नई दिल्ली: एक ओर दिल्ली (Delhi News) में बढ़ते तापमान और गर्मी (Delhi Weather) की वजह से बिजली की मांग (Delhi Power Demand) बढ़ती जा रही है, वहीं केंद्र सरकार (Central Govt) ने बुधवार को एनटीपीसी (NTPC) के दादरी स्टेशन-II पावर स्टेशन की पूरी 728 मेगावाट क्षमता 1 अप्रैल से हरियाणा (Haryana) को आवंटित कर दी है. ऐसे में दिल्ली में बिजली गुल (Delhi Power Cut) होने का खतरा गंभीर हो गया है. इतनी बड़ी क्षमता का अचानक नुकसान दिल्ली में बिजली संकट का कारण बन सकता है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा जुलाई 2015 में लिखे एक पत्र का हवाला देते हुए 1 अप्रैल से दादरी में एक राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) संयंत्र से दिल्ली को आवंटित 728 मेगावाट (मेगावाट) बिजली को पड़ोसी हरियाणा में बदलने का फैसला किया है.
रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली में बिजली उपयोगिताओं ने कहा कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) को बिजली मंत्रालय का निर्देश बिना किसी पूर्व सूचना के जारी किया गया था और इससे राष्ट्रीय राजधानी में बिजली कटौती हो सकती है. मंगलवार को दिल्ली में सबसे ज्यादा बिजली की मांग 4,332 मेगावाट थी और इस गर्मी में 8,000 मेगावाट को पार करने की उम्मीद है. पिछले साल दिल्ली में बिजली की सबसे ज्यादा मांग 7,323 मेगावाट थी. बता दें कि राजधानी दिल्ली को सबसे अधिक बिजली एनटीपीसी दादरी-2 (728 मेगावॉट) से मिलती है.
बिजली मंत्रालय के अवर सचिव राजा रामास्वामी ने 28 मार्च, 2022 को सीईए को लिखे एक पत्र में कहा कि एनटीपीसी के दादरी-II स्टेशन में दिल्ली की ओर से पावर सरेंडर करने की इच्छा और हरियाणा सरकार की इच्छा को ध्यान में रखते हुए एनटीपीसी के दादरी-II स्टेशन से हरियाणा को 728.68 मेगावाट के सरेंडर्ड अथवा उपलब्ध शेयर का 1 अप्रैल से पुन: आवंटन करने का निर्णय लिया गया है. सीईए से अनुरोध है कि 1 अप्रैल, 2022 से सभी संबंधितों को सूचना के तहत आवंटन को लागू किया जाए.
दरअसल, मंगलवार को सीईए ने एक आदेश जारी किया, जिसमें दादरी-2 संयंत्र से दिल्ली की बिजली के हिस्से को शून्य पर लाने वाले बदलावों को नोटिफाई किया गया. हालांकि, अब तक इस फैसले पर मंत्री जैन की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन दिल्ली में बिजली उपयोगिताओं (Utilities) ने कहा कि बिजली मंत्रालय का संचार गलत था. वहीं, डिस्कॉम के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि दिल्ली ने केवल दादरी- I संयंत्र से लगभग 750 मेगावाट बिजली सरेंडर की है. वास्तव में दिल्ली ने हमेशा यह कहा है कि उसे अपनी बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए दादरी-II से आवश्यक बिजली की आवश्यकता है. लेकिन लेटेस्ट आदेश में केंद्र ने दादरी-2 स्टेशन से भी दिल्ली के कुल आवंटन को बदल दिया.एचटी ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है कि 2021 में डिस्कॉम बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड, बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड द्वारा भेजे गए पत्रों में बिजली मंत्रालय से दादरी- I स्टेशन से दिल्ली के हिस्से को सरेंडर करने का अनुरोध किया गया था. इस फैसले के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय बिजली मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह निर्णय दिल्ली सरकार के अनुरोध पर लिया गया है. प्रवक्ता ने दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा जुलाई 2015 में तत्कालीन केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल को लिखा एक पत्र भी दिखाया.
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