देहरादून, मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत गैरसैंण के भूमिधर बन गये हैं। यह जानकारी खुद मुख्यमंत्री ने ट्वीटर और फेसबुक के माध्यम से दी है। मुख्यमंत्री ने रिवर्स पलायन का बङा संदेश देते हुए कहा कि “गैरसैंण जनभावनाओं का प्रतीक है। गैरसैंण हर उत्तराखंडी के दिल में बसता है। लोकतंत्र में जनभावनाएं सर्वोपरि होती हैं। गैरसैंण के रास्ते ही समूचे उत्तराखण्ड का विकास किया जा सकता है। सबसे पहले जनप्रतिनिधियों को ही रिवर्स पलायन करना होगा। रिवर्स पलायन से ही सुधरेगी पहाड़ों की तस्वीर और तकदीर। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं भी गैरसैंण का विधिवत भूमिधर बन गया हूँ।”
मैं जानता हूँ कि शुरू में मुश्किल बहुत आएँगी, दिक़्क़तें भी बहुत हैं लेकिन भरोसा दिलाता हूँ कि मोदी सरकार के सहयोग और राज्य सरकार की मेहनत का फल अगले कुछ वर्षों में नज़र आने लगेगा। प्रदेश बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है- चुनौतियाँ बहुत हैं, लेकिन हमारा संकल्प उससे कहीं ज़्यादा। https://t.co/MoDiYzhl0j
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) August 16, 2020
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड में स्वरोज़गार को बढ़ावा दे रही है। हम अपने युवा को स्वरोज़गार की राह पर ले जाने को कृतसंकल्प हैं और ऐसा करने से पहाड़ बसेगा। राज्य सरकार ने पूरी ईमानदारी से उत्तराखंड को उसके प्राकृतिक स्वरूप की तरफ़ ले जाने और प्रदेश के चहुमुखी विकास के लिए कार्य किया है और यह प्रक्रिया आगे और गति पकड़ेगी।हमारी सरकार पुरानी धारणाएँ तोड़ने की कोशिश कर रही है-हम स्वरोज़गार को विकास का माध्यम बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने घी संक्रांति के पावन अवसर पर उत्तराखंडवासियों से अनुरोध कि सभी अपने अपने गाँवों की तरफ़ रूख करेंगे और वहां के अपने घरों का बेहतर रख-रखाव करेंगे।
गैरसैंण जनभावनाओं का प्रतीक है। गैरसैंण हर उत्तराखंडी के दिल में बसता है। लोकतंत्र में जनभावनाएं सर्वोपरि होती हैं।…
Posted by Trivendra Singh Rawat on Saturday, August 15, 2020
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