Thursday, October 24, 2024
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बीन नदी पुल पर निर्माण को लेकर क्षेत्रीय जनता सड़क पर उतरी, चीला बैराज मार्ग पर किया सांकेतिक धरना प्रदर्शन

पौड़ी (यमकेश्वर), विधान सभा यमकेश्वर में समुचित विकास और बीन नदी पुल के निर्माण नहीं होने पर नाराज क्षेत्रीय जनता ने लामबंद होकर चीला-बैराज मोटर मार्ग पर धरना प्रदर्शन कर शासन प्रशासन के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया। सांकेतिक धरना प्रदर्शन करने वाले आम जन मानस का कहना है कि उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद से ही बीन नदी पुल के लिए यहां का आम जनमानस लामबंद है, किन्तु प्रशासन के नियमों ने फाईल आगे नहीं बढने दी, जबकि वर्ष 2020 में दो बार पुल बनने की घोषणा एवं टेण्डर पास होने की खबर प्रकाशित होने के बाद भी अभी तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया है, जो कि बहुत ही निराशाजनक परिणाम है। क्षेत्रवासी यमकेश्वर क्षेत्र की अन्य सड़कों का डामरीकरण एवं निर्माण को लेकर काफी समय से प्रयासरत थे लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो जनता सरकार और प्रशासन के खिलाफ आक्रोशित होकर सड़क पर उतर आई |

साकेतिक धरने के बीच जिला पंचायत सदस्य उमरोली आरती गौड़ ने कहा कि कई बार बीन नदी पुल के संबंध में प्रशासन के साथ वार्ता होने के बावजूद भी काम में हीला हवली की जा रही है, प्रशासन को जनता का दुख नहीं दिखाई दे रहा है, यह बहुत ही चिंताजनक स्थिति है। वहीं ग्राम प्रधान मल्ला बनास बचन सिंह बिष्ट ने कहा कि बीन नदी पुल के निर्माण नहीं होने से डांडामण्डल एवं ताल त्योडो घाटी का विकास पूरी तरह अवरूद्ध हो रखा है, उन्होंने कहा कि बीन नदी पुल नहीं बनता है तो हमें आंदोलन का रूख अपनाना पड़ेगा। क्षेत्र पंचायत सदस्य बूंगा एवं पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट का कहना है कि यमकेश्वर क्षेत्र राजधानी से सटा हुआ है और दो तीर्थ नगरी की सीमा एवं नीलकंठ जैसे पर्यटन स्थल होने के बावजूद भी यह क्षेत्र विकास से अछूता है, यह खेद जनक है | बीन नदी पुल की मांग जनता पिछले 23 सालों से करती आ रही है, किंतु सरकार और प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रही है।

सांकेतिक धरना प्रर्दशन करने वालों में श्री राजेन्द्र सिंह आशीष अमोली,, बचन बिष्ट , अंकित नेगी, , सत्यपाल रावत मधूसूदन बलूनी, विक्रम सिंह रावत, गंगा भोगपुर, विनोद जुगलाण, चन्द्र प्रकाश पेटवाल,आदि उपस्थित थे।

 

सीटू ने मणिपुर की घटना को लेकर किया देशव्यापी प्रदर्शन, दून में फूंका पीएम मोदी का पुतला

मणिपुर की घटना को लेकर सीटू का देशव्यापी प्रदर्शन, दून में फूंका पीएम का  पुतला | Loksaakshya
देहरादून, मणिपुर में जातीय हिंसा और दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो वायरल होने के विरोध में आज सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस सीटू के आह्वान पर देशव्यापी प्रदर्शन किए गए। इसी कड़ी में दून के गांधी पार्क के निकट प्रदर्शन के साथ ही पीएम मोदी का पुतला दहन किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने मणिपुर की घटना को शर्मशार करने वाली घटना बताया। साथ ही इस मामले में केंद्र और मणिपुर की बीजेपी सरकार को ही दोषी बताया गया।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत सीटू से जुड़े कार्यकर्ता राजपुर रोड स्थित सीटू जिला कार्यालय में एकत्रित हुए। वहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए जलूस के रूप में गांधी पार्क होते हुए क़्वालिटी चोक पहुंचे। जहां पर पुतले को आग के हवाले कर दिया। सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि मणिपुर में तीन मई से हिंसा शुरू हो गई थी। चार मई को तीन महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया गया। इसकी रिपोर्ट 18 मई को की गई। 21 मई को थाने में मुकदमा दर्ज होता है। इसके बावूजद किसी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती।

