मुझे भी जन्म लेने दो मुहिम के तहत कावड़ यात्रा कर दिया बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सन्देश
हरिद्वार, भगवा वेश-भूषा, गले में रुद्राक्ष की माला, कांधे पर कांवड़ लिए जब कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या सड़क पर निकली तो हर कोई उनको देखता रह गया। इस दौरान हर ओर बोल बम के जयकारे गूंज उठे। मौका था
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के संदेश एवं लैंगिक असमानता को खत्म करने के संकल्प का। इस संकल्प के साथ मंगलवार को उत्तराखंड की महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कांवड़ यात्रा निकाली। हरिद्वार में हर की पैड़ी से 25 किलोमीटर की पैदल कावंड यात्रा ऋषिकेश में संपन्न हुई। इस दौरान कैबिनेट मंत्री में इतनी ऊर्जा नजर आयी कि तय समय से बेहद पहले ही उन्होंने दूरी पूरी कर ली।
कैबिनेट मंत्री ने मंगलवार को
कांवड़ यात्रा के लिए सुबह हरकी पैड़ी पहुंचकर जल भरा और राष्ट्रीय महामंत्री अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद हरिगरी महाराज व संत महात्माओं के आशीर्वाद के साथ अपनी यात्रा का शुभारंभ किया। इस मौके पर हरिगिरि महाराज व गंगा सभा के अध्यक्ष ने वैदिक मंत्रोच्चार व पूजा हवन के साथ पैदल कांवड़ यात्रा को शुरू करवाया। इस दौरान मंत्री अलग-अलग पड़ाव पर रुकी। जहां उनका स्वागत पहाड़ी वाद्य यंत्रों से किया गया। इस दौरान मंत्री की ऊर्जा की हर कोई तारीफ कर रहा था।
इसके बाद पैदल चलते हुए मंत्री ऋषिकेश के वीरभद्र महादेव मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंची।जहां विशेष पूजा-अर्चना हुई। यात्रा में उनके साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं, सुपरवाइजरों समेत कई महिलाएं शामिल रही। इस दौरान महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के सचिव एचसी सेमवाल, श्री गंगासभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक देशराजराज कर्णवाल, श्री महंत रवींद्र पुरी, महंत हरिगिरी आदि मौजूद रहे।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर
मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि लैंगिक असमानता को खत्म करने को लेकर सरकार ने संकल्प लिया है। सावन के इस पवित्र महीने में एक संदेश उन माता-पिता और समाज को दिया जाए जो लड़कियों को लेकर सही सोच नहीं रखते हैं। इसलिए हमनें अपने संकल्प का नाम मुझे भी जन्म लेने दो, शिव के माह में शक्ति का संकल्प दिया है।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी बहनों और विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि वह इस संकल्प को पूरा करने में अपना सहयोग करें। इस संकल्प यात्रा में बड़ी संख्या में बहनें पहुंची हैं। सभी को यह कहा गया है कि आंगनबाड़ी बहनें व विभागीय अधिकारी, कर्मचारी अपने-अपने नजदीकी शिवालयों में स्वेच्छा से जलाभिषेक करें और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के इस संकल्प को पूरा करें। बेटियों को गर्भ में ही मार देना या फिर भ्रूण का परीक्षण कराना एक दंडनीय अपराध है, लेकिन फिर भी अमूमन यह देखने में आया है कि इस तरह के कृत्य अभी भी चोरी छिपे कुछ पैथोलॉजी, नर्सिंग होम व अस्पताल करते हैं। जो भी व्यक्ति इस तरह के कृत्य करने वालों की सूचना विभाग को टोल फ्री नंबर 181 पर देगा उनके नाम को गोपनीय रखते हुए उसे ईनाम दिया जाएगा। वहीं गलत काम करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में हम रजत जयंती मना रहे हैं, तब तक हमें इस लैंगिक असमानता को खत्म करना है। उम्मीद है वर्ष 2025 में 1000 बालकों पर 1000 बालिकाओं का आंकड़ा होगा।
ये रहे पड़ाव :
मंत्री रेखा आर्या की कांवड़ यात्रा में कुल पांच पड़ाव रहे। सबसे पहले कांवड़ यात्रा कीर्ति हेरिटेज, दूसरा पड़ाव रायवाला एचपी पेट्रोल पंप, तीसरा पड़ाव श्यामपुर इंडियन पेट्रोल पंप, चौथा पड़ाव आईडीपीएल मोड़ व आखिरी पड़ाव वीरभद्र महादेव मंदिर रहा।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या की इस कांवड़ यात्रा में हर पड़ावों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत व अभिनंदन किया गया। वहीं कुछ पड़ावों पर आंगनबाड़ी महिलाओं ने शिव के भजनों से माहौल को भक्तिमय बनाया।
