दो दिन चली जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक आज खत्म हो गई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी.
वित्त मंत्री (Finance Minister) के मुताबिक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की 4 रिपोर्ट पर चर्चा हुई. उनके मुताबिक रेट रेशनलाइजेशन पर कोई चर्चा नहीं हुई. रेट रेशनलाइजेशन पैनल को एक्सटेंशन दे दिया गया है. वहीं राज्यों का जीएसटी मुआवजा बढ़ाने पर फैसला नहीं हुआ है. इनवर्टेड ड्यूटी को लेकर सिफारिश मंजूर कर ली गई है. बेटिंग, गैम्बलिंग और कसीनो पर भी रिपोर्ट सौंपी गई है. ऑनलाइन गेमिंग कसीनो और हॉर्स ट्रेडिंग पर भी फैसला टला है. बैठक में काउंसिल ने कई वस्तुओं और सेवाओं की दरों में बदलाव को मंजूरी दे दी गई है. इससे कई वस्तुएं और सेवाएं महंगी हो जाएंगी, वहीं कई वस्तुओं में राहत भी मिलेगी. अब अगस्त के पहले हफ्ते में काउंसिल की बैठक मदुरई में होगी.
क्या हुआ महंगा
दो दिन चली बैठक में जीएसटी काउंसिल ने कई वस्तुओं और सेवाओं की दरों को संशोधित कर दिया है. काउंसिल ने कई पैकेज्ड फूड आइटम को जीएसटी दरों के दायरे में लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसमें दही, लस्सी, छांछ आदि शामिल हैं, यानि अब इनके पैकेज्ड आइटम के लिए ज्यादा रकम चुकानी होगी. वहीं जीएसटी काउंसिल बैंक के द्वारा चेक इश्यू किए जाने पर 18 प्रतिशत टैक्स लगाने को मंजूरी दे दी है. वहीं होटल के सस्ते कमरे यानि जिनका किराया 1000 रुपये से कम होगा, पर 12 प्रतिशत जीएसटी को मंजूरी दी है. पहले इस कैटेगरी पर टैक्स की छूट थी. अस्पतालों में महंगे कमरे लेना और महंगा होगा. जीएसटी काउंसिल ने ऐसे कमरें जिनका किराया 5000 रुपये प्रति दिन से अधिक है, उसके लिए प्रति मरीज 5 प्रतिशत जीएसटी चुकाना होगा. इसमें आईसीयू शामिल नहीं किया गया है. वहीं एलईडी लाइट, लैंप के लिए भी अब ज्यादा रकम चुकानी होगी, क्योंकि जीएसटी काउंसिल ने इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को 12 प्रतिशत से संशोधित कर 18 प्रतिशत कर दिया है. वहीं चाकू, चम्मच, कांटे आदि को 18 प्रतिशत टैक्स दायरे में रखा गया है. जो पहले 12 प्रतिशत के दायरे में था. सेंट्रीफ्यूगल पंप, डीप ट्यूबवेल टरबाइन पंप, सबमर्सिबल पंप को भी 12 प्रतिशत टैक्स स्लैब से बढ़ाकर 18 प्रतिशत तक कर दिया गया है.
कहां मिली राहत
अब रोपवे के जरिए यात्रियों या सामान को लाना ले जाना सस्ता पड़ेगा जीएसटी काउंसिल ने इसको 18 प्रतिशत के टैक्स स्लैब से हटाकर 5 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में रखा है. सामान को लाने ले जाने का किराया भी कम होगा, दरअसल माल ढुलाई को किराये पर देने को 18 प्रतिशत के स्लैब से हटाकर 12 प्रतिशत पर रखा गया है. हालांकि ये उस स्थिति में लागू होगा जहां ईंधन का खर्च भी बिल में शामिल किया जाएगा. ऑर्थोपेडिक उपकरण जो दिव्यांगो के द्वारा इस्तेमाल किये जाते हैं और आंखों की खराबी के स्थिति में इस्तेमाल होने वाले लेंस को 12 प्रतिशत की जगह 5 प्रतिशत के स्लैब में रखा गया है. वहीं ऐसा सामान जिसे सुरक्षा बलों के द्वारा इस्तेमाल किया जाना है, को जीएसटी से छूट दी गई है.
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