेस का दावा-फ्लाइट से उतारा गया :
इससे पहले, कांग्रेस ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि आज इंडिगो की फ्लाइट 6E-204 से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिल्ली से रायपुर के लिए जा रहे थे। सभी लोग फ्लाइट में बैठ गए थे, उसी दौरान कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को फ्लाइट से उतरने को कहा गया। कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि सबसे पहले ईडी छत्तीसगढ़ भेजी गई। अब कांग्रेस अधिवेशन में शामिल होने जा रहे पवन खेड़ा को फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया गया। इस तानाशाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।
पहले ईडी ने रायपुर में छापामारी की, अब पवन खेड़ा को रोका
उधर, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा कि पहले ईडी ने रायपुर में छापामारी की, अब पवन खेड़ा को दिल्ली पुलिस द्वारा रायपुर के जहाज़ से उतारा गया है। तानाशाही का दूसरा नाम अमित शाही है। मोदी सरकार हमारे राष्ट्रीय महाअधिवेशन को बाधित करना चाहती है। हम डरने वाले नहीं हैं, देशवासियों के लिए संघर्ष करते रहेंगे।
वहीं, पवन खेड़ा ने कहा कि मुझे कहा गया कि आपके सामान को लेकर कुछ समस्या है, जबकि मेरे पास केवल एक हैंडबैग है। जब फ्लाइट से नीचे आया तो बताया गया कि आप नहीं जा सकते हैं। फिर कहा गया- आपसे DCP मिलेंगे। मैं काफी देर से इंतजार कर रहा हूं। नियम, कानून और कारणों का कुछ अता-पता नहीं है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को दिल्ली हवाईअड्डे पर विमान में सवार होने से रोक दिया गया क्योंकि असम पुलिस ने उन्हें रोकने का अनुरोध किया था।
पवन खेड़ा मामले में क्या-क्या हुआ सुप्रीम कोर्ट में :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने पवन खेड़ा को अंतरिम जमानत दे दी है. खेड़ा को असम पुलिस नहीं ले जा सकेगी | हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह एफआईआर खारिज नहीं कर सकते. जबकि असम पुलिस की ओर से पेश वकील ने कहा है कि देश की एकता के साथ पवन खेड़ा ने खिलवाड़ किया है. आइए अब आपको बताते हैं कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ |
इस मामले पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने सुनवाई की, पवन खेड़ा की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनको गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए. खेड़ा के खिलाफ असम, बनारस और लखनऊ में मामले दर्ज हैं. इन सभी मामलों को एक साथ जोड़ा जाए. वहीं असम सरकार की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को वीडियो सौंपा और कहा कि कोर्ट देखे कि इस वीडियो में पीएम के खिलाफ क्या-क्या कहा गया है |
सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, मैं मानता हूं कि जो पवन खेड़ा ने कहा वह नहीं कहना चाहिए था, उनका खुद मानना है कि जुबान फिसल गई थी | लेकिन इतने गंभीर केस राजनीतिक बयानबाजी पर नहीं लगाए जा सकते. यह अभिव्यक्ति की आजादी का हनन है. गिरफ्तारी में भी प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ, सिंघवी ने आगे कहा, जो अपराध खेड़ा ने किया है, उसमें अधिकतम सजा ही 3 और 5 साल है. सीआरपीसी की धारा 41 के तहत असम पुलिस ने आरोपी को पूछताछ के लिए समन नहीं भेजा, बल्कि सीधे गिरफ्तारी के लिए आ गए |
इसके बाद चीफ जस्टिस ने सभी एफआईआर को एक जगह करने का आदेश दिया, ताकि वे राहत के लिए हाई कोर्ट का रुख कर सकें. कोर्ट ने कहा कि हम एफआईआर दर्ज नहीं कर सकते. सीजेआई ने वह बयान भी सुना जो खेड़ा ने पीएम मोदी पर दिया था, इसके बाद उन्होंने पूछा कि यह सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला कैसे है |
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