रुद्रप्रयाग। दशज्यूला क्षेत्र की अराध्य देवी मां चंडिका की दिवारा यात्रा ने शुक्रवार को सांदर गांव में घर-घर जाकर भक्तों की कुशलक्षेम पूछी। जिसके बाद मां ने भक्तों को आशीर्वाद देने के बाद रात्रि विश्राम के लिए नारी देवी मंदिर पहुंची। जहां भक्तों ने मां का पुष्प व अक्षतों के साथ जोरदार स्वागत किया। बीते 15 अक्टूबर से मां चंडिका देवी की दिवारा यात्रा महड़तल्ला गांव से शुरू हुई थी। लगभग छह माह के भ्रमण के दौरान मां चंडिका ने रुद्रप्रयाग व चमोली के विभिन्न गांवों का यात्रा कर हरिद्वार स्नान भी किया। जिसके बाद लगभग एक माह तक देहरादून भ्रमण के बाद इन दिनों मां चंडिका छूटे गांवों के भ्रमण कर रही है। गत गुरूवार को मां चंडिका ने लमेरी गांव के भ्रमण के बाद रात्रि विश्राम के लिए सांदर पहुंची। इस दौरान सांदर के ग्रामीणों ने मां का जोरदार स्वागत कर सामूहिक अर्ग लगाया। शुक्रवार सुबह पुजारी आचार्य हरिबल्लभ सती ने मां चंडिका की विशेष पूज अर्चना कर भोग लगाया। जिसके बाद चंडिका देवी ने गांव में घर-घर जाकर भक्तों की कुशलक्षेम पूछी।
इस दौरान गांवों की महिलाओं ने कीर्तन भजन गाकर मां चंडिका का स्वागत किया। जिससे क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो उठा। जिसके बाद मां चंडिका नैल, भटवाडी, भैंसगांव होते हुए रात्रि विश्राम के लिए नारी गांव पहुंची। जहां यात्रा का भव्य स्वागत हुआ। भक्तों ने मां को फल, पुष्प, चांवल और चुनरी भेंट की। दिवारा यात्रा के सचिव देवेन्द्र जग्गी ने बताया कि 92 वर्षों बाद चंडिका मां की दिवारा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। करीब 9 महीने की दिवारा यात्रा संपंन होने के बाद मई माह में अंतिम सप्ताह में महड़ गांव में महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। जिसमें 28 गांवों के लोगों की भागीदारी होगी। इस मौके पर पुजारी आचार्य हरिबल्लभ सती, दिवारा यात्रा समिति के सचिव देवेंद्र जग्गी, प्रधान सांदर भूपेन्द्र जगवाण, वीरेन्द्र सिंह, शिवराज सिंह, भागचन्द्र सिंह, बाग सिंह, बलवीर सिंह, जयपाल सिंह, मेहरबान सिंह सहित बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे।
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