हरिद्वार, कुख्यात गैंगस्टर यशपाल तोमर फिल्मी अंदाज में अपने कारनामों को अंजाम देता था। फिल्म ‘सात उचक्के’ की तर्ज पर लोगों और व्यापारियों को ब्लैकमेल करने का जाल बुनकर यशपाल कैसे अरबपति बन गया, यह कहानी भी किसी फिल्म से कम नहीं है, फिल्म में तो सिर्फ तीन घंटे के दौरान अभिनेता जीरो हीरो बन करोड़पति ठाट बाठ से जीता है, ऐसी ही कहानी का किरदार आज पुलिस की गिरफ्त में है, यह कुख्यात गैंगस्टर यशपाल तोमर फिल्मी अंदाज में अपने कारनामों को अंजाम देता था और लोगों का महिला साथियों के जरिये संपत्ति व पैसा हड़प लेता था।
उत्तराखंड एसटीएफ ने बागपत उत्तर प्रदेश के भू-माफिया यशपाल तोमर की करीब 153 करोड़ की चल-अचल संपत्ति कुर्क की है। यशपाल हरिद्वार जेल में बंद है। गैंगस्टर एक्ट के तहत यशपाल की दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में फैली करीब 153 करोड़ की चल-अचल संपत्ति कुर्क की गई है।
क्या है गैंगस्टर यशपाल की कहानी :
एक छोटे-से किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाला यशपाल तोमर अपने शातिर दिमाग के बूते अरबपति बन गया। उसके काले कारनामों में उसे पूरा संरक्षण भी मिला। यशपाल के आपराधिक इतिहास को खंगालने पर यह बात सामने आ रही है कि पुलिस, शासन-प्रशासन के अधिकारियों की सरपरस्ती में यशपाल वारदात को अंजाम देकर बच निकलने में कामयाब रहता था। फिल्मी अंदाज में किसी को फंसाने का जाल बुनकर अधिकारियों से सांठगांठ के चलते वह कई प्रभावशाली व्यक्तियों को भी शिकार बना चुका है। पूर्व पालिकाध्यक्ष व कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे पारस कुमार जैन के बेटे कांग्रेसी नेता तोष कुमार जैन को भी यशपाल ने शिकार बनाया। लेकिन तोष जैन ने घर में घुसकर हत्या की धमकी देने का आरोप लगाते हुए कनखल थाने में मुकदमा दर्ज कराया, उस पर हरिद्वार की पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाई, लेकिन यशपाल तोमर ने राजस्थान में जमीन का एक मुकदमा दर्ज कराते हुए तोष जैन व उनकी पत्नी को दिल्ली से हरिद्वार लौटते वक्त गिरफ्तार करा दिया। यशपाल के काले कारनामों का पूरा चिट्ठा अब एसटीएफ की पड़ताल में सिलसिलेवार तरीके से खुलकर सामने आ रहा है।
यशपाल तोमर की कई राज्यों के अधिकारियों में गहरी पकड़ है। उन्हीं की बदौलत वह कोई भी मुश्किल काम चुटकी बजाकर करा लेता था। पिछले दिनों गुरुग्राम में गिरफ्तारी के दौरान उत्तराखंड में मुख्य सचिव रहे एक चर्चित नौकरशाह उसके साथ मौजूद था। एसटीएफ को देखकर रिटायर्ड अफसर व उनका बेटा खिसक गए थे। यशपाल की मदद करने वाले हरिद्वार के कई चर्चित व सफेदपोश प्रापर्टी डीलर एसटीएफ के रडार पर हैं। ये वह लोग हैं, जो स्थानीय स्तर पर विवादित जमीनों की जानकारी यशपाल तोमर को देते थे। इसके बाद यशपाल की प्लानिंग के तहत फर्जी मुकदमों और जमीन हड़पने का पूरा जाल बिछाते थे। एसटीएफ के सूत्र बताते हैं कि आने वाले दिनों में ऐसे कई चेहरे बेनकाब होंगे।
यशपाल ने विवादित संपत्ति पर हाथ डालकर कुछ सालों में ही डेढ़ सौ करोड़ से अधिक का साम्राज्य खड़ा किया। कानूनी तौर पर कार्रवाई से बचने के लिए वह ज्यादातर संपत्ति अपने रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज कराता था, ताकि जरूरत पड़ने पर संपत्ति बचाई जा सके।
उत्तराखंड में आठ मुकदमें हैं दर्ज :
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि विवेचना से अब तक की गई जांच के आधार पर यशपाल तोमर के खिलाफ करीब 13 मुकदमे संगीन धाराओं में दर्ज हुए हैं। इनमें से आठ उत्तराखंड में हैं,जबकि अन्य उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए। हाल ही में थाना ब्रह्मपुरी जनपद मेरठ में मुकदमा दर्ज किया गया। जिसकी उत्तर प्रदेश एसटीएफ की मेरठ यूनिट जांच कर रही है। ग्राम चिटेहरा, दादरी जनपद जीबीनगर भूमि प्रकरण में एडीएम जीबीनगर की ओर से जांच जारी है, यशपाल तोमर ने अवैध धन को वैध धन साबित करने के लिए आर्यनवीर एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई। जिसमें अपनी पत्नी अंजना व घर के सफाई कर्मी करमबीर सिंह को निदेशक दर्शाया। एसटीएफ को करमबीर बीपीएल कार्ड धारक होने के बावजूद कंपनी का निदेशक होने की बात पर संदेह हुआ और जांच करने पर यह फर्जीवाड़ा पाया गाय। उक्त कंपनी के आय-व्यय का कोई लेखा-जोखा नहीं है |
यशपाल तोमर शातिर तरीके से कई आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता था। उसने कई महंगी कार की चोरी होने की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई और इंश्योरेंस का पैसा डकार लिया। एसटीएफ के मुताबिक, यशपाल खुद ही मेरठ में कारों को चोर बाजार में बेच देता था और फिर चोरी की रिपोर्ट लिखा इंश्योरेंस का पैसा वसूल लेता।
यह संपत्ति की गई कुर्क :
-ग्राम चिटेहरा, दादरी, जीबीनगर में 10 भू-संपत्ति 1.3736 हेक्टयेर अनुमानित कीमत करीब 63 करोड़ रुपये। यह संपत्ति ससुर ज्ञान चंद के नाम से है।
-दिल्ली, लोनी गाजियाबाद व ग्राम बरवाला जनपद बागपत में तीन भू-संपत्ति, 4188.33 वर्ग गज व 130.05 स्क्वायर मीटर करीब 16 करोड रुपये की संपत्ति पत्नी अंजना तोमर के नाम से।
-हरिद्वार में करीब 2.455 हेक्टेयर भूमि कीमत करीब 72 करोड़ रुपये साले अरुण कुमार के नाम से।
– ग्राम रमाला जनपद बागपत में दो भू-संपत्ति करीब 12.477 हेक्टयेर व 148.61 वर्ग गज कीमत करीब 98 लाख रुपये भाई नरेश के नाम से।
– ग्राम रमाला जनपद बागपत में एक भू-संपत्ति करीब 472.50 वर्ग गज कीमत करीब 20 लाख रुपये भाई आमबीर के नाम से।
– चार पहिया वाहन- फॉर्च्युनर (बुलेट प्रूफ), इनोवा समेत आठ वाहन कीमत करीब सवा करोड़ रुपये, जो परिवार के सदस्यों के नाम से हैं।
– बैंक खाते- यशपाल तोमर व अन्य परिवार के सदस्यों के नाम पर पांच खाते।
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