देहरादून, प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य के छोटे एवं मध्यम वर्गीय अस्पतालों को क्लीनिकल एस्टेबलिसमेंट एक्ट तथा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान (सीटीपी) एवं एफल्यूट ट्रीटमेंट प्लान (एटीपी) के तहत छूट दिये जाने के लिये प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जायेगा। इससे पूर्व देश के अन्य राज्यों में लागू व्यवस्थाओं के अध्ययन के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन भी किया जायेगा। जो उपरोक्त व्यवस्थाओं के संबंध में रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करेगी।
यह बात उन्होंने राजधानी देहरादून के एक निजी होटल में नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन उत्तराखंड द्वारा आयोजित स्वास्थ्य संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही। डा. रावत ने कहा कि राज्य में लागू क्लीनिकल एस्टेबलिसमेंट एक्ट तथा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान (सीटीपी) एवं एफल्यूट ट्रीटमेंट प्लान (एटीपी) के प्रावधानों में छूट के लिए उनसे चिकित्सकों के कई संगठनों ने मांग रही है। जिस पर निश्चित रूप से निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान सरकारी डाक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ के साथ ही निजी अस्पतालों, चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिसके लिए सभी साधुवाद के पात्र हैं। राज्य में चिकित्सा शिक्षा पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शीघ्र ही अल्मोड़ मेडिकल कालेज का संचालन शुरू कर दिया जायेगा जबकि हरिद्वार, रूद्रपुर तथा पिथौरागढ़ मेडिकल कालेजों का जल्द शिलान्यास कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा। इसके अलावा राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में रिक्त लगभग 350 पदों पर फैकल्टी की नियुक्ति की जायेगी ताकि मेडिकल कॉलेजों में पठन-पाठन का कार्य सुचारू रूप से चल सके। मेडिकल छात्रों की फीस कम किये जाने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस संबंध में अन्य राज्यों के फीस स्ट्रेक्चर का अध्ययन कर समस्या का हल निकाला जायेगा।
स्वास्थ्य संवाद कार्यक्रम में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डा. आर.के.जैन, राष्ट्रीय स्वयं सेवक के प्रांतीय व्यवस्था प्रमुख सुरेन्द्र मित्तल, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना, एनएमओ के कार्यकारी अध्यक्ष ललित वाष्णेय, प्रांत सचिव डा. विनोद, डा. नीरज, डा. हिमांश ऐरन, डा. अशंक, डा. बिजयेन्द्र सिंह, डा. योगेश्वरी, डा. जे.पी. शर्मा, डा. गीता खन्ना, डा. डी.पी. पंत, डा. एस.डी. जोशी के अलावा दून मेडिकल कॉलेज, एम्स ऋषिकेश, एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज, सीमा डेंटल कॉलेज सहित अन्य मेडिकल कॉलेज के एनएमओ से जुड़े छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
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