देहरादून, एक तरफ कोरोना महामारी तो दूसरी तरफ पानी की समस्या, वह भी जब गंदा पानी नलों से आने लगे तो लोगों के लिये इस कोरोना काल में स्वास्थ्य के प्रति समस्या और गंभीर हो जाती है, घटना कौलागढ़ स्थित गंगा विहार कॉलोनी की है जहां लोग दो हफ्ते से सीवर मिला पानी पीने को मजबूर हैं। विभागीय अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक शिकायत करने के बावजूद समस्या अभी भी बरकरार है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि कॉलोनी में पिछले करीब दो सप्ताह से नलों में सीवर मिला पानी आ रहा है।
शिकायत पर जल संस्थान की ओर से जूनियर इंजीनियर मोनिका ने कॉलोनी में आकर पेयजल आपूर्ति की स्थिति परखी। उन्होंने नौ मई से अब तक श्रमिकों से कई स्थानों पर खोदाई कराई, लेकिन लीकेज नहीं मिली। गुरुवार को उन्होंने कॉलोनी के बीच बिछाई गई सीवर लाइन के मेनहोल के ढक्कन खुलवाए, जहां पाया गया कि कई मेन होल में अवैध रूप से पाइपलाइन जोड़ी गई हैं।
इसकी वजह से कॉलोनी के अंदर बिछाई गई सीवर की लाइन ओवरफ्लो और चोक हो गई है, जबकि कौलागढ़ क्षेत्र में बनने वाला सीवर ट्रीटमेंट प्लांट अभी अधूरा है, ऐसे में मेन सीवर लाइन में क्षमता से अधिक सीवर प्रवाहित किया जा रहा है। जो कहीं पर क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन में प्रवेश कर जाता है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि घरों में काला, बदबूदार पानी पहुंच रहा है, जिसके कारण अनेकों लोग दस्त और उल्टी जैसी शिकायतों से जूझ रहे हैं। इस संदर्भ में कॉलोनीवासी विधायक हरबंस कपूर व क्षेत्रीय पार्षद को भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं हो रहा है। उनकी मांग है कि जिन्होंने सीवर के अवैध कनेक्शन जोड़े हैं उन पर कार्रवाई की जाए और सीवर लाइन को साफ कर पेयजल लाइन को दुरुस्त किया जाए, जिससे क्षेत्रवासियों को शुद्ध पेयजल मुहैया हो सके।
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