-ट्रैफिक जाम, प्रदूषण जैसी समस्याओं से लोग बेहाल हैं।
-शहर की शांति और हरियाली खत्म कर दी गई है।
-स्मार्ट सिटी के नाम पर दून को और बदहाल कर दिया गया है।
-वर्षों से पूरा शहर खुद रहा-बन रहा, फिर खुद रहा, मनमाने ढंग से हो रहा काम।
देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), कभी खुशगवार आबोहवा और शांत माहौल के लिए देश-दुनिया में विख्यात दूनघाटी राजधानी बनने के बाद पिछले 23 वर्षों में बद से बदत्तर हो गई है। ऐसे में इसे बचाने की मुहिम यहां के बाशिंदों ने शुरू की है।
दून में सक्रिय विभिन्न सामाजिक संगठनों, रेजिडेंट्स वेलफेयर सोसाइटीज, मोहल्ला कल्याण समितियों, पूर्व सैनिकों, पत्रकारों, सेवानिवृत्त कर्मचारियों, राज्य आंदोलनकारियों व समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े लोगों के समन्वित मंच ‘संयुक्त नागरिक संगठन एवं संबद्ध संगठन’ की ओर से शनिवार को ‘दून डिक्लेरेशन’ (दूनवासियों का घोषणा पत्र) जारी किया।
उत्तरांचल प्रेस क्लब के डॉ. पीतांबर दत्त बड़थ्वाल सभागार में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में संगठन के अध्यक्ष ब्रिगेडियर (अप्रा.) केजी बहल, सचिव सुशील त्यागी, पूर्व कर्मचारी नेता जगमोहन मेहंदीरत्ता, सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल, पार्षद देवेंद्रपाल सिंह मोंटी, राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती व संगठन के उपाध्यक्ष कर्नल (अप्रा.) बीएमएस थापा आदि ने तमाम संबद्ध संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में इसे जारी किया।
इस मौके पर पूर्व बेंक कर्मचारी नेता जगमोहन मेहंदीरत्ता ने बताया कि शहर लगातार बद से बदत्तर होता चला जा रहा है। जिन पर इसके संरक्षण और संवर्द्धन की जिम्मेदारी है, वे पूरी तरह अनदेखी किए हुए हैं।
मेहंदीरत्ता ने बताया कि आज जारी दून डिक्लेरेशन पर अब हस्ताक्षर कराए जाने की मुहिम चलाई जाएगी। लक्ष्य 50 हजार से अधिक दूनवासियों के हस्ताक्षर कराए जाने का है। हस्ताक्षरों के साथ इसे मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा। साथ ही शहरी विकास मंत्री, मुख्य सचिव, दून के विधायकों और नए बनने वाले नगर निगम बोर्ड को भी इसकी प्रतियां सौंपी जाएंगी।
सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने बताया कि दून को लेकर चिंता करने वाले जागरूक लोगों को 2 नवंबर को संगठन की ओर से आयोजित बैठक में बुलाया गया था। इसमें उत्साहजनक यह रहा कि डेढ़ दर्जन से ज्यादा संगठनों-संस्थाओं के प्रतिनिधि उक्त बैठक में शामिल हुए। इसी में तय किया गया था कि नागरिकों की ओर से दून डिक्लेरेशन जारी किया जाएगा।
नौटियाल ने कहा कि दून डिक्लेरेशन में सिर्फ समस्याओं की ओर ही सरकार और जनप्रतिनिधियों का ध्यानाकर्षित नहीं किया गया है, बल्कि समाधान भी सुझाया गया है। उन्होंने बताया कि पूरे दून डिक्लेरेशन को तीन खंडों में बांटा गया है। पहले खंड में दून की वर्तमान दुर्दशा को 20 बिंदुओं में सामने रखा गया है। दूसरे खंड के अंतर्गत 6 बिंदुओं में भविष्य की गंभीर चिंताओं को लेकर आगाह किया गया है। तीसरे और अंतिम खंड में इनके समाधान के तौर पर दून गवर्नेंस को लेकर 5 बिंदुओं में सुझाव दिए गए हैं।
नौटियाल ने कहा कि आवासीय क्षेत्र, व्यावसायिक क्षेत्रों में तब्दील हो रहे हैं। मेट्रो परियोजना का वर्षों बाद भी धरातल पर कहीं अतापता नहीं है। स्मार्ट सिटी पुराने शहर से इतर नए शहर के रूप में अलग से बननी चाहिए थी। कचरा प्रबंधन के भी बुरे हाल हैं। दून ई-रिक्शा, लोडरों और अतिक्रमण का शहर बन गया हैं, जिसकी वजह से दिनभर जाम झेलने को लोग मजबूर हैं। परेड मैदान और रेंजर्स ग्राउंड को और खराब कर दिया गया है।
उनका कहना है कि देहरादून शहर के नियोजन में स्थानीय नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित की जानी चाहिए और इसके लिए सभी 100 वार्ड में कमेटियों का गठन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही दूनघाटी के सभी आवासीय क्षेत्रों के लोगों से संपर्क कर संगठन को और विस्तार दिया जाएगा, ताकि दूनवासियों की मुखर आवाज नीति नियंताओं और योजनाकारों तक पहुंच सकें।
यह संगठन हैं शामिल :
– दून सिटीजन रेजिडेंट वेलफेयर सोसायटी।
-पूर्व सैनिक संगठन।
-उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच।
-उत्तराँचल बैंक एशोसियेशन।
-दून सिक्ख वेलफेयर सोसायटी।
-स्वतंत्रता संग्राम सैनानी उत्तराधिकारी संगठन।
सुशील त्यागी 98972 87147
अनूप नौटियाल 97600 41108
जगमोहन मेहन्दीरत्ता 70174 66453
कर्नल बीoएमo थापा 94129 41194
मोंटी (पार्षद) 9997515867
प्रदीप कुकरेती 9897356777
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