“आंदोलनकारियों का हौसला बढ़ाने शेर-ए-पहाड़ पहुंचे धरना स्थल”
देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मंच ने राज्य आंदोलनकारियों को राज्याधीन सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण और चिन्हीकरण के लंबित प्रकरणों के निस्तारण की मांग को लेकर जारी अनिश्चितकालीन धरना तीसरे दिन भी जारी रहा।
शनिवार को धरनास्थल पर पहुंचे शेर-ए-पहाड़ विवेकानंद खंडूरी ने कहा कि आज आंदोलनकारी राजनीतिक खेमों में बंट चुका है। वह इस प्रदेश की बेहतरी के सवालों को अपनी पार्टी के चश्मे से देख रहा है, जिसका खामियाजा पूरा प्रदेश भुगत रहा है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि सीएम धामी की कोई मजबूरी होगी अन्यथा वह ऐसे व्यक्ति नहीं हैं कि बेवज़ह कोई कार्य को रोकें। साथ ही वह यह कहने से भी नहीं चूके कि हो सकता है इस देरी के पीछे अपना ही कोई महानुभाव हो, अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह स्व. एच. एन. बहुगुणा ने यहां के जनमानस को गढ़वाल विश्वविद्यालय की सौगात दी थी अब उन्हीं का पोता सौरभ बहुगुणा आंदोलनकारी की इन मांगों को कैसे पूर्ण करवा पाते हैं शक्तियों से अपील की कि एकजुट होकर रहें तभी कुछ सुनवाई होगी नहीं तो यहाँ किसके पास समय है किसी की सुनने के लिए।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी शांति शर्मा ने कहा कि कई बार दस्तावेज जमा करवाने के बाद भी चिन्हीकरण नहीं किया गया। दूसरी तरफ़ गुपचुप तरीके से पार्टी से जुड़े लोगों के चिन्हीकरण कर दिए गए अब सरकार या तो बचे हुए लोगों का भी चिन्हीकरण कर दे या वह साफ़ मना कर दे कि वह कुछ नहीं करेगी।
आज धरने पर बैठने वाले में
क्रांति कुकरेती, रोशनी देवी ,सुरेंद्र सिंह, रामकिशन, क्रांति अभिषेक बिष्ट,विकास रावत, अंबुज शर्मा,दिनेश भारद्वाज, सुनीता ठाकुर ,जबर सिंह पावेल आदि रहे, इस अवसर पर जितेंद्र चौहान,ओमी उनियाल, हरि ओम,ललित चंद्र जोशी, माया खत्री, माहेश्वरी कंडारी, निर्मला जोशी, शांति शर्मा, अभय कुकरेती, शिवराज सिंह रावत
चमन सिंह पवार,शैलेश सेमवाल, धर्मेंद्र सिंह नेगी, अमर सिंह,विवेकानंद खंडूरी, जगदीश चौहान देवेश्वरी रावत, पुष्पा देवी आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
आई हब डीआईटी यूनिवर्सिटी द्वारा केंद्रीय विद्यालय में युवाओं के लिए कार्यशाला का किया आयोजन
देहरादून, युवाओं में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए, आई हब दिव्यसंपर्क, आईआईटी रूड़की द्वारा समर्थित आई हब डीआईटी विश्वविद्यालय ने केंद्रीय विद्यालय हाथी बरकला No. II के 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्टार्टअप संस्कृति और ड्रोन प्रौद्योगिकी पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों को साइबर फिजिकल सिस्टम (सीपीएस) स्टार्टअप विकसित करने के लिए जागरूकता पैदा करना और प्रेरित करना था जो पहाड़ी क्षेत्रों में चुनौतियों का समाधान कर सके।
कार्यशाला में व्यवसाय शुरू करने के मूल सिद्धांतों, नवाचार के महत्व और सीपीएस में नवीनतम प्रगति, वास्तविक समाधानों में उनके संभावित अनुप्रयोगों पर विशेषज्ञ डॉ. नफीस अहमद (एचओडी, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग) डीआईटी विश्वविद्यालय के नेतृत्व में इंटरैक्टिव सत्र आयोजित कियागया।
डीआईटी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. प्रभा शंकर शर्मा ने ड्रोन में नवीनतम प्रगति, विभिन्न उद्योगों में उनके अनुप्रयोगों और इस क्षेत्र में संभावित कैरियर के अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान की।
छात्रों ने व्यावहारिक गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया जिससे उन्हें ड्रोन के यांत्रिकी और परिचालन पहलुओं को समझने का मौका मिला। इस कार्यक्रम में रचनात्मकता, समस्या-समाधान और दृढ़ता के महत्व पर जोर देते हुए नवीन विचारों को सफल स्टार्टअप में कैसे बदला जाए, इस पर भी चर्चा शामिल थी।
केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य, श्री विजय नैथानी ने इस पहल के लिए अपनी सराहना व्यक्त करते हुए कहा, “इस कार्यशाला ने हमारे छात्रों को अत्याधुनिक तकनीक और उद्यमशीलता कौशल का पता लगाने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया है, जो निस्संदेह उन्हें रचनात्मक और नवीन रूप से सोचने के लिए प्रेरित करेगा।” ।
