Friday, November 15, 2024
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भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड : 331 कैडेट्स अफसर बनकर सेनाओं की मुख्य धारा में जुड़े, मित्र राष्ट्रों के 42 कैडेट्स भी पास आउट

देहरादून, भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से शनिवार को (आज) 331 युवा अफसर देश सेवा के लिए सेना की मुख्यधारा में जुड़ गए। इसके साथ ही मित्र राष्ट्रों के 42 कैडेट्स भी पास आउट हुए। पासिंग आउट परेड की सलामी इस बार सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय ने ली।
परेड से पहले परिसर में सेना और बाहर पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अकादमी के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर सुबह छह बजे परेड शुरू हुई। परेड के बाद पीपिंग सेरेमनी आयोजित की गई। इसके बाद देश और विदेश के 373 कैडेट्स अफसर बनकर अपनी सेनाओं की मुख्य धारा में जुड़ गए। इनमें 331 अफसर भारतीय सेना को मिले।

इनमें डायरेक्ट एंट्री वाले 55 कैडेट्स शामिल हैं। जबकि, एक्स एनडीए 204 और एक्स एससी 40 कैडेट्स पास आउट हुए। 32 कैडेट्स टीजीसी कोर्स के हैं। आईएमए की स्थापना के बाद से अब तक यहां से 64862 देशी एवं विदेशी कैडेट्स पास आउट हो चुके हैं। वहीं, आईएमए के नाम अब तक 2885 विदेशी कैडेट्स को ट्रेनिंग देने का गौरव जुड़ गया है।

इस बार चौथे नंबर पर उत्तराखंड, आबादी के लिहाज से अब भी अव्वल :
इस बार भी उत्तर प्रदेश हर बार की तरह सबसे ज्यादा कैडेट्स देने वाला राज्य बना है। उत्तर प्रदेश के 63 कैडेट्स पासआउट होकर अफसर बनेंगे। जबकि, उत्तराखंड इस बार पहली बार की तुलना में दो पायदान पीछे खिसक गया है। पिछले साल जून की परेड में उत्तराखंड के कैडेट्स की संख्या 33 थी। जो इस बार घटकर 25 रह गई है। लेकिन, आबादी के लिहाज से देखें तो इस बार भी कैडेट्स देने वालों में उत्तराखंड अव्वल है। इस साल सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, अंडमान निकोबार से एक भी कैडेट आईएमए से पास आउट नहीं होगा। जबकि, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, असम, चंडीगढ़, गोवा, मणिपुर, ओडिसा व पुडुचेरी से एक-एक कैडेट भारतीय सेना का हिस्सा बने।

गौरतलब हो कि सैन्य अकादमी में साल में दो बार यानी जून और दिसंबर में आयोजित होने वाली पासिंग आउट परेड में इसकी झलक देखने को मिलती है। पिछले एक दशक के दौरान शायद ही ऐसी कोई पासिंग आउट परेड हो, जिसमें कदमताल करने वाले युवाओं में उत्तराखंडियों की तादाद अधिक न रही हो।
उत्तर प्रदेश के कैडेटों की संख्या सबसे अधिक पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के कैडेटों की संख्या भले ही सबसे अधिक 63 है, मगर इसकी तुलना वहां की आबादी के हिसाब से करें तो भारतीय सेना को जांबाज देने में अपना उत्तराखंड ही अव्वल नजर आता है, क्योंकि उप्र की आबादी का प्रतिशत देश की कुल आबादी का 16 प्रतिशत है, जो उत्तराखंड से कई गुणा अधिक है।

युद्ध स्मारक पर दी शहीदों को श्रद्धांजलि :

आईएमए स्थित युद्ध स्मारक पर शुक्रवार को शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यहां तलवार से सलामी देते जेंटलमैन कैडेट की साढ़े सात फीट की कांस्य की प्रतिमा है। प्रतिमा के पिछले हिस्से में मेहराब बनाए गए हैं, जिन पर 898 बहादुर पूर्व सैनिकों के नाम उकेरे गए हैं। ये वे पूर्व जवान हैं, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। भारतीय सैन्य अकादमी के युद्ध स्मारक का उद्घाटन 17 नवंबर 1999 को फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने किया था। युद्ध स्मारक पर 331 जेंटलमैन कैडेट्स ने भारतीय सेना के अधिकारियों के रूप में नियुक्त होने से पहले भारतीय सेना की समृद्ध परंपराओं को कायम रखने और राष्ट्र का झंडा हमेशा ऊंचा रखने का संकल्प लिया।

