जिस बस के लापता होने की सूचना मिली थी वह अब दिखाई दे रही है। इस बस में 25 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है। रेस्क्यू में 2 घंटे से अधिक का वक्त लग सकता है। रेस्क्यू में आईटीबीपी के 300 जवान लगे हैं। हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 14 लोगों को बचाया गया है।
A total of 10 bodies have been recovered from the landslide site in Nugulsari area of Himachal Pradesh's Kinnaur. 14 people have been rescued so far: ITBP pic.twitter.com/EatSLwVVr2
— ANI (@ANI) August 11, 2021
किन्नौर में पहाड़ दरकने से निकले बोल्डर और मलबे की चपेट में आया एक वाहन
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले के भावानगर उपमंडल में एक पहाड़ के दरकने से बड़ा हादसा हुआ है.
हादसा NH-05 ज्यूरी रोड पर निगोसारी और चौरा के बीच में हुआ, जहाँ अचानक एक बड़ा पहाड़ दरक गया.
इस खिसके पहाड़ के नीचे एक हिमाचल रोडवेज़ की बस, ट्रक और कई छोटे वाहन दबे हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अब तक 10 लोगों के मौत की पुष्टि हो गई है. राहत कार्य में लगे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. आईटीबीपी के मुताबिक घायल 14 लोगों को मलबे से निकाला गया है.
जिन घायलों को मलबे से निकाला गया है उनमें बस के ड्राइवर और कंडक्टर भी मौजूद हैं.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस हादसे की जानकारी देते हुए कहा कि, “मलबे में दबे लोगों को सुरक्षित निकालने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी.”
हिमाचल रोडवेज़ की बस मुंरग से हरिद्वार जा रही थी. मौक़े पर ज़िला प्रशासन की टीम पहुँच चुकी है मौक़े पर से मिली जानकारी के मुताबिक़ घटना के वक्त कुछ लोग वाहनों में सवार थे.
राज्य की इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर की ओर से बताया गया है कि इस हादसे में अभी कई और लोगों के दबे होने की आशंका है.
मलबे में दबी कार
वहीं मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि मलबे में 50-60 लोग दबे हो सकते हैं. हादसे के कुछ देर बाद उन्होंने बताया कि मलबे में फंसे बस के ड्राइवर और कंडक्टर समेत चार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है.
स्थानीय प्रशासन के मुताबिक़ यह घटना लगभग दोपहर 12 से 12:30 बजे के बीच की है.
प्रशासन का कहना है कि दुर्घटना की जैसे ही सूचना मिली, मौके के लिए बस राहत एवं बचाव कार्य की एक टीम रवाना कर दी गई.
भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और अन्य राहतकर्मी बचाव अभियान में शामिल हैं
उनके मुताबिक लैंडस्लाइड में कई लोगों के दबे होने की आशंका है.
स्थानीय प्रशासन ने बताया कि हादसे के बाद भी मौके पर पत्थर लगातार गिर रहे थे जिससे राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने में भी प्रशासन एवं पुलिस को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से किन्नौर हादसे की जानकारी ली है.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी कि पीएम मोदी ने राहत और बचाव कार्य में सभी संभव सहायता देने का आश्वासन दिया.
हाल में हुई घटनाएं
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बीते दिनों लैंडस्लाइड की कई घटनाएं हुई हैं.
बीते हफ़्ते हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में भूस्खलन के कारण नाहन-श्रीरेणुकाजी-हरिपुरधार मार्ग बंद हो गया था.
यहां बारिश के बाद भूस्खलन की वजह से पहाड़ में दरार पड़ गई और पहाड़ टूटकर गिरने लगा. इसकी वजह से रास्ता भी टूट गया और सैकड़ों की संख्या में लोग रास्ते में ही फंस गए.
इससे पहले 30 जुलाई को सिरमौर के कामराऊ तहसील में भूस्खलन का वीडियो सामने आया था.
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