वीरभद्र महादेव मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक के उपरांत कैबिनेट मंत्री ने हरिद्वार हर की पैड़ी से पैदल कांवड़ यात्रा कर रही आंगनबाड़ी बहन के पैर धोकर व रुद्राक्ष की माला पहनाकर स्वागत व अभिनंदन किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री ने वीरभद्र महादेव मंदिर प्रांगण में रुद्राक्ष का पेड लगाया और कहा कि धरती को हरा भरा रखने के लिए अपने आस पास पौधे अवश्य लगाने चाहिए।
कावड़िए लौटे शिवालय, गौलापार लोकेश्वर महादेव में किया जलाभिषेक
(चंदन सिंह बिष्ट)
हल्द्वानी (गौलापार), उत्तराखंड में कावड़ यात्रा जोरों पर है मंगलवार को 20 लोगों का दल हरिद्वार से गंगाजल भर कर लोकेश्वर महादेव गौलापार लौटा सभी कावड़ यात्रीयों ने लोकेश्वर महादेव में जलाभिषेक किया। आपको बता दें कि हल्द्वानी में शाम के समय इन कावड़ियों की भीड़ छटते ही नैनीताल पुलिस ने राहत की सांस ली। उधर, कांवड़ियों के शिवालय लौटने से मंदिरों पर रौनक छाने लगी है। वहीं मंदिरों पर अन्य शिवालयों में भी जलाभिषेक को पूरी तैयारी कर ली गई है।
सुबह से दोपहर तक एक के पीछे एक वाहन में सवार कांवड़िये बम-बम भोले, हर-हर महादेव के जयकारे लगाते हुए शिवालयों की ओर लौट रहे थे। कावड़ यात्रा में राजीव शर्मा, त्रिलोक सिंह नौला, मनोज सिंह नौला, बलवंत सिंह नौला, महेश देवलिया, विक्रम, सूरज पांडे, पान सिंह नौला ,खीमानंद ,घनश्याम शर्मा ,अमित कुमार ,धीरज पलडिया ,हरेंद्र सिंह कन्याल मनोज सिंह नयाल ,दीपेश जोशी ,दीपक भट्ट ,ललित भट्ट ,सुरेंद्र सिंह ,कुबेर सिंह, बालम सिंह नौला आदि लोग मौजूद थे ।
गंगा नदी जुड़ी हुई सहायक नदी चंद्रभागा नदी का संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य शुरू, पर्यावरणविद् श्यामलाल भाई ने की सार्थक पहल
ॠषिकेश, घरती को हराभरा करने तथा स्वच्छ गंगा नदी बचाओ अभियान के अन्तर्गत
लोक पर्यावरण शिक्षा संस्थान एवं अर्थ डे नेटवर्क इंडिया ने रोटरी ऋषिकेश रॉयल के सहयोग से गंगा नदी जुड़ी हुई सहायक नदी चंद्रभागा नदी का संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य शुरू हो गया, इस सार्थक कार्य के लिए चंद्रभागा नदी के तट पर 5 हेक्टेयर भूमि पर वृक्षारोपण का कार्य किया जाना है।
चंद्रभागा नदी में आयोजित इस वृक्षारोपण कार्यक्रम का उद्घाटन अपर गढ़वाल आयुक्त नरेंद्र सिंह कुरियाल एवं भूवैज्ञानिक एस एस पंवार तथा क्षेत्रीय अधिकारी श्री ललित मोहन नेगी एवं वन बीट अधिकारी दीपक व रोटरी ऋषिकेश रॉयल के अध्यक्ष संकेत गोयल एवं रोटरी ऋषिकेश रॉयल के सभी गणमान्य सदस्यगणों की उपस्थिति में किया गया ।
रोटरी ऋषिकेश रॉयल के मुख्य सदस्य हितेंद्र सिंह पंवार ने इस जनहित कार्य के लिये अपने स्वर्गीय पिता श्री शूरवीर सिंह पंवार की स्मृति में चंद्रभागा नदी में सुंदर वन स्थापना हेतु वित्तीय सहयोग प्रदान किया।
स्वच्छ गंगा नदी बचाओ अभियान के प्रमुख एवं प्रसिद्ध पर्यावरणविद श्याम लाल भाई ने बताया कि लोक पर्यावरण शिक्षा संस्थान ने गंगा नदी से जुड़ी हुई सहायक नदियों को संरक्षण करने के यह कार्य योजना तैयार की है । जिसके तहत चंद्रभागा नदी के नदी के किनारे जहां जहां पर खाली तट है पर मिश्रित पौधों का रोपण किया जाएगा | जिससे मृदा संरक्षण एवं जल संवर्धन में वृद्धि होगी और चंद्रभागा नदी का पुर्नजीवन हो इसके लिए लोक पर्यावरण शिक्षा संस्थान एवं अर्थ डे नेटवर्क इंडिया ने चंद्रभागा नदी के किनारे बांस, शीशम, अमरूद, आम के पौधों का रोपण किया गया है, इसके साथ ही 5 हेक्टेयर पर वृक्षारोपण करने की कार्य योजना तैयार की गई है | जिसके लिये सर्वप्रथम ऋषिकेश शहर की रोटरी ऋषिकेश रॉयल ने सर्वप्रथम चंद्रभागा नदी संरक्षण के लिए अपना सहयोग प्रदान किया ।
वर्ष 2022-2023 वर्ष की कार्य योजना में 5 हेक्टेयर चंद्रभागा नदी के किनारे बंजर भूमि पर वृक्षारोपण कर शूरवीर वन तैयार कर 3 साल बाद वन विभाग को सौंपा दिया जाएगा ।
पर्यावरणविद श्याम लाल भाई ने बताया कि चंद्रभागा नदी के पुनर्जीवित के लिए कार्य योजना हमने तैयार की है । शहर के बुद्धिजीवियों से निवेदन है कि स्मृति वन में पौधे रोपण करने की कृपा करेंगे इसके लिए हम और आप लोगों को आगे आने की अति आवश्यकता है।
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