नई दिल्ली,। जन धन योजना को आज 7 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी। अपने ट्वीट में पीएम ने कहा कि इस पहल ने भारत के विकास की दिशा को बदल दिया। मोदी ने कहा, इस योजना ने आर्थिक समावेश के साथ अनगिनत भारतीयों को सम्मान का जीवन दिया और उनका सशक्तीकरण किया है।
जन धन योजना का एलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को लाल किले से अपने पहले संबोधन में किया था।
इस कार्यक्रम की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को हुई थी। इस योजना को आर्थिक समावेश के राष्ट्रीय मिशन के तहत शुरू किया गया था। वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, फिलहाल इस बैंकिंग सुविधा के साथ 43.04 करोड़ लाभार्थी जुड़े हैं। यानी देश की करीब 32.08 फीसदी जनता इस योजना के दायरे में है। इसके अलावा फिलहाल इन बैक अकाउंटों में जमा राशि 146.23 करोड़ बताई जाती है। 18 अगस्त 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में इस वक्त 43.04 करोड़ जन धन बैंक खाते हैं, जो कि मार्च 2015 के 14.72 करोड़ मुकाबले लगभग तीन गुना हैं। इस योजना का सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं को मिला है, क्योंकि कुल खातों में 55 फीसदी महिलाओं के नाम पर ही हैं। इसके अलावा 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण या छोटे शहरी इलाकों में हैं।
कुल खातों में 5.82 करोड़ निष्क्रिय, इनमें महिलाओं के 2.02 करोड़ अकाउंट
जन धन योजना के तहत जितने खाते खुले हैं, उनमें से 36.86 करोड़ खाते (85.98 प्रतिशत) सक्रिय हैं। वहीं, 5.82 करोड़ अकाउंट (14.02 फीसदी) अभी निष्क्रिय हैं। यह जवाब सरकार ने पिछले महीने ही राज्यसभा में दिया था। इसके मुताबिक, कुल निष्क्रिय खातों में से 2.02 करोड़ महिलाओं के हैं, जो कि कुल निष्क्रिय अकाउंट्स का 35 फीसदी है।
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