थल सेना प्रमुख की युवा अफसरों को सलाह :

थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने आईएमए स्नातकों से युद्ध के तेजी से बदलते स्वरूप से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए अपने कौशल को अपडेट करते रहने को कहा। आईएमए के स्प्रिंग टर्म कोर्स के समापन पर पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि प्रौद्योगिकी के तेजी से विकास के साथ युद्ध की गतिशीलता तेजी से बदल रही है और युद्ध की जगह अधिक जटिल हो गई है। ऐसे परिदृश्य में तकनीकी कौशल, मानसिक चपलता, महत्वपूर्ण मुद्दों पर सोचना और त्वरित प्रतिक्रिया सफलता की कुंजी होगी। उन्होंने नए कमीशन अधिकारियों से उनकी योग्यता को लगातार बढ़ाने के लिए कहा।

किन राज्यों से कितने :

1 उत्तर प्रदेश 63
2 बिहार 33
3 हरियाणा 32
4 महाराष्ट्र 26
5 उत्तराखंड 25
6 पंजाब 23
7 हिमाचल प्रदेश 17
8 राजस्थान 19
9 मध्य प्रदेश 19
10 दिल्ली 12
11 कर्नाटक 11
12 झारखंड 8
13 तमिलनाडु 8
14 जम्मू कश्मीर 6
15 छत्तीसगढ़ 5
16 केरल 5
17 तेलंगाना 3
18 पश्चिम बंगाल 3
19 गुजरात 2
20 नेपाल मूल (भारतीय सेना) 2

 

 

पीएम मोदी का फसलों की एमएसपी में की गई बढ़ोत्तरी को किसान के हित में किया गया शानदार निर्णय : जोगेंद्र पुंडीर

देहरादून, भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दालों समेत खरीफ की फसलों की एमएसपी में की गई बढ़ोत्तरी को किसान के हित में शानदार निर्णय बताया है ।
सरकार के प्रयासों से ही 20-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुशार देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन में बीते 5 वर्षों के मुकाबले सबसे अधिक वृद्धि होने जा रही है।

प्रदेश मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री जोगेंद्र पुंडीर ने 9 सालों में कृषि क्षेत्र में किये केंद्र व राज्य सरकार के कार्यों और विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी । उन्होंने जानकारी देते हुए कहा, किसान हितैषी श्री नरेंद्र मोदी सरकार ने मूंग, अरहर, धान, मक्का और उड़द की दाल का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर
किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। इस कदम के बाद किसान अपनी फसल बढ़ी हुई कीमतों पर बेच सकेंगे। बीते 9 वर्षों में पीएम मोदी ने किसान भाई-बहनों के हित में कई अहम फैसले लिए गए है। उन्होंने कहा, इसी कड़ी में सरकार ने खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। इससे अन्नदाताओं को उपज का लाभकारी मूल्य मिलने के साथ ही फसलों में विविधता लाने के प्रयासों को भी बल मिलेगा।

