देहरादून, भाजपा ने कांग्रेस को आइना दिखाते हुए कहा यदि सीबीआई जांच ही कार्यवाही का मापदंड है तो सबसे पहले उन्हें हरीश और हरक को पार्टी से निकलना चाहिए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने चुनौती देते हुए कहा कांग्रेस दोनों को पार्टी से निकाले, हम एक घंटे में अपने विधायक पर कार्यवाही कर देंगे। साथ ही इन्वेस्टर समिट को लेकर 2.5 लाख करोड़ के लक्ष्य को पार करने का दावा किया।
पार्टी मुख्यालय में उद्यान प्रकरण को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर पूछे गए सवाल का जबाव देते हुए श्री भट्ट ने कहा सीबीआई जांच को लेकर कांग्रेस दोहरा और सुविधावादी रुख अपनाती हैं। जब पूर्व सीएम हरीश रावत और हरक सिंह रावत पर स्टिंग मामले में सीबीआई जांच की बात आती है तो उन्हे सीबीआई पर भरोसा नहीं होता है। लेकिन जब अनायास किसी भाजपा नेता का नाम सीबीआई जांच में आता है तो तुरंत उसे दोषी ठहराते हुए उसके इस्तीफे और पार्टी से निकलने की मांग करती है।
उन्होंने कहा कांग्रेस के अनुसार यदि सीबीआई जांच को ही इस्तीफे या पार्टी से निकालने का मापदंड माना जाए तो उन्हे पहले ही पूर्व सीएम हरदा और हरक को अपनी पार्टी से निकाल देना चाहिए। उन्होंने चुनौती दी कि वे जिस समय दोनों को पार्टी से निकाल देंगे, में तुरंत एक घंटे में अपने विधायक पर कार्यवाही कर दूंगा।
श्री भट्ट ने कहा भाजपा सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है, यही वजह है कि आईएएस, आईएफएस समेत अनेकों बड़े अधिकारियों को भी आरोप लगने पर सलाखों के पीछे पहुंचाया गया। जहां तक सवाल है उद्यान प्रकरण का तो जैसे ही मामला संज्ञान में आया, मुख्यमंत्री धामी और संबंधित मंत्री ने विभाग के आरोपी मुखिया पर तुरंत कार्यवाही की। विधायक ने भी अपना पक्ष सार्वजनिक किया है और आगे जो भी जांच होगी उसमे जो भी दोषी पाया जाएगा उसपर कड़ी कार्यवाही के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
निवेश को लेकर पूछे गए कांग्रेस के सवालों का जबाव देते हुए कहा कांग्रेस राज्य के विकास के लिए निवेश को लेकर कभी गंभीर नहीं रही है चाहे सत्ता में हो या विपक्ष में। लेकिन जहां तक धामी सरकार की बात है तो वे इन्वेस्टर समिट को लेकर पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़े है। सरकार ने सभी क्षेत्रों में संसाधनों की उपलब्धता, जरूरी ढांचागत सुविधाओं को स्थापित कर और निवेशक की मांग पर विस्तृत अध्यन किया है और इस तैयारी का लाभ हमे मिला है। उन्होंने दावा करते हुए कहा अब तक लगभग 90 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और दिसंबर माह के समिट तक हम लक्ष्य से भी आगे निकल जाएंगे।
प्रसिद्ध रेस्टोरेंट चेन ढाबा 1986 ने सेंट्रियो मॉल में लॉन्च किया अपना नवीनतम आउटलेट
देहरादून, हाईवे कुज़ीन परोसने वाली प्रसिद्ध रेस्टोरेंट चेन ‘ढाबा एस्टेब्लिशेड 1986 दिल्ली’ का नवीनतम आउटलेट का लॉन्च आज देहरादून के सेंट्रियो मॉल में हुआ। तीन दशकों से अधिक की विरासत के साथ, ढाबा 1986 लगातार अपने स्वादिष्ट पंजाबी व्यंजनों के माध्यम से ग्राहकों को प्रसन्न करता आया है और अब देहरादून के भोजन प्रेमियों के बीच अपना स्वाद का जादू बिखेरने को तैयार है।
विशिष्ट और स्वादिष्ट उत्तर भारतीय व्यंजन परोसने के लिए प्रसिद्ध ढाबा 1986 का मेन्यू पाक व्यंजनों की एक विस्तार श्रंखला प्रदान करता है। इस श्रंखला में कुछ प्रसिद्ध व्यंजनों में बाल्टी मीट, बटर चिकन, दाल ढाबा, स्मोकी बैगन का भरता और शाही पेशावरी रान शामिल हैं।
ढाबा के लॉन्च के बारे में बात करते हुए सेंट्रियो मॉल के प्रबंध निदेशक और देहरादून में ढाबा 1986 के फ्रेंचाइजी ओनर, अमित अग्रवाल ने कहा कि सेंट्रियो में ढाबा 1986 के नए आउटलेट के साथ देहरादून निवासी अब उस प्रसिद्ध स्वाद और माहौल का आनंद ले सकते हैं जिसने इस रेस्टोरेंट को तीन दशकों से अधिक समय से पंजाबी व्यंजनों की दुनिया में एक प्रतिष्ठित नाम बनाया है। ढाबा 1986 में ‘साड्डा स्वैग’ का आनंद लीजिए, जहां हर भोजन एक अद्भुत यात्रा की तरह है।