कार्यशाला को छात्रों और शिक्षकों दोनों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, जिन्होंने अकादमिक ज्ञान और वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के बीच अंतर को पाटने में पहल की भूमिका की सराहना की। यह आयोजन तकनीक-प्रेमी उद्यमियों और नवप्रवर्तकों की अगली पीढ़ी के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
योग प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ ने दी मुख्यमंत्री आवास कूच करने की चेतावनी
देहरादून, योग प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ उत्तराखण्ड़ ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को पत्र प्रेषित कर शीघ्र नियुक्ति न मिलने पर मुख्यमंत्री आवास कूच करने की चेतावनी दी है।
महासंघ ने निर्णय लिया है कि यदि प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालय परिसरों एवं राजकीय इण्टर कॉलेजों में दिनांक 18 अगस्त 2024 तक योग प्रशिक्षकों की तैनाती नहीं की जाती है तो प्रदेश भर के योग प्रशिक्षित बेरोजगार दिनांक 24 अगस्त 2024 को मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे और आगामी निकाय चुनाव व पंचायत चुनाव का भी बहिष्कार करेंगे।
खास बात यह है कि 2 बार माननीय मंत्री मण्डल की बैठक में प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालय परिसरों एवं राजकीय इंटर कॉलेजों में योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया था किन्तु ढाई वर्ष बीत जाने के बावजूद भी नियुक्ति नहीं मिली जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश के 65 हजार से अधिक योग प्रशिक्षित बेरोजगार दुखी और निराश हैं।
जबकि योग प्रशिक्षित बेरोजगार
पिछले 18 वर्षों से नियुक्ति की मॉंग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं और बड़ी संख्या में योग प्रशिक्षित बेरोजगार नौकरी की अधिकतम उम्र सीमा को भी पार कर चुके हैं किन्तु सरकार सुनने को भी तैयार नहीं है।
विचारणीय है कि प्रदेश के 95% योग प्रशिक्षित बेरोजगार गरीब, मजदूर एवं किसान परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। माता पिता ने खेती-बाड़ी, ध्याड़ी मजदूरी और गाय भैंस पालकर अपने बच्चों को योग में डिप्लोमा डिग्री इस उम्मीद के साथ कराया था कि नौकरी लगने के बाद बुढ़ापे का सहारा बनेंगे, किन्तु बेरोजगारी ने उनकी इस उम्मीद पर भी पानी फेर दिया है जिसके परिणामस्वरूप हजारों योग प्रशिक्षित बेरोजगारों के परिजन भी दुखी होकर अब सरकार से आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं।
दून मेडिकल कॉलेज को मिली तीन फैकल्टी, दो मेडिकल ऑफिसर भी हुये नियुक्त
देहरादून, हल्द्वानी व श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के बाद अब राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में भी विभिन्न संकायों की तीन फैकल्टी तथा दो मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। कॉलेज में मेडिकल फैकल्टी व मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति से चिकित्सा शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन संबंधी गतिविधियों में तेजी आयेगी साथ ही मरीजों को भी इसका लाभ मिलेगा।
प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी को दूर करने के प्रयास राज्य सरकार द्वारा लगातार किये जा रहे हैं। जिसके तहत राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में विभिन्न संकायों में रिक्त पदो के सापेक्ष तीन असिस्टेंट प्रोफेसर तथा दो मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति को राज्य सरकार ने मंजूरीप्रदान की है। जिसमें एनाटॉमी विभाग के अंतर्गत असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर डॉ. राजेश कुमार मौर्य, एनेस्थिसियालॉजी में डॉ. गुंजन विश्नोई तथा ऑब्स एंड गायनी में डॉ. शैलजा निमेश्वरी शामिल है। इसी प्रकार बर्न यूनिट में मेडिकल ऑफिसर के पद पर डॉ. मनीष कुमार तथा डॉ. रिशा भारती शामिल है। सभी अभ्यथियों का चयन हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में