देहरादून, प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरूवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों के साथ कार्यालय अवधि के उपरान्त सार्वजनिक सम्पत्तियों को नागरिकों के उपयोग हेतु उपलब्ध कराए जाने के सम्बन्ध में अब तक हुयी प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि सार्वजनिक सम्पत्तियों का अधिकतम और बेहतर उपयोग किया जा सके इस उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। इससे सामुदायिक विकास, सांस्कृतिक गतिविधियों और सामाजिक क्रियाकलापों को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि परिसम्पत्ति का स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप अधिकतम उपयोग हो सके इसके लिए जिला स्तर पर इस हेतु बनायी गयी समिति द्वारा निर्णय लिया जाएगा, इसके लिए समिति में प्रबुद्ध नागरिकों को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रबुद्धजनों के एक समूह को तैयार किया जाए, जिनकी मासिक अथवा त्रैमासिक बैठक आयोजित की जा सकती है। इस बैठक में क्षेत्र के विकास और इन सम्पत्तियों के अधिकतम उपयोग के लिए सुझाव प्राप्त हो सकेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि इन सार्वजनिक सम्पत्तियों के उपयोग के लिए कोई शुल्क रखा जाएगा या नहीं इस सम्बन्ध में जिला स्तरीय समिति को ही अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन सार्वजनिक सम्पत्तियों का शुल्क कितना होना चाहिए? होना चाहिए या नहीं होना चाहिए इसका निर्णय भी समिति द्वारा लिया जा सकेगा। इन सम्पत्तियों से प्राप्त शुल्क का कुछ हिस्सा उस सम्पत्ति के रखरखाव के लिए ही खर्च किया जाएगा। इस सम्बन्ध में शासनादेश जारी किया जा चुका है। जिसमें अभी आने वाले समय में सुधार किया जा सकेगा।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से इस सम्बन्ध में अब तक की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिन सम्पत्तियों की जानकारी प्राप्त हो चुकी है, उनके लिए समिति की बैठक शीघ्र आयोजित की जाए। कहा कि सभी परिसम्पत्तियों की पूर्ण जानकारी आने का इंतजार न किया जाए, जिसकी जानकारी आ गयी उसके लिए समिति की बैठक आयोजित कर निर्णय ले लिया जाए। प्रत्येक सम्पत्ति की अपनी अलग परिस्थिती है, इसलिए स्थानीय परिस्थिती के अनुरूप सबके लिए अलग अलग निर्णय लिया जाए। एक पॉलिसी बनाकर सब पर लागू करने से उस परिसम्पत्ति का अधिकतम उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
मुख्य सचिव ने इसका उद्देश्य बताते हुए कहा कि सार्वजनिक सम्पत्तियाँ नागरिकों के टैक्स के पैसे से ही तैयार की जाती हैं। इन परिसम्पत्तियों को नागरिकों के व्यापक उपयोग में लाकर प्रभावी उपयोग किया जा सकेगा, जिससे सामुदायिक विकास और नागरिक भागीदारी के लिए एक समावेशी वातावरण बनाया जा सकेगा।
इस अवसर पर अपर सचिव श्री सी. रविशंकर, श्री आशीष श्रीवास्तव, श्री विनीत कुमार एवं श्री योगेन्द्र यादव सहित सभी जनपदों से जिलाधिकारी एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
विजिलेस ने 8 हजार की रिश्वत लेते हुए पटवारी को किया गिरफ्तार
हल्द्वानी, प्राप्त शिकायत पर निदेशक सतर्कता उत्तराखण्ड के आदेशानुसार 26 अक्टूबर 2023 को पुलिस उपाधीक्षक सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर हल्द्वानी नैनीताल अनिल सिंह मनराल के पर्यवेक्षण में तथा निरीक्षक विनोद कुमार यादव के नेतृत्व में विजिलेंस टीम द्वारा शिकायतकर्ता की शिकायत पर पटवारी त्रिलोचन सुयाल,
पटवारी क्षेत्र साधुनगर सरीजा, उप तहसील नानकमत्ता जनपद ऊधमसिंहनगर को उनके किराये के सरकारी कार्यालय ग्राम सुनखरी कला नानकमत्ता से शिकायतकर्ता से 8,000/- रू की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।शिकायतकर्ता ने शिकायत की थी कि मैंने अपने खेत में धान की रोपाई की थी, जब धान पकने पर काटने गया तो गुरदीप कौर व उसके परिवार के लोग मुझे धान नहीं काटने दे रहे थे, इस पर शिकायतकर्ता द्वारा उपजिलाधिकारी तहसील सितारगंज को प्रार्थना-पत्र दिया, जिस पर पटवारी त्रिलोचन सुयाल द्वारा पहले भूमि पर विवाद होने की रिपोर्ट लगायी गयी । पुनः उपजिलाधिकारी को प्रार्थना-पत्र देने पर पटवारी द्वारा अपनी दोबारा लगायी गयी आख्या में शिकायतकर्ता के पक्ष में रिपोर्ट लगायी तथा इसके एवज में 8000/- रूपया उत्कोच की मांग की गई |
शिकायतकर्ता ने विजिलेन्स कार्यालय में प्रार्थना-पत्र दिया, शिकायतकर्ता की शिकायत की जांच कराने पर शिकायत सही पाये जाने पर निरीक्षक विनोद कुमार यादव के नेतृत्व में ट्रैप टीम का गठन किया गया।ट्रैप टीम द्वारा पटवारी त्रिलोचन सुयाल को शिकायतकर्ता से 8,000/- रूपये (आठ हजार रूपये) की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
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