नई दिल्ली, केन्द्र सरकार ने कोरोना महामारी के कारण बदहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आम बजट में स्वास्थ्य और ढांचागत सुविधाओं तथा विभिन्न सुधारों पर विशेष जोर दिया है। बजट में जहां उद्योग जगत को राहत मिली है वहीं नौकरीपेशा को आयकर में कोई राहत नहीं मिलने से निराशा हाथ लगी है। हालाकि 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न भरने से छूट दी गई है। देश के इतिहास में पहली बार पेश डिजीटल बजट में पेट्रोल पर ढाई रुपये और डीजल पर चार रुपये प्रति लीटर का नया अधिभार लगाने का प्रस्ताव कर कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास कार्यों को आगे बढाने की रूपरेखा रखी गयी है। कृषि क्षेत्र से इतर आमदनी वाले किसानों को भी कर के दायरे में लाया गया है। बजट में बेरोजगारी की विकराल समस्या से निपटने के लिए कोई बड़ी या विशेष योजना शुरू करने तथा महंगायी पर लगाम लगाने के उपायों का भी विशेष ऐलान नहीं किया गया है। बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 प्रतिशत से बढाकर 74 प्रतिशत कर बड़ा आर्थिक सुधार किया है।
अभी तक आईटीआर भरने के दौरान हमें पहले से ही फॉर्म में नाम, पता, सैलरी पर लगा टैक्स, टैक्स का भुगतान, टीडीएस जैसी जानकारियां पहले से ही भरी हुई आती थीं। बजट में एक घोषणा के जरिए इसे और भी आसान बना दिया गया है। अब आईटीआर के फॉर्म में लिस्टेड सिक्योरिटीज से हुए कैपिटल गेन्स की जानकारी, डिविडेंड इनकम की जानकारी और बैंक-पोस्ट ऑफिस से मिले ब्याज की जानकारी भी पहले ही भरी हुई मिलेगी। सीतारमण ने कहा कि कोरोना के कारण बदहाल अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए इस बजट में मुख्य रूप से छह स्तम्भों पर बहुत अधिक जोर दिया गया है जिनमें स्वास्थ्य और कल्याण, वास्तविक और वित्तीय पूंजीऔर बुनियादी ढांचा, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार,नवोन्मेष और अनुसंधान और विकास तथा न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन शामिल है।
निर्मला सीतारमण ने इस बजट में टैक्स ऑडिट की सीमा को 5 करोड़ रुपये के टर्नओवर से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये के टर्नओवर तक कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस पहले ही उन्होंने 1 करोड़ रुपये के टर्नओवर से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया था। ये उनके लिए है जो अपनी करीब 95 फीसदी ट्रांजेक्शन डिजिटल माध्यम से करते हैं।
पुराने वाहनों के लिए स्क्रैप पॉलिसी, अब हर गाड़ी के लिए जरूरी होगा फिटनेस सर्टिफिकेट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई महत्वपूर्ण घोषनाओं के साथ पुराने वाहनों के लिए स्क्रैप पॉलिसी लॉन्च करने का ऐलान किया है। इसके तहत अब हर वाहन के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट लेना जरूरी होगा।
नई स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत 15 साल से पुराने वाहनों को नष्ट करने में सहूलियत होगी जिसमें सरकारी विभागों और पीएसयू द्वारा खरीदे गए 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की अनुमति मिल जाएगी।
बता दें कि सरकार ने 26 जुलाई, 2019 को, इलेक्ट्रिक वाहनों को देश में तेजी के साथ अपनाने और उनको बढ़ावा देने के लिए 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को हटाने की अनुमति देने के लिए मोटर वाहन मानदंडों में संशोधन का प्रस्ताव किया था। इसके अलावा नितिन गडकरी ने यह भी कहा था कि इस पॉलिसी को मंजूरी मिलने के बाद भारत ऑटोमोबाइल हब बन जाएगा और ऑटोमोबाइल की कीमतों में भी कमी आएगी।
इस पॉलिसी के फायदे
स्क्रैपेज पॉलिसी से प्रदूषण घटाने और सड़क सुरक्षा को बेहतर करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही नई गाड़ियों की मांग बढ़ने से ऑटो इंडस्ट्री की सेहत सुधरेगी। इसके अलावा आप इस पॉलिसी के तहत नई कार के रजिस्ट्रेशन पर छूट पा सकते हैं। इसमें आपको पुरानी कार स्क्रैप सेंटर को बेचनी होगी। इसके बाद आपको एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा जिसे दिखाने पर नई कार का रजिस्ट्रेशन मुफ्त हो जाएगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस पॉलिसी से करीब 2.80 करोड़ वाहन स्क्रैप पॉलिसी के अंदर आएंगे।
टैक्स स्लैब में नहीं हुआ कोई बदलाव, राहत की उम्मीद लगाए बैठे लोग मायूस
बजट में आयकर दाताओं को किसी भी तरह अहम राहत का ऐलान नहीं किया गया है। इनकम टैक्स स्लैब में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, वरिष्ठ नागरिक जो 75 साल से अधिक हैं उन्हें अब आईटीआर भरने की जरूरत नहीं होगी। यानी अब वह इनकम टैक्स नहीं भरेंगे। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था का फायदा वो लोग ही उठा सकते हैं, जिनकी इनकम सिर्फ पेंशन से ही है। उन्होंने कहा कि उनकी इनकम में खुद ही टैक्स काट लिया जाएगा। वहीं, जानकारों का कहना है कि कोविड टैक्स नहीं लगाया गया है और किसी भी तरह का सरचार्ज नहीं लगाया गया है। आयकर दाताओं के लिए यही सबसे बड़ी राहत है।