गठित साक्षात्कार समिति ने वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से किया गया है। चयनित अभ्यर्थियों को संविदा के आधार पर मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति प्रदान की गई है। चयनित फैकल्टी तथा मेडिकल ऑफिसर को तीन वर्ष अथवा उक्त पदों पर नियमित नियुक्ति होने तक जो भी पहले हो के लिये नियुक्त किया गया है। मेडिकल फैकल्टी व मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति से दून मेडिकल कॉलेज के शैक्षणिक कार्यक्रमों को गति मिलेगी साथ ही सम्बद्ध चिकित्सालय में मरीजों को भी बेहतर उपचार मिल सकेगा।
इससे पहले सरकार द्वारा हल्द्वानी मेडिल कॉलेज में एक दर्जन फैकल्टी *तथा श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में चार मेडिकल फैकल्टी तथा दो कैज्युअल्टी मेडिकल ऑफिसर को नियुक्ति दी गई।
“राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शैक्षणिक गतिविधियों को बेहतर करने के क्रम में दून मेडिकल कॉलेज में भी संकाय सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। जिसका लाभ मेडिकल छात्र-छात्राओं सहित अस्पताल में आने वाले मरीजों को अवश्य मिलेगा। – डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।”*
एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज ट्रांसकैवल टावर करने वाला देश का पहला मेडिकल काॅलेज बना
देहरादून, श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज़ ट्रांसकैवल टावर करने वाला देश का पहला मेडिकल काॅलेज बना। काबिलेगौर है कि देश भर में किसी मेडिकल काॅलेज में इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाला एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज पहला मेडिकल काॅलेज है। जिसमें एम्स, पीजीआई, सीएमसी वैल्लोर मेडिकल काॅलेज भी शामिल हैं।
टावर तकनीक हृदय रोगियों के उपचार की तकनीकों में उपयोग की जाने वाली विश्व की सबसे अत्याधुनिक तकीनीकों में से एक है। अति गम्भीर ह्दय रोगियों के उपचार में टीएवीआर तकनीक सबसे अधिक विश्वसनीय मानी जाती है। यह जानकारी श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ अजय पंडिता ने दी। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ साहिल महाजन, डाॅ अभिषेक मित्तल व उनकी पूरी टीम को ट्रांसकैवल टीएवीआर तकनीक से किये गए सफल प्रासीजर की बधाई व शुभकामनाएं दीं।
बंशी राम निवासी पिथौरागढ़ उत्तराखण्ड को लंबे समय से ह्दय रोग सम्बन्धित बीमारी की शिकायत थी। बीमारी की वजह से इन्हें सांस फूलना, चलने में परेशानी, हल्की खांसी, सीने में भारीपन व बैठे बैठे अचानक बेहोशी की शिकायत थी। मेडिकल साइंस में इस बीमारी को एओआरटिक सिनोसिस (महाधमनी में अवरोध की शिकायत) कहा जाता है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ साहिल महाजन ने इनका प्रारम्भिक परीक्षण किया व जॉचें करवाई। जॉचों में एओआरटिक सिनोसिस (महाधमनी में अवरोध की शिकायत) की पुष्टि हुई।
काॅर्डियोलाॅजी विभाग के ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ. साहिल महाजन, डाॅ. अभिषेक मित्तल व सीटीवीएस के वरिष्ठ ओपन हार्ट सर्जन डाॅ. अशोक जयंत ने टीएवीआर तकनीक से उपचार का फैसला लिया। मरीज बंशी राम की भी यही इच्छा थी कि बिना चीरा उनका हार्ट प्रोसीजर किया जाए। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की आधुनिक कैथ लैब में डेढ़ घण्टे तक चले प्रोसीजर मंे मरीज का सफल उपचार किया गया। सफल प्रोसीजर के बाद मरीज स्वस्थ्य हैं व उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे गई है।
ट्रांसकैवल टावर तकनीक
आमतौर पर ह्दय रोगी का उपचार धमनियों के द्वारा किया जाता है। ट्रांसकैवल तकनीक में हृदय की बंद धमनियों के बजाय नसों के रास्ते उपचार किया जाता है। इस तकनीक से किया जाने वाला प्रोसीजर एम्स दिल्ली, पीजीआई चण्डीगढ़, सीएमसी वैल्लोर व अन्य प्राईवेट व सरकारी अस्पतालों के राज्यों को पीछे छोडते हुए श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज़ व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ट्रांसकैवल टावर प्रोसीजर करने वाला पहला स्थान हासिल कर चुका है।
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