Saturday, November 23, 2024
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अतिक्रमण पर फिर चला बुलडोजर : सरकारी जमीन पर बने 15 अवैध मकानों को किया ध्वस्त

देहरादून, राज्य सरकार लोकसभा के निपटते ही एक्कशन मोड़ में आ गयी, हालाकि अभी लोकसभा चुनाव के वोटों की गिनती नहीं हुई है, लेकिन एक बार फिर अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर ऐक्शन शुरू हो गया है। सरकारी जमीन पर बने 15 मकानों को तोड़ा गया। जिला प्रशासन और नगर निगम की टीमों ने सख्ती दिखाई है। चेताया कि भविष्य में भी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
देहरादून में सहस्रधारा रोड से लगते ग्राम चक नागल हटनाला में जिला प्रशासन और नगर निगम ने संयुक्त रूप से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया। यहां करीब चार घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान सरकारी जमीन पर बन रहे पंद्रह मकान तोड़े गए। प्लॉटिंग के लिए बनाई गई बीस बाउंड्री वॉल को ध्वस्त किया गया। इस दौरान टीम को विरोध भी सहना पड़ा।
जिला प्रशासन को शिकायत मिली थी कि पूर्व में गोल्डन फॉरेस्ट और वर्तमान में राज्य सरकार के नाम दर्ज हो चुकी जमीन पर कुछ बिचौलिये सहस्रधारा रोड से लगते ग्राम चक नागल हटनाला में अवैध रूप से कॉलोनी बसा रहे हैं। मौके पर पूछताछ में अफसरों को लोगों ने बताया कि एक व्यक्ति ने उनको दो से ढाई लाख रुपये में जमीन बेची, जिसके बाद उन्होंने मकान बनाने शुरू किए। बुधवार को जिला प्रशासन और नगर निगम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए पंद्रह निर्माणाधीन मकान और बाउंड्री वॉल को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया।
यह कार्यवाही दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक जारी रही। इस दौरान कुछ महिलाओं ने विरोध किया, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे उनकी एक न चली।
इस दौरान लोगों ने पुलिस प्रशासन से मांग की कि उनको यहां अवैध रूप से जमीन बेचने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाए। कानूनगो संजय सैनी और कर एवं राजस्व अधीक्षक-भूमि राहुल कैंथोला ने बताया कि यहां 15 और ऐसे मकान हैं, जहां लोग रह रहे हैं, उनको मकान खाली करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।

देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में अवैध रूप से प्लॉटिंग की जा रही है। कई जगह एमडीडीए से ले-आउट पास करवाए बिना ही लोगों को प्लॉट काटकर बेचे जा रहे हैं, जिसका खामियाजा बाद में आम जनता को ही भुगतना पड़ रहा है।
वहीं चक नागल हटनाला में जमीन बेचने वाला घर से फरार
दून में बुधवार को अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के दौरान अफसरों ने लोगों से कहा कि जिस व्यक्ति ने जमीन बेची, उससे जाकर पूछें कि किस आधार पर उसने प्लॉटिंग की और किसने उसे जमीन बेचने का अधिकार दिया। इसके बाद लोग आरोपी के घर पहुंचे, लेकिन वह तब तक मौके से फरार हो चुका था।

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