देहरादून, उत्तराखण्ड में आगामी दिसंबर माह में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर गुरुवार को चेन्नई में आयोजित रोड शो में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान विभिन्न सेक्टर्स से जुड़े निवेशकों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री धामी के साथ चेन्नई रोड शो में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चेन्नई में आयोजित रोड शो में आए विभिन्न समूहों के निवेशकों को दिसंबर में देहरादून में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि तमिलनाडु और उत्तराखंड में आध्यात्मिक रूप से परस्पर संबंध है। तमिलनाडु में रामेश्वरम और उत्तराखण्ड में श्री केदारनाथ और आदि कैलाश विश्व प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव के तमिलनाडु में रामेश्वरम और उत्तराखंड में श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग विद्यमान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड और तमिल संगमम को आगे बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ फ़ूड प्रोसेसिंग, ऑटो कम्पोनेन्ट मैन्युफैक्चरिंग, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे अनेकों क्षेत्रों में निवेश की अपार संम्भावनाएं हैं। पीस टू प्रोसपेरिटी के मूल मंत्र के साथ उत्तराखंड निवेश अनुकूल राज्य है। इसके लिए सरकार द्वारा उत्कृष्ट मानव श्रम, बेहतर अवस्थापना सुविधायें, शान्तिपूर्ण वातावरण, पारदर्शी प्रोत्साहन नीतियां स्थापित की गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के पारम्परिक क्षेत्रों जैसे पर्यटन, आयुष, वेलनेस, खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाईल्स, फार्मा के साथ-साथ वैकल्पिक ऊर्जा और आईटी जैसे क्षेत्र को फोकस सेक्टर के रुप में शामिल किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक आयोजित रोड शो में देश एवं विदेशों से निवेशकों द्वारा बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। उन्होने कहा कि निजी क्षेत्र के साथ मजबूत सम्बन्ध बनाने एवं साझेदारी स्थापित करने से ही हम राज्य में आर्थिक प्रगति एवं रोजगार के अवसरों के सृजन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकते हैं, यही कारण है कि उत्तराखण्ड में प्रदेश सरकार ने उद्योगों के साथ बेहतर सम्बन्ध एवं तालमेल बढ़ाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को इन्वेस्टर्स फ्रेंडली बनाने के लिए विगत कुछ माह में 30 से अधिक नीतियों में रिफॉर्म किया गया है।
उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की थीम को “पीस टू प्रोस्पेरिटी” रखा गया है। टूरिज्म, वेलनेस और हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री के साथ-साथ उत्तराखण्ड में अनेक नए एवं गैर परंपरागत उद्योगों को विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड, देश के प्रमुख फार्मा हब के रूप में स्थापित हो रहा है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज , कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने अपना वक्तव्य रखा।
उत्तराखंड से 13 किसानों का दल स्टडी टूर पर हिमाचल रवाना, विभिन्न संस्थाओं में बागवानी का करेंगे अध्ययन
देहरादून, तेरह किसानों का दल हिमाचल के लिए स्टडी टूर पर रवाना हुआ। यह अध्ययन भ्रमण सहकारिता विभाग के प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन के माध्यम से भेजा जा रहा है। लौटने पर सभी किसान अपने जनपदों में गोष्टी के माध्यम से अन्य किसानों को भी प्रशिक्षण देंगे। सहकारिता विभाग के द्वारा प्रत्येक जनपद से दो उत्कृष्ट मॉडल किसानों को अध्ययन भ्रमण हेतु भेजा जा रहा है। इन किसानों का चयन सभी जनपदों के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चयन कमेटी द्वारा किया गया है गुरुवार को निबंधक मुख्यालय मियांवाला में अपर निबंधक ईरा उप्रेती संयुक्त निबंधक एमपी त्रिपाठी द्वारा 13 सदस्यीय किसानों के दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इस अवसर पर प्रबंध निदेशक प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन मान सिंह सैनी भी उपस्थित रहे प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन के प्रबंध निदेशक मानसिंह सैनी ने बताया किसानों का यह दल पहले दिन 27 तारीख को सोलन स्थित डॉक्टर वाई एस परमार यूनिवर्सिटी का भ्रमण करेंगे उसके पश्चात द्वितीय दिवस पर रीजनल हॉर्टिकल्चर रिसर्च और ट्रेनिंग स्टेशन शिमला में अध्ययन करेंगे और 29 अक्टूबर को कृषि विज्ञान केंद्र शिमला का भ्रमण कर किसानों के पर्वतीय फल सेब कीवी के बगीचों में ग्राउंड जीरो पर अध्ययन करेंगे।
उसके पश्चात दूसरा दल 28 अक्टूबर को गुजरात को हवाई मार्ग से रवाना किया जाएगा जहां दुग्ध दुग्ध उत्पादों के क्षेत्र में किसानों के द्वारा अध्ययन भ्रमण किया जाएगा। अध्ययन भ्रमण पर जा रहे किसानों ने सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत और सहकारिता विभाग की भूरि भूरि प्रशंसा की किसानों ने कहा उत्तराखंड में यह पहली बार है जब किसानों को अध्ययन भ्रमण पर भेजा जा रहा है इस अध्ययन भ्रमण के परिणाम निश्चित ही किसानों के लिए लाभकारी होंगे।
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