Friday, July 5, 2024
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भाजपा प्रचार तंत्र एक बार फिर अफवाह फैलाने में जुटा : सूर्यकांत धस्माना

-राहुल गांधी के लोकसभा में दिए भाषण से भाजपा हुई बेनकाब

-राहुल गांधी ने सच्चे हिन्दू और छद्म हिन्दू की परिभाषा भाजपा को समझाई

देहरादून, संसद में महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए लोकसभा में इंडिया गठबंधन के नेता व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी ने जिस प्रकार से पिछले एक दशक में देश में सत्ताधारी दल के लोगों द्वारा नफरत व हिंसा की राजनीति का पर्दाफाश किया उससे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा त्राहिमाम त्राहिमाम करने लगे व प्रधानमंत्री तो स्वयं राहुल गांधी को टोन के लिए खड़े हो गए परन्तु जिस प्रकार से राहुल गांधी ने दृढ़ता के साथ पीएम मोदी को जवाब दिया उसकी तारीफ पूरी दुनिया व पूरे भारतवर्ष में हो रही है और अब भाजपा बौखलाहट में राहुल गांधी जी के खिलाफ दुष्प्रचार में जुट गई है, यह बात मंगलवार को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने भगवान शंकर भगवान बुद्ध गुरुनानक देव जी व इशू मसीह के चित्र दिखाते हुए कहा कि कोई धर्म हिंसा नफरत नहीं सिखाता।
उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म प्रेम सहिष्णुता की शिक्षा देता है व हिंसा और नफरत के खिलाफ है और श्री राहुल गांधी ने सत्ताधारी पक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये जो अपने आप को हिन्दू कहते हैं ये नफरत हिंसा और असत्य के साथ हैं , नेता प्रतिपक्ष राहुल का इतना कहते ही प्रधानमंत्री जी खड़े हो कर कहते हैं कि यह बहुत गंभीर आरोप पूरे हिंदू समाज के ऊपर