श्री पुंडीर ने कहा, केंद्र की मोदी सरकार ने तुअर दाल की एमएसपी में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है, जबकि धान, मक्के और मूंगफली की एमएसपी में भी बढ़ोतरी की गई है। सरकार के इस कदम से बड़े स्तरों पर किसानों को लाभ होगा और नई फसल के लिए अच्छे दाम मिल पाएंगे, जो खेती की बढ़ती हुई लागत को देखते हुए किसानों की हित में लिया गया है। सरकार ने मूंग दाल का समर्थन मूल्य सबसे ज्यादा 10 प्रतिशत बढ़ाया है। वहीं धान का मिनिमम सपोर्ट प्राइस 143 रुपए बढ़ाकर 2, 183 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। इस कदम का मकसद किसानों को धान की खेती के लिए प्रोत्साहन देना और उनकी आमदनी बढ़ाना है।
सामान्य ग्रेड के धान का एमएसपी 143 रुपए बढ़ाकर 2, 040 रुपए से 2,183 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। ए ग्रेड के धान का एमएसपी 163 रुपए बढ़ाकर 2, 203 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। मूंग का एमएसपी अब 8, 558 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। यह पिछले साल 7, 755 रुपए प्रति क्विंटल था। ज्वार हाइब्रिड का एमएसपी 210 रुपए, बाजरा का 150 रुपए, रागी का 268 रुपए, मक्का का 128 रुपए, अरहर का 400 रुपए, मूग का 803 रुपए, उड़द का 350 रुपए, मूंगफली का 527 रुपए, सूरजमुखी बीज का 360 रुपए, सोयाबीन पीला का 300 रुपए और सनफ्लावर सीड का एमएसपी 360 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है।

उन्होंने बताया, वर्ष 2023-24 के दौरान खरीफ फसलों की एमएसपी में वृद्धि किसानों को उचित पारिश्रमिक मूल्य उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय बजट 2018-19 की अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने की
घोषणा के अनुरूप है। बाजरा के बाद तुअर, सोयाबीन और उड़द के मामले में किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित लाभ सबसे अधिक होने का अनुमान है। शेष अन्य फसलों के लिए किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर कम से कम 50 फीसदी मार्जिन प्राप्त होने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त हाल के वर्षों में, सरकार लगातार इन फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य की पेशकश करके दलहनों, तिलहनों और अन्य पोषक धान्यध्श्री अन्न जैसे अनाजों के अलावा कई फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। साथ ही सरकार ने किसानों को उनकी फसलों में विविधता लाने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन जैसी विभिन्न योजनाएं एवं गतिविधियां भी शुरू की हैं। देश में 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 330.5 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष 2021-22 की तुलना में 14़.9 मिलियन टन अधिक है। यह बीते 5 वर्षों में होने वाली सबसे अधिक वृद्धि को दर्शाता है।

श्री पुंडीर ने इस दौरान उत्तराखण्ड सरकार की किसानों के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं की भी जानकारी दी ।
उन्होंने बताया, सेब उत्पादन बढाने के लिए एवं पहाडों में प्लायन कम करने के लिए एप्पल मिशन के तहत 80 प्रतिशत अनुदान पर बाग लगाये जा रहे हैं।
साथ ही कीवी का उत्पादन भी बढाने के लिए कार्य किये जा रहे है, व्यवसायी सब्जी उत्पादन एवं फूल उत्पादन के लिए पाली हाऊस का निर्माण करवाया जा रहा है, कलस्टर बना करके सामूहिक खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, बागवानों को ओले के नुकसान से बचाने के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी पर एंटी हील नेट दिये जा रहे हैं ताकि किसान अपनी फसलों को ओले से बचा सके, किसानों की फसलों का बीमा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, बागवानी बढाने के लिए विभिन्न प्रकार के फलों के पौधों का वितरण किया जा रहा है। मोटे अनाज (श्रीअन्न योजना) एवं परम्परागत कृषि विकास योजना के अन्तर्गत कृषि फसलों जैसे – झंगोरा, मडुवा, चीणा, उड़द, मसूर, काला भट्ट उत्पादन को बढाने के प्रयास किये जा रहे है, मडुवा खरीद के लिए 35.50 रूपये प्रति किलो की दर से खरीदने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है, कृषि यन्त्रों को खरीदने के लिए सरकार के द्वारा सब्सिडी दी जा रही है, कृषि ऋण योजना के अन्तर्गत किसानों को 0 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दिया जा रहा है । उन्होंने बताया, मत्स्य पालन योजना के अन्तर्गत भी विभिन्न प्रकार की योजनायें चलाई जा रही है। पशुपालन, बकरी पालन एव मधुमक्खी पालन के लिए भी सरकार के द्वारा योजनायें चलाई जा रही हैं। सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता कम करने के लिए सिंचाई टपक योजना चलाई जा रही हैं। जैविक प्रदेश बनाने के लिए पी.के.वी.वाई. योजना के अन्तर्गत समूहों का गठन किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत कृषकों को प्रशिक्षण (एक्सपोजर) भ्रमण कार्यक्रम करावाया जा रहा है।