श्री लेखराज ने कहा कि जब दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो 19 मई को वायरल होता है और सुप्रीम कोर्ट मामले को संज्ञान लेता है। केंद्र और राज्य सरकार के कार्रवाई के बारे में पूछता है, तब जाकर मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम मोदी चुप्पी तोड़ते हैं। इस दौरान भी वह राजनीति करने से बाज नहीं आते हैं। घटना की निंदा तो करते हैं, लेकिन लोगों से शांति की अपील तक नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर में भी बीजेपी की सरकार है। इसके बावूजद पुलिस की आंख के सामने महिलाओं से दुष्कर्म होता है और आरोपियों को पकड़ने का सिलसिला तब शुरू होता है, जब सुप्रीम कोर्ट घटना का संज्ञान लेता है, उन्होंने कहा कि ना तो केंद्र की ओर से हिंसा रोकने के प्रयास हुए और ना ही मणिपुर की सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। घटनाओं को छिपाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इन महिलाओं में एक के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। एक के पिता और एक के भाई की हत्या कर दी गई। इसी तरह दो अन्य युवतियों से रेप करने के बाद उनकी हत्या की जानकारी सामने आ रही है। पीएम मोदी मौन साधे रहे और जब बोले तो उल्टे विपक्षी दलो की दूसरी राज्य सरकारों को निशाना बनाने से नहीं चूके। सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि उत्तराखंड में अंकिता हत्याकांड हो, या कोई और घटना। सभी में हत्यारों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। कठुआ में बच्ची से बलात्कार करने के बाद हत्या करने वालो के समर्थन में तिरंगा लेकर भाजपा के तत्कालीन मंत्री भी प्रदर्शन में शामिल थे। बिलकिस बनो बलात्कारियों की सजा माफ करने वाली यही सरकार है। भाजपा और आरएसएस के लोग जेल से छूटने पर ऐसे बलात्कारियों का फूलमालाओं से स्वागत करते हैं। ऐसी घटनाओं से भाजपा का महिला विरोधी चेहरा सामने आ गया है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार व मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को सरकार में रहने का नैतिक आधार खो दिया है। इन्हे तुरन्त गद्दी छोड़ देनी चाहिए।

इस अवसर पर किसान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद महिलाओं पर बेतहाशा हमले बढ़े है। सरकार के लोग ऐसे मामलों को जायज ठहराने की कौशिश करते हैं। पहवानों के यौन शोषण की घटना ताजा उदाहरण है। आरोपी सांसद को भी जेल नहीं भेजा गया और ना ही पार्टी से हटाया गया। यह सरकार महिलाओ के सवालों पर मौन धारण कर लेती है। संसद में इस सवाल पर बहस से भी सरकार बच रही है। जनवादी महिला सभा की नेत्री इंदु नौढियाल ने मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री द्वारा मात्र 40 सेकेंड में अपनी बात को रखना और उस घटना का राजनैतिकरण करने को घोर निंदनीय बताया।

प्रदर्शनकारियों में सीटू के जिलाध्यक्ष कृष्ण गुनियाल, भगवंत पयाल, किसान सभा के प्रांतीय महामन्त्री गंगाधर नोटियाल, आंगनबाड़ी यूनियन की प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष जानकी चौहान, ज्योतिका पांडे, रजनी गुलेरिया, भोजन माता यूनियन की महामन्त्री मोनिका, आशा यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे, अनंत आकाश, राजेन्द्र पुरोहित, मनमोहन रौतेला, उमा नोटियाल, राम सिंह भंडारी, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के महामन्त्री विजय भट्ट, दिनेश नोटियाल, इंद्रेश नोटियाल, मामचंद, राजतिलक कनोजिया, रमेश कनोजिया आदि शामिल थे।

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