इस अवसर पर एज़्योर हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर विनीत कोचर ने कहा कि इस खूबसूरत शहर देहरादून में ढाबा 1986 के लॉन्च से उनकी टीम रोमांचित हैं। उन्होंने कहा कि भोजन का अनुभव, स्वादिष्ट व्यंजनों वाला मेन्यू और आमंत्रित करने वाला खूबसूरत अम्बिएंस प्रदान करने की प्रतिबद्धता हमारे रेस्टोरेंट के मिशन के मूल में है। हम देहरादून में अपने सभी मेहमानों के साथ अविस्मरणीय अनुभव साझा करने के लिए उत्सुक हैं। ढाबा 1986 में हर व्यंजन एक कहानी कहता है और हर मेहमान हमारे लिए एक परिवार की तरह है।
उनका कहना है कि 30 साल पहले ढाबा 1986 ने दिल्ली में औरंगजेब रोड स्थित प्रतिष्ठित द क्लेरिजेस होटल में अपनी यात्रा की शुरुआत करी थी। कुछ ही समय में इस रेस्तरां ने अपने अनूठे माहौल और स्वादिष्ट पंजाबी व्यंजनों के माध्यम से ग्राहकों को अविस्मरणीय भोजन अनुभव प्रदान कर उनका दिल जीत लिया।
आज ढाबा 1986 ने एक नए युग का अवतार धारण किया है, जिसे वे प्यार से “साड्डा स्वैग” कहते हैं। ढाबा 1986 का यह नया अवतार आकर्षक सुविधाओं की एक श्रृंखला प्रदान करता है, जिसमें बार के रूप में ठेका और वहां परोसे जाने वाला पौवा बोतल कॉकटेल, एक पान काउंटर, रंगीन झूमर, पुराने बॉलीवुड पोस्टर, पतीलों का काउंटर, लॉरी के पुर्ज़ों से बने जीवंत कला तत्वों और पुराने और नए बॉलीवुड संगीत शामिल हैं।
अंतरिम अधिसूचना जारी होते ही सुझाव के स्वर भी उठे, जब तक मांगे ना माने, पंचायतों को ना करें भंग
-3 नवंबर को होगी पांच पंचायतों की बैठक
-दो ग्राम पंचायत का अस्तित्व संकट में
-सरकारी भूमि में काबिज भूमिधरों का मामला उठेगा
-सरकार नहीं मानी तो नगर पंचायत स्वीकार नहीं
मुनस्यारी, तहसील मुख्यालय की 5 ग्राम पंचायतों को मिलाकर बनने वाली मुनस्यारी नगर पंचायत की अंतिम अधिसूचना जारी होते ही पंचायत प्रतिनिधियों ने सुझाव भी आगे कर दिए है। 3 नवंबर को पांचो पंचायतों की एक बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में पारित सुझाव के अनुसार नगर पंचायत बनी तो स्वागत किया जाएगा अन्यथा पंचायत की अधिसूचना रद्द किए जाने की मांग की जाएगी।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि समय-समय पर तीन सरकारों को नगर पंचायत के गठन से पूर्व क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं की समाधान की मांग की गई थी। अभी तक किसी भी सरकार ने इन मांगों पर गौर नहीं किया है। उन्होंने बताया कि नगर पंचायत की अंतरिम अधिसूचना सरकार द्वारा जारी दी गई है। इसलिए तीन नवंबर को विकासखंड मुनस्यारी की सभागार में 5 ग्राम पंचायत के पंचायत प्रतिनिधियों सहित ग्राम वासियों की बैठक बुलाई गई है।
उन्होंने बताया कि नगर पंचायत में तीन वन पंचायत की अस्तित्व तक पर बातचीत की जानी है। नया बस्ती सहित पांचो ग्राम पंचायत में सरकारी भूमि पर काबिज स्थानीय निवासियों के भूमिधरी को लेकर स्पष्ट बातचीत की जाएगी। स्थानीय लोगों की भूमि में फ्री होल्ड के नाम पर बाहरी लोगों का घुसपैठ ना हो सके।
ग्राम पंचायत जैती तथा तल्ला घोरपट्टा का अस्तित्व इस पंचायत के गठन के बाद समाप्त होने की कगार पर है।
इस संदर्भ में भी स्पष्ट प्रस्ताव पर चर्चा की जानी है। उन्होंने बताया कि सरकार के द्वारा आज तक पंचायत प्रतिनिधियों से इस संदर्भ में कोई बातचीत नहीं की गई है, इसलिए जिलाधिकारी से अनुरोध किया जाएगा कि जब तक पंचायत के द्वारा उठाए गए सुझाव पर अमल नहीं हो जाता है। ग्राम पंचायतों को भंग ना किया जाए। अगर सरकार के द्वारा जबरन ग्राम पंचायत को भंग किया जाता है, तो सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।
उन्होंने क्षेत्र की समस्त नागरिकों से बैठक में शामिल होने की अपील की है।
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