 

कैबिनेट मंत्री व सोमेश्वर विधायक रेखा आर्या ने महाजनसंपर्क अभियान के तहत आयोजित ‘वरिष्ठ कार्यकर्ता सम्मेलन’में किया प्रतिभाग

 

पीएम मोदी के नेतृत्व में विगत 9 वर्षों में देश ने गढ़े हैं वैश्विक प्रतिष्ठा, आत्मनिर्भरता व विकास के नए आयाम : रेखा आर्याकैबिनेट मंत्री व सोमेश्वर विधायक रेखा आर्या ने महाजनसंपर्क अभियान के तहत  आयोजित 'वरिष्ठ कार्यकर्ता सम्मेलन'में किया प्रतिभाग* - Uttarakhand Kesari

सोमेश्वर(अल्मोड़ा), प्रदेश की कैबिनेट मंत्री व सोमेश्वर विधायक रेखा आर्या आज मजखाली मंडल पहुंची जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण को समर्पित सरकार के सफलतम 9 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य पर भाजपा के महाजनसंपर्क अभियान के तहत आयोजित ‘वरिष्ठ कार्यकर्ता सम्मेलन’में प्रतिभाग किया।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और वंदेमातरम के साथ किया गया।इस दौरान कार्यक्रम में मंत्री रेखा आर्या ने वरिष्ठजनों को सम्मानित भी किया।कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने उन्हें केन्द्र सरकार की उपलब्धियां गिनाईं, साथ ही सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में विगत 9 वर्षों में, भारतीय राजनीति और देश के विकास में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं।साथ ही इस दौरान देश ने विकास के कई कीर्तिमान स्थापित किये।कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली थीं और उनकी पुनः चुनावी जीत के बाद वे 2019 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तब से इन 9 वर्षों में, भारतीय राजनीति और देश के विकास में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के कार्यकाल के दौरान कई पहल की गईं।

वही इस दौरान कार्यकर्ता सम्मेलन में मंत्री रेखा आर्या ने सभी से आगामी चुनावों के लिए अभी से तैयारी करने के लिए कहा।कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रत्येक कार्यकर्ता आमजन तक पहुंचाए।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री व वर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष श्री बलवंत भौर्याल जी,जिलाध्यक्ष श्री रमेश बहुगुणा जी,जिलामंत्री श्री कन्नू शाह जी,महाजनसंपर्क अभियान के जिला संयोजक श्री ललित दोसाद जी,मोहन दोसाद जी,सभी मंडलो के मंडल अध्यक्ष, मंडल महामंत्री के साथ ही पार्टी के ज्येष्ठ व श्रेष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

 

मेसर कुण्ड की सफाई एवं वृक्षारोपण के लिए उठे सैकड़ों हाथ, प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करने की अनूठी पहल

मुनस्यारी(पिथौरागढ़), जोहार सांस्कृतिक संगठन पिथौरागढ़ द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय मेसर कुण्ड में सफाई तथा वृक्षारोपण कार्यक्रम में पहले दिन उत्साह के साथ सैकड़ों हाथों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। कुण्ड की सफाई के साथ अमृत सरोवर के निर्माण में श्रमदान किया गया। इस क्षेत्र में 50 बुरांश के पौधे का रोपण भी किया गया।
जोहार सांस्कृतिक संगठन पिथौरागढ़ के बैनर तले आयोजित मेसर कुण्ड सफाई तथा वृक्षारोपण कार्यक्रम में आज भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), लोक निर्माण विभाग, वन पंचायत, पीआरडी, मल्ला जोहार विकास समिति, वन विभाग, राजकीय इंटर कालेज मुनस्यारी के एनसीसी कैडेट्स, विद्या मंदिर इंटर कालेज मुनस्यारी के विद्यार्थियों सहित जेएसएस पिथौरागढ़ के सदस्यों के सैकड़ों हाथों ने आज प्राकृतिक धरोहर को बचाने की अनूठी पहल की शुरुआत की।
अभियान के पहले दिन कुण्ड की सफाई की गई। मेसर कुण्ड क्षेत्र में विकास खंड द्वारा ग्राम पंचायत सरमोली के माध्यम से एक अमृत सरोवर बनाया जा रहा है। अभियान के 247 सदस्यों ने सरोवर के निर्माण में श्रमदान किया और 50 बुरांश के पौधे भी इस क्षेत्र में रोपित किये गये।
प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए आज क्षेत्र में आयोजित इस कार्यक्रम में उत्साह का माहौल बना हुआ था।

जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि विद्यार्थियों के साथ आम नागरिक इस तरह के कार्यक्रमों से नेचर के प्रति जागरूक होते है। उन्होंने कहा कि हिमालय क्षेत्र में नेचर से बड़ा कोई धन सम्पदा नहीं है।
जोहार सांस्कृतिक संगठन पिथौरागढ़ के अध्यक्ष भूपाल सिंह बरफाल ने कार्यक्रम में सहयोगी बने सरकारी तथा गैर सरकारी संस्था एवं विभागों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संगठन प्रति वर्ष इस तरह के नेचर प्रेमी कार्यक्रमों को आयोजित करता रहेगा।
इस अवसर पर उत्तराखंड पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता रंजीत सिंह धर्मसक्तू, बहादुर सिंह धर्मसक्तू, राजेन्द्र सिंह रावत, गणेश सिंह मर्तोलिया, श्रीराम सिंह धर्मसक्तू, सुमित मर्तोलिया, लक्ष्मण सिंह पांगती लछबू, महेश सिंह धर्मसक्तू, मंगल सिंह राणा, लक्ष्मी राणा, तारा पांगती, पुष्कर सिंह नित्वाल, बहादुर सिंह मर्तोलिया आदि ने अपने विचार रखे।

 

हरिदासपुर से दिनेशपुर को जोड़ने वाले मार्ग के निर्माण कार्य का विधायक शिव अरोरा ने फीता काटकर किया शुभारंभ

रुद्रपुर(यूएस नगर), रुद्रपुर विधानसभा में क्षेत्र राज्य योजना के अंतर्गत ग्राम हरिदासपुर से दिनेशपुर को जोड़ने वाले हॉटमिक्स मार्ग के निर्माण कार्य का क्षेत्रीय विधायक शिव अरोरा द्वारा फीता काटकर शुभारंभ किया।इस अवसर पर विधायक शिव अरोरा ने कहा कि हरिदासपुर से दिनेशपुर को जोड़ने वाला सम्पर्क मार्ग लम्बे समय से जर्जर हालत में था। क्षेत्र के लोगो की बहुत समय से इस मार्ग के निर्माण की मांग थी जिसको राज्य योजना से स्वीकृत करवा कर इसके निर्माण कार्य का आज शुभारंभ कर दिया है और बहुत जल्द ही कार्य पूर्ण कर आम जन को समर्पित कर दिया जायेगा । विधायक अरोरा ने कहा कि निश्चित रूप से रुद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में लगातार विकास कार्य चल रहे हैं और आने वाले समय मे लम्बित विकास कार्यो को भी जल्द ही करवाया जायेगा। विधायक ने कहा मोदी सरकार और धामी सरकार प्रदेश के विकास को लेकर गम्भीरता से कार्य कर रही है जिसके परिणाम धरातल पर आने लगे हैं । इस दौरान अमित नारंग, जिला पंचायत सदस्य जगदीश विश्वास,ग्राम प्रधान इंद्रपाल चौधरी,ग्राम प्रधान बिशन सिंह,l क्षेत्र पंचायत सदस्य कौशल विश्वास, क्षेत्र पंचायत सदस्य सुखदेव सिंह, पूर्व प्रधान नरेश तपाली, सुब्रत बाचार,अशोक डाली,अजितेश पाइक , पंकज सरदार, राजेंद्र गुप्ता, सुखदेव हालदार, राजकुमार मंडल, केशव पाइक, अभिषेक मंडल, कार्तिक मंडल, विकास गुलदार, मिथुन हलदर, हरजीत हालदार, सार्थक मुटनेजा,अजय वर्मा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

 

चीन सीमा को लेकर फैलायी अफवाह, वीर सैनिकों की भूमि का अपमान : भट्ट

राहुल देश को बदनाम व कांग्रेस सेना का अपमान करती है : भट्ट

देहरादून, भाजपा ने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत प्रदेश नेताओं पर तंज कसते हुए कहा है कि गल्वान में शहादत के समय चीनी दूतावास में गुप्त मीटिंग करने और उनसे करोड़ो का चंदा लेने वाले आज देशभक्ति पर ज्ञान बांट रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने चेताते हुए कहा, वीरों की भूमि उत्तराखंड के लोग सेना के शौर्य का इस तरह अपमान सहन नही करेंगे ।

श्री भट्ट ने दिल्ली से लेकर देहरादून तक कांग्रेस द्वारा राज्य की सीमा को लेकर फैलाये जा रहे प्रोपेगेंडा पर बयान जारी करते हुए कड़ी आलोचना की है । उन्होंने कहा, इनके नेता राहुल गांधी विदेश में देश को बदनाम करते है और पार्टी देश मे भारतीय सेना के शौर्य का अपमान करती है । उन्होंने दिल्ली से लेकर देहरादून तक, कांग्रेस नेताओं के उत्तराखंड से जुड़ी सीमा को लेकर दिए बयानों को बेबुनियाद व गैरजिम्मेदाराना करार दिया है । उन्होंने कहा, चीन से सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस को सबसे पहले अपने इतिहास में झांकने की जरूरत है । किस तरह आज़ादी के बाद कांग्रेस सरकारों की अदूरदर्शी नीति के चलते 38 हज़ार वर्ग किलोमीटर भूभाग चीन के कब्जे में गया था। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के उपरांत 1 इंच भी भूमि किसी दूसरे देश के पास नही गयी है । जहां तक बात है चीन अधिकृत भूभाग पर निर्माण की तो ये आशंका, भारतीय सैनिकों के शौर्य पर हमेशा उंगली उठाने वाले कांग्रेसियों के दिमाग की उपज है । क्योंकि चीन ने अधिकांशतया उन्ही क्षेत्रों के आसपास ही निर्माण के प्रयास किये गए हैं जो कांग्रेस सरकारों की कायरता के चलते ड्रैगन के कब्जे में दशकों पहले चले गए थे।

श्री भट्ट ने कटाक्ष करते हुए कहा, कि जो लोग गल्वान और डोकलाम को लेकर आधी अधूरी जानकारी के आधार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं उन्हें याद रखना होगा कि जब हमारे वीर सैनिक चीनी सेना से लोहा ले रहे थे तो उनके शीर्ष नेता राहुल गांधी चीनी दूतावास में गोपनीय बैठक कर रहे थे । उन्हें अपने केंद्रीय नेतृत्व से पूछना चाहिए, यूपीए सरकार के समय उनकी पार्टी ने चीन से करोड़ो रूपये का
चंदा क्यों लिया और उसका क्या उपयोग किया । उन्होंने तंज किया कि इनके आलाकमान विदेश में जाकर देश को बदनाम करने का काम करते हैं और इनके राष्ट्र व प्रदेश के नेता सीमा की स्थिति को लेकर भ्रम फैलाकर देश के जांबाज जवानों के शौर्य का अपमान कर रहे हैं । उन्होंने कहा, देवभूमि वीर सैनिकों की भूमि है, लिहाज़ा हमारी सेना के अधिकृत पक्ष को नजरअंदाज करते हुए चीन सीमा में निर्माण को लेकर अफवाह फैलने की इस कोशिश को वे कतई बर्दाश्त नही करने वाले हैं ।

 

एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों को सीयूईटी के तहत प्रवेश की बाध्यता से मुक्त रखा जाए : डॉ सुनील अग्रवाल