वित्त मंत्री ने तीन साल से पहले के टैक्स के मामलों को लेकर भी बड़ा ऐलान किया है। इसके अनुसार तीन साल से पुराने टैक्स मामले नहीं खुलेंगे. सरकार ने सरकार GST प्रक्रिया को और आसान बनाने पर काम करने का भी ऐलान किया है।
बजट में टैक्स को लेकर की गई अन्य घोषणाएंः
डिजिटल लेन-देन वाले कारोबारियों को राहतः ऐसे छोटे कारोबारी, जिनका 95% लेनदेन डिजिटल हो रहा है, उन्हें राहत दी है। वैसे तो एक करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारों को टैक्स ऑडिट कराना पड़ता है, पर डिजिटल लेनदेन वालों के लिए पिछले साल 5 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर तक राहत दी थी। अब यह राहत बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए दी गई है। यानी 10 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को टैक्स ऑडिट नहीं कराना होगा।
अब फेसलेस अपीलेट ट्रिब्यूनलः केंद्र सरकार ने फेसलेस असेसमेंट और अपील के बाद अब अपीलेट ट्रिब्यूनल को भी फेसलेस बनाने की तैयारी की है। इसके लिए सरकार फेसलेस इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल सेंटर बनाएगी। ट्रिब्यूनल और अपील करने वाले व्यक्ति के बीच होने वाला सारा पत्राचार इलेक्ट्रॉनिक होगा। व्यक्तिगत सुनवाई की जरूरत पड़ी तो वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी।
अफोर्डेबल हाउसिंग पर राहत बढ़ीः सरकार ने अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत 45 लाख रुपए तक का मकान खरीदने पर 1.5 लाख रुपए तक के ब्याज पर अतिरिक्त छूट जारी रखी है। यानी अब 31 मार्च 2022 तक नया मकान खरीदा तो टैक्स से छूट मिलती रहेगी।
डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स में राहतः पिछले साल सरकार ने कंपनियों से मुनाफे के हिस्से के तौर पर मिलने वाले डिविडेंड को बांटने पर लगने वाला टैक्स हटाया था। यह जिम्मेदारी निवेशकों पर छोड़ी थी। इसमें ही राहत बढ़ाते हुए टीडीएस से छूट दी गई है। इसी तरह डिविडेंड से मिलने वाली आय पर एडवांस टैक्स भी जमा नहीं करना होगा।
बता दें कि अगर किसी की सैलरी या इनकम 2.5 लाख रुपये है तो इसे सरकार द्वारा कर मुक्त रखा गया है। यह पुराने और नए दोनों सिस्टम में एक समान है। वहीं 2.5 लाख रुपये से 5 लाख तक की आय पर पहले की तरह की 5 फीसदी टैक्स लगाया गया है। वहीं जिन लोगों की आय 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक है उन पर 10 फीसदी टैक्स लगाया गया है। जिनकी इनकम 7.5 लाख से 10 लाख रुपए तक है उन्हें 15 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। वे लोग जो सालाना 10 लाख से 12.5 लाख रुपये कमाते हैं उन्हें 20 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की इनकम पर सरकार द्वारा 25 फीसदी टैक्स लगाया गया है और जिनकी आय 15 लाख रुपये से ज्यादा है उन पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया |
आम बजट : क्या कुछ हुआ सस्ता और महंगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को पेश बजट में आयातित कल-पुर्जों पर सीमा शुल्क बढ़ाये जाने का प्रस्ताव किया। बजट में किये गये प्रस्तावों से घरों में उपयोग होने वाले रेफ्रिजरेटर, एलईडी लाइट और मोबाइल फोन जैसे सामान महंगे हो जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को पेश बजट में आयातित कल-पुर्जों पर सीमा शुल्क बढ़ाये जाने का प्रस्ताव किया। हालांकि सोना और चांदी के आयात पर सीमा शुल्क युक्तिसंगत किये जाने से ये मूल्यवान धातुएं सस्ती होंगी।
महंगी होने वाली आयातित वस्तुओं की सूची
रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर के लिये कॉम्प्रेशर और प्रिंटेड सर्किट बोर्ड जैसे हिस्से-पुर्जे, कच्ची रेशम और कपास, सौर इनवर्टर और लालटेन, वाहनों के विंडस्क्रीन, वाइपर, सिग्नल के उपकरण , पीसीबीए, कैमरा, मोड्यूल, कनेक्टर, बैक कवर , मोबाइल फोन के उपकरण, मोबाइल फोन चार्जर के कल-पुर्जे,लिथियम ऑयन बैटरी में उपयोग कच्चे उत्पाद, प्रिंटर के इकं-काट्रिज और इंक स्प्रे नोजल, चमड़े के तैयार उत्पाद, नाइलोन फाइबर और धागा, प्लास्टिक बिल्डर वेयर, तराशे गये सिंथेटिक पत्थर।
आयातित सस्ते हुए सामानय
सोना और सोने के बने अलौह धातु (गोल्ड डोर), चांदी और चांदी के बने अलौह धातु (सिल्वर डोर), प्लैटनिम, और पैलेडियम, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राजनयिक मिशन द्वारा आयातित चिकित्सा उपकरण।
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