नैनीताल (रामनगर), कॉर्बेट नेशनल पार्क में सैलानियों के प्रवेश शुल्क, नाइट स्टे सहित कई अन्य मदों में की गई बेतहाशा बढ़ोतरी के विरोध में कॉर्बेट जिप्सी वेलफेयर एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया है।
बुधवार को कॉर्बेट जिप्सी वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में परमिट शुल्क में की गई वृद्धि को बहुत ज्यादा बताते हुए इसे स्थानीय लोगों को कॉर्बेट पार्क से दूर करने के प्रयास बताते हुए इस निर्णय के विरोध में 1 व 2 अक्टूबर को सभी जिप्सी चालक व जिप्सी स्वामियों ने कार्बेट नेशनल पार्क में जिप्सी संचालन न करने का निर्णय लिया है। एसोसिएशन पदाधिकारियों का कहना है कि पार्क के परमिट शुल्क सहित अन्य मदो में की गई इस बढ़ौतरी के बारे में उनके द्वारा हमारे विभिन्न अधिकारियों से मिलने का प्रयास किया गया। लेकिन अधिकारियों द्वारा हमें अभी तक मिलने का समय तक नहीं दिया गया है।
राज्य सरकार के द्वारा कार्बेट टाईगर रिजर्व में दिवसीय भ्रमण/रात्रि स्थगन में सौ से लेकर तीन सौ प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी गई है। संशोधित शुल्क वृद्धि में चार घंटे के लिए एक हजार रुपए का नया अवयवहारिक कैमरा शुल्क लगा दिया गया है जो कि एकदम गलत है। यह शुल्क केवल व्यवसायिक फिल्मांकन पर लिया जाना चाहिए। परमिट शुल्क पांच सौ रूपया प्रति सैलानी किया गया है तो यह शुल्क भी प्रति व्यक्ति के हिसाब से ही लागू होना चाहिए। एक ही व्यक्ति/सैलानी से छः व्यक्तियों का शुल्क लेना सरासर गलत है। उत्तराखण्ड के स्थानीय व्यक्तियों को 50 प्रतिशत की पार्क में भ्रमण की विशेष छूट दी जानी चाहिए, जिससे कि उत्तराखण्ड के स्थानीय लोग भी सामान्य शुल्क पर नेशनल पार्क का भ्रमण कर पायें।
कॉर्बेट जिप्सी वेलफेयर एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि इन बिन्दुओं का तत्काल प्रभाव से निस्तारण नहीं किया गया तो 1 व 2 अक्टूबर को जिप्सी व्यवसाईयों द्वारा जिप्सी संचालन का कार्बेट टाईगर रिजर्व पूरी तरह से ठप्प रखा जाएगा। कार्य बहिष्कार से होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान की जिम्मेदारी कॉर्बेट प्रशासन की होगी। इस दौरान बैठक में प्रेम सिंह मेहरा, गिरीश धस्माना, सचिव ललित नेगी, कोषाध्यक्ष नूर मोहम्मद, उपाध्यक्ष संतोष पपने, उमेद सिंह नेगी, फरीद अहमद, इकबाल, जयपाल नेगी, संदीप मेहरा, महेश बिष्ट, जीवन रौतेला आदि लोग मौजूद रहे।
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