देहरादून, एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ सुनील अग्रवाल ने यूजीसी एवं गढ़वाल विश्वविद्यालय को पत्र भेजकर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों को प्रवेश में cuet की बाध्यता से मुक्त रखने की मांग की है उन्होंने बताया गत सत्र में यूजीसी द्वारा नॉर्थ ईस्ट स्टेट्स एवं हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय को प्रवेश मेंcuet की बाध्यता से मुक्त रखा गया था वर्तमान सत्र में भी केंद्रीय सरकार द्वारा 15 मार्च को यूजीसी को पत्र भेजा गया था कि विगत सत्र की भांति वर्तमान सत्र में भी नॉर्थईस्ट स्टेट्स एवं हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय को प्रवेश मेंcuet की बाध्यता से मुक्त रखा जाए इस संबंध में एसोसिएशन द्वारा पूर्व में भी यूजीसी एवं हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय को पत्र भेजे गए थे जिसमें यह कहा गया था कि स्व वित्त पोषित कॉलेज अपने संसाधनों से संचालित किए जाते हैं जिन्हें सरकार की तरफ से कोई ग्रांट नहीं मिलती ऐसी स्थिति में सीटें खाली रखने से कॉलेजों का संचालन मुश्किल होता हैcuet के फॉर्म भरने में विश्वविद्यालयों का तो उल्लेख है लेकिन जो फॉर्म आगे खोला जाता है तो उसमें स्ववित्तपोषित कॉलेजों का नाम नहीं आता ऐसे में छात्रों के सामने कॉलेज के चॉइस की कोई स्थिति नहीं है, छात्र को सिर्फ गढ़वाल विश्वविद्यालय का नाम दिखाई देता है उससे संबंध स्ववित्तपोषित कॉलेजों का नहीं जब छात्रों को कॉलेजों के नाम कॉलेजों का स्थान और कॉलेजों मैं संचालित कोर्सों का ही नहीं पता होगा तो वह कॉलेज का विकल्प नहीं दे पाएगा | गत सत्र में b.ed कोर्स में cuet की प्रवेश परीक्षा के माध्यम से कॉलेजों में प्रवेश हुए थे जिसमें 50% सीटें कॉलेजों में खाली रह गई थी जिसके लिए विश्वविद्यालय से मांग की गई थी लेकिन विश्वविद्यालय ने बिना cuet के प्रवेश की अनुमति नहीं दी थी | वर्तमान सत्र में डीएवी कॉलेज के प्रधानाचार्य को यूजीसी की चिट्ठी में कहा गया कि हेमवतीनंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय प्रवेश के संबंध में स्वयं निर्णय ले लेकिन पिछले वर्ष के अनुभव के आधार पर यह कहना पड़ रहा है कि विश्वविद्यालय के अधिकारी अपने स्तर पर कोई निर्णय नहीं लेते जिसके कारण छात्र प्रवेश से वंचित रह जाते हैं और छात्र संख्या कम होने से कॉलेजों का संचालन मुश्किल होता है |

विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश में स्ववित्तपोषित कॉलेजों के साथ दोहरा व्यवहार किया जाता है गत सत्र में विश्वविद्यालय द्वारा cuet की प्रवेश परीक्षा के छात्रों कि पहले अपने कैंपस के लिए काउंसलिंग कराई गई उसके बाद स्ववित्तपोषित कॉलेजों को प्रवेश की अनुमति दी गई जोकि स्ववित्तपोषित कॉलेजों के साथ दोहरा व्यवहार है | इन परिस्थितियों के कारण यूजीसी एवं गढ़वाल विश्वविद्यालय को पुनःपत्र भेजा गया है कि वर्तमान सत्र हेतु भी गत सत्र की भांति प्रवेश में सीवीटी की बाध्यता से मुक्त रखा जाए | इसके अतिरिक्त जब तक स्ववित्तपोषित कॉलेजों का नाम समर्थ पोर्टल में नहीं खुलता है वैसे में यही समझा जाता है स्ववित्तपोषित कॉलेज इसमें शामिल नहीं है |

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