Wednesday, April 2, 2025
HomeStatesUttarakhandमुख्यमंत्री धामी ने किए परिवहन विभाग के अन्तर्गत सम्भागीय निरीक्षक (प्राविधिक) पद...

मुख्यमंत्री धामी ने किए परिवहन विभाग के अन्तर्गत सम्भागीय निरीक्षक (प्राविधिक) पद पर नियुक्त 08 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान

देहरादून(आरएनएस)।   मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में परिवहन विभाग के अन्तर्गत सम्भागीय निरीक्षक (प्राविधिक) पद पर नियुक्त 08 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। उन्होंने सभी अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह आपके जीवन की नई शुरुआत है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नव चयनित अभ्यर्थी अपने कार्यक्षेत्र में नवाचार करेंगे और परिवहन विभाग में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। राज्य में परिवहन के क्षेत्र में बहुत चुनौतियां हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वाहनों की फिटनेस जाँच, मोटर वाहन अधिनियम और नियमों के पालन कराने और सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यों में सम्भागीय निरीक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, ऐसे में सड़क सुरक्षा और वाहनों की फिटनेस से संबंधित कार्यों में परिवहन विभाग की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
इस अवसर पर सचिव परिवहन बृजेश कुमार संत, अपर सचिव परिवहन एवं प्रबंध निदेशक उत्तराखण्ड परिवहन निगम  रीना जोशी एवं परिवहन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

 

मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर आयोजित हुआ 6वां दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वर्चुवल सम्मेलन

मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर 06वां दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वर्चुवल सम्मेलन आयोजित - skgnews
देहरादून, मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर 6 वां दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वर्चुवल सम्मेलन स्पीकिंग क्यूब ऑनलाइन मानसिक स्वास्थ्य कंसल्टिंग फाउंडेशन, स्पेक्स और श्री देव सुमन विश्वविद्यालय, उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय के सहयोग से 30 व 31 मार्च 2025 को आयोजित किया गया।
मेजर अनुपा कैरी, निदेशक पेरिनेटल मानसिक स्वास्थ्य और स्पीकिंगक्यूब की सलाहकार मनोवैज्ञानिक ने सत्र का स्वागत भाषण दिया।डॉ. शांत कुमार नेगी ने सभी संवेदनशील प्राणियों की समृद्धि के लिए बुद्ध को समर्पित प्रार्थना की। प्रोफेसर डॉ. दीपिका चमोली शाही, सम्मेलन अध्यक्ष व संस्थापक स्पीकिंगक्यूब की निदेशक ने देवी शक्ति की प्रार्थना के साथ सत्र की शुरुआत की। डॉ. दीपिका ने स्पीकिंग क्यूब का संक्षिप्त परिचय दिया।उनके द्वारा मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर अपने विचार साझा किए गए।
प्रोफेसर डॉ. रीता, सम्मेलन अध्यक्ष, स्पीकिंगक्यूब सलाहकार, अमिटी विश्वविद्यालय नोएडा के मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर ने सम्मेलन के उद्देश्य और वर्तमान परिदृश्य में विषय की प्रासंगिकता पर चर्चा की। डॉ. रीता ने मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर अपने विचार साझा किए।
कैलिफ़ोर्निया, यूएसए में एकेडमी ऑफ माइंडफुल साइकोलॉजी के संस्थापक और अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. नील कोब्रिन, सम्मानित अतिथि, ने वर्तमान समाज में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और आत्म-जागरूकता कैसे मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है, इस पर चर्चा की।
डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, पद्मश्री और पद्म भूषण प्राप्तकर्ता तथा सम्मेलन के संरक्षक ने वर्तमान समय में मनोवैज्ञानिक मुद्दों को समझने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से हमारी सोशल मीडिया की लत के संदर्भ में बात रखी।
डॉ. बृज मोहन शर्मा ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य केवल एक व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक मुद्दा भी है, जिसे सभी क्षेत्रों से सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। इस सम्मेलन ने यह भी दिखाया कि इस क्षेत्र में नवीनतम विकास के साथ अपडेट रहना कितना महत्वपूर्ण है, खासकर जब हम एक अधिक आपस में जुड़े और डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं। 6वां अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल सम्मेलन एक उत्कृष्ट मंच था, जो सहयोग को बढ़ावा देने और मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान और अभ्यास की सीमाओं को चुनौती देने के लिए आदर्श था। प्रोफेसर एन.के. जोशी, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति (राज्य विश्वविद्यालय उत्तराखंड), सम्मानित अतिथि ने सभा को अपना संदेश साझा किया।
राज्य मंत्री श्रीमती मधु भट्ट, सम्मेलन की मुख्य अतिथि ने भावनात्मक कल्याण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के महत्व पर अपने विचार साझा किए। श्रीमती मधु भट्ट ने मानसिक स्वास्थ्य को अधिक से अधिक संबोधित करने की आवश्यकता पर चर्चा की। माननीय राज्य मंत्री ने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 15 विशेषज्ञों को सम्मानित किया।
सम्मेलन में अन्य प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे, डॉ. रोहित कमांडेंट मेडिकल, बीएसएफ प्रोफेसर डॉ. गुलशन कुमार ढींगरा डीन बोटनी, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय,
प्रोफेसर डॉ. रूपाली शर्मा, प्रोफेसर आई ए पी एस, अमिटी नोएडा प्रोफेसर डॉ. नवेद इकबाल, मनोविज्ञान विभाग, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय प्रोफेसर डॉ. लोब्जांग त्सुलट्रीम भूटिया, हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट तिब्बती बौद्ध धर्म, सी आई बी एस, लद्दाख श्रीमती शिखा चमोली, डेटा इंजीनियर, एक्स मेटा डॉ. खेनपो रंगडोल, अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय ड्रिक्यंग काग्यु फाउंडेशन प्रोफेसर डॉ. पद्मा पिल्लई, एसोसिएट डीन मानव संचार, सनवे यूनिवर्सिटी, मलेशिया प्रोफेसर डॉ. आशा मिश्रा, जूलॉजी विभाग एचआरपीजी कॉलेज, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय प्रोफेसर डॉ. अनीता गहलोत डीन रिसर्च एंड इनोवेशन, उत्तरांचल विश्वविद्यालय प्रोफेसर डॉ. गीता राणा, स्वामी राम विश्वविद्यालय प्रोफेसर डॉ. विजय सेन पांडेय सी.एम कॉलेज, दरभंगा, डॉ. स्टंजिन नामगैल, लद्दाख विश्वविद्यालय प्रोफेसर सुनील जागलान, एमडीयू, डॉ. रेणुका जोशी डी ए वी पी जी कॉलेज केंद्रीय विश्वविद्यालय गढ़वाल, डॉ. सुरेंद्र ढालवाल, एचओडी, मनोविज्ञान एनआईवीएच और डॉ. सारन्या सुंदराजू, मनो ऑन्कोलॉजिस्ट को उनके संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्री रितेश सिन्हा, मुख्य वक्ता और माइक्रोसॉफ्ट यूएसए के प्रमुख सलाहकार ने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में सभा को जानकारी दी। उन्होंने मनोविज्ञान छात्रों को पढ़ाने के लिए ए आई मरीजों के उपयोग पर चर्चा की। प्रोफेसर डॉ. शालिनी सिंह शर्मा, ईग्रो रिसर्च प्रमुख, सम्मेलन सलाहकार ने जीवन में व्यवहारिक विज्ञान के महत्व पर चर्चा की।
प्रोफेसर डॉ. अभा सिंह, मुख्य वक्ता और एसडीआई विश्वविद्यालय के प्रो. वाइस चांसलर ने सभा को अपना संदेश साझा किया और बताया कि कैसे ट्रांसेंडेंटल मनोविज्ञान वर्तमान दुनिया को कठिन जीवन स्थितियों से निपटने में मदद कर सकता है।
प्रोफेसर डॉ. राजेश सिंह, मुख्य वक्ता और अनुसंधान एवं नवाचार निदेशक ने मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचारों पर चर्चा की और मानसिक स्वास्थ्य नवाचार में विभिन्न तरीकों को साझा किया।
प्रोफेसर डॉ. गुलशन कुमार ढींगरा, कार्यक्रम अध्यक्ष और श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के बोटनी विभाग के डीन एवं एचओडी ने सभा को अंतःविषय अनुसंधानों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्पीकिंगक्यूब एक ऐसा पाठ्यक्रम बनाए जो छात्रों के जीवन की समझ को बढ़ाए और मानसिक स्वास्थ्य को ऊंचा उठाए। प्रोफेसर डॉ. हरप्रीत भाटिया, प्रतिष्ठित वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग ने मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने में मनोचिकित्सा की भूमिका पर चर्चा की।प्रोफेसर डॉ. रूपाली शर्मा ए एआई पी एस अमिटी नोएडा से सभा को सांस्कृतिक दक्षता के बारे में जानकारी दी।प्रोफेसर डॉ. दोंठू राज किरण एन आर आई अकादमी ऑफ साइंसेज मंगलागिरी एपी से हालिया मनोचिकित्सा प्रबंधन प्रवृत्तियों पर अपने विचार साझा किए।
दूसरा दिन सत्र का आरंभ स्नेहा भारद्वाज द्वारा किया गया जो स्पीकिंगक्यूब की मनोवैज्ञानिक हैं। सत्र को शिखा चमोली सिन्हा ने आगे बढ़ाया, जो पूर्व मेटा डेटा इंजीनियर हैं (यूएसए)।इनके द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और इसके सोशल मीडिया से संबंध तथा ए आई कैसे एक अच्छा सहायक हो सकता है इस पर चर्चा की। डॉ. सारन्या सुंदराराजू जो एक मनो-ऑन्कोलॉजिस्ट हैं और एन आई आई टी यूनिवर्सिटी मलेशिया से पोस्ट डॉक्टोरल उम्मीदवार हैं उन्होंने कैंसर रोगियों के लिए गरिमा चिकित्सा पर चर्चा की।
श्रीमती सुजाता ने मिस दृष्टि सिंह, मिस सृष्टि सिंह, मिस दिशा रॉय, मिस अनन्या आर जंग, स्नेहा भारद्वाज, काजल तोमर,अलिस जायसवाल, जस्मन शेर सिंह, मालविना चानाम, अलका व आबिदा वाणी का सम्मान किया।मेजर अनुपा कैरी ने पेरिनेटल मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग में चिकित्सीय दृष्टिकोणों पर चर्चा की।प्रोफेसर डॉ. निधि वर्मा अमिटी गुरुग्राम से मनोविज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में व्यक्तित्व को पूर्वाग्रह कारकों के रूप में साझा किया। प्रोफेसर डॉ. नदीम लुकमान चंडीगढ़ विश्वविद्यालय से एसोसिएट प्रोफेसर हैं जिन्होंने मनोविज्ञान में अनुसंधान के महत्व पर चर्चा की।
प्रोफेसर डॉ. दीपिका चमोली शाही जिन्होंने स्पीकिंगक्यूब की संस्थापक एवं निदेशक हैं तथा एवं सेंट लियो यूनिवर्सिटी (ऑनलाइन) में सहायक फैकल्टी हैं उन्होंने प्रतिभागियों के साथ हालिया मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेपों पर प्रश्न उत्तर सत्र आयोजित किया।
समापन सत्र में मिस सुजाता पॉल ने सभा को संबोधित करते हुए मानसिक स्वास्थ्य का महत्व बताया तथा क्रिएटिव टीम एवं पूर्व सदस्यों का सम्मान किया जिन्होंने अतीत में योगदान दिया था।

+

 

एक महीने की इबादतों का ईनाम है ईद : सूर्यकांत धस्माना

देहरादून, रमज़ान शरीफ के पवित्र महीने में एक महीने तक लगातार बुझे पेट प्यासी जुबान और पवित्र मन से अल्लाह ताला की इबादत का ईनाम ईद है यह बात आज मंजरा में आयोजित ईद मिलन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन व प्रशासन सूर्यकांत धस्माना ने ईद की बधाई देते हुए कही। उन्होंने कहा कि रोज़ा रखने का मतलब केवल भूखा प्यास रहना नहीं बल्कि रोजेदार के शरीर के हर अंग का रोजा होता है और उसमें जुबान गलत ना बोले,कान गलत बात ना सुने आंख कोई बुरा काम ना देखे हाथ किसी का बुरा ना करे और पैर किसी गलत ओर ना जाए इसे असली रोज़ा कहते हैं। श्री धस्माना ने कहा कि भारत के लोग भाग्यशाली हैं जिनको दुनिया के सारे त्योहार मनाने को मिलते हैं, उन्होंने कहा कि हमें होली ईद दिवाली गुरु पर्व और क्रिसमस समेत अनेकों त्योहार मनाने को मिलते हैं। श्री धस्माना ने मंजरा के अलावा टर्नर रोड, सुभाषनगर, ब्राह्मणवाला, मेहुवाला , कावली, सत्योवाली घाटी, राजपुर , डालनवाला छेत्र में आयोजित कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया व लोगों को ईद की मुबारकबाद दी।
इस अवसर पर मंजरा के पार्षद श्री जाहिद अंसारी, ब्राह्मणवाला के पार्षद मुकीम अहमद, मेहूवाला की पार्षद तरन्नुम अंसारी,पूर्व पार्षद हरि भट्ट,पूर्व पार्षद सीता राम नौटियाल,पूर्व पार्षद राजेश पुंडीर, पूर्व प्रधान सुलेमान अंसारी , अनीस अंसारी , यामीन खान, रिजवान अहमद, आनंद सिंह पुंडीर, दिनेश कौशल , जगपाल शर्मा, सोनू काजी, इजहार अहमद, सुल्तान अहमद, इकराम, महमूदन, समेत सैकड़ों लोग शामिल रहे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments