हरिद्वार, जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने कहा कि एक अगस्त से सभी कार्यालयों में प्लास्टिक के गिलास, बोतल, प्लेट और दोने का प्रयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित होगा। उन्होंने कहा कि जिस कार्यालय में सिंगल यूज प्लास्टिक सामग्री का प्रयोग होते पकड़ा जाएगा उसके कार्यालयाध्यक्ष जिम्मेदार होंगे और कार्रवाई की जाएगी।
कलक्ट्रेट सभागार में सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्ती से रोक लगाए जाने को लेकर जिला टास्क फोर्स की बैठक में डीएम ने अधिकारियों से कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध को लेकर कार्ययोजना बनाई जाए। एक अगस्त से 10 अगस्त तक सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी सिंगल यूज प्लास्टिक में आने वाली वस्तुओं को चिह्नित करें। उनका विकल्प क्या हो सकता है सरल भाषा में दो दिन के भीतर चार्ट बनाकर प्रस्तुत करें। प्रत्येक कार्यालय में पॉलिथीन प्रतिबंधित करने से संबंधी सूचना एवं स्लोगन लिखवाए जाएं। मंदिरों और घाटों पर पॉलिथीन का प्रयोग बोर्ड लगाए जाएं। नगर निगम, नगर निकाय, व्यापारी, मंदिर समितियों, आश्रम एवं अखाड़ों के पदाधिकारियों के साथ सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के संबंध में बैठक की जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनजागरूकता अभियान में स्कूलों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। शहर की सड़कों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर बिखरी प्लास्टिक की सफाई के लिए योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि प्रचार प्रसार अभियान के बाद टीमें गठित कर छापे मारें। प्रतिबंधित प्लास्टिक पकड़े जाने पर चालान की कार्रवाई की जाए। बैठक में एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत, सीडीओ प्रतीक जैन, एडीएम पीएल शाह, एचआरडीए सचिव उत्तम सिंह चौहान, परियोजना निदेशक विक्रम सिंह, एसडीएम पूरन सिंह राणा, डीएफओ मयंक शेखर झा, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, पीडब्लूडी एई सुरेश तोमर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सुभाष कुमार, महाप्रबंधक उद्योग पल्लवी गुप्ता और मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
शासकीय कार्यालयों में सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने की करें शुरुआत : अपर जिलाधिकारी
देहरादून, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व कृष्ण कुमार मिश्रा ने सिंगल यूज प्लास्टिक के निर्माण, खरीद-फरोख्त, उत्पादन और भंडारण पर रोक लगाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। शनिवार को उन्होंने जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम, आईटीडीए, जीएसटी, परिवहन, शिक्षा विभाग आदि विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की, अपर जिलाधिकारी ने कहा कि सबसे पहले इसकी शुरुआत अपने कार्यालय से होनी चाहिए। सभी शासकीय कार्यालयों में प्लास्टिक, सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित का पोस्टर लगा होना चाहिए। उन्होंने जीएम सिडकुल को प्लास्टिक उत्पादन करने वाली औद्योगिक इकाइयों की जांच करने के आदेश दिए। इसके लिए क्विक रिस्पांस टीम बनाने को भी कहा।
यह दिये निर्देश :
– शासकीय कार्यालयों में सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने की शुरुआत करें।
– प्रत्येक शासकीय कार्यालय में सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित है का पोस्टर/बैनर चस्पा करें।
– प्लास्टिक उत्पादन करने वाली औद्योगिक इकाइयों को बंद कराया जाए।
– जागरूकता के साथ-साथ नियम का उल्लंघन करने कार्रवाई भी की जाए।
– क्षेत्रवार क्विक रिस्पांस टीम का गठन करें और निर्धारित समय पर उनका कार्यस्थल बदलें।
– शिक्षा विभाग स्कूली बच्चों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाए।
– नगर निगम के कूड़ा उठान वाहनों के माध्यम से जागरूकता संदेश प्रसारित करें।
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