-जांच के बाद की प्रशासन ने कार्यवाही, सरकारी जमीन पर बनी थी मजार
देहरादून, राजधानी के दून अस्पताल में बनी मजार को बीती रात प्रशासन ने बुलडोजर कार्यवाही करते हुए ध्वस्त कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि यह मजार अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बनाई गई थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में लंबे समय से अवैध मदरसों और मजारों के खिलाफ ध्वस्तिकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस क्रम में बीती रात दून प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस फोर्स की मौजूदगी में दून अस्पताल के पुराने इमरजेंसी वार्ड के साथ बनी 60—70 साल पुरानी इस मजार को हटाने की कार्यवाही की गई। जो रात 12.40 से लेकर 3.30 बजे तक चली।
उल्लेखनीय है कि ऋषिकेश निवासी पंकज गुप्ता द्वारा इस मजार के अवैध होने की शिकायत 3 साल पूर्व सीएम के पोर्टल पर की गई थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारी को इसकी जांच के आदेश दिए गए थे। जिलाधिकारी द्वारा राजस्व विभाग तथा दून अस्पताल प्रशासन व दून नगर निगम के अधिकारियों की एक समिति से इसकी जांच कराई गई। जिसके निष्कर्ष में सामने आया कि यह मजार सरकारी जमीन पर बनी है और अवैध है।
जिला प्रशासन द्वारा मजार के खादिम को नोटिस भी जारी किया गया था मगर इसका कोई जवाब नहीं दिया गया और बीती रात प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में इस पर बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मजार 60 से 70 साल पुरानी थी कुछ लोगों का कहना है कि यह अस्पताल बनने से भी पहले की बनी हुई थी तथा सैकड़ो मुस्लिम और हिंदुओं की आस्था मजार से जुड़ी थी। उधर इस कार्यवाही को जहां भाजपा के नेताओं ने उचित ठहराया है तो उधर कांग्रेस के नेताओं द्वारा भाजपा पर नफरत फैलाने की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा जा रहा है कि भाजपा के पास पाकिस्तान—हिंदुस्तान और हिंदू—मुसलमान करने के अलावा कोई दूसरा काम नहीं है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अभी रुद्रपुर में हाईवे पर बनी एक मजार को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया था तथा हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज परिसर में बनी मजार को हटाने की मांग भी बीते लंबे समय से उठाई जा रही है। सरकार इस अभियान के तहत अब तक 120 से अधिक मदरसों को सील कर चुकी है जबकि 150 के आसपास मजारों को हटाया जा चुका है तथा कार्यवाही जारी है।
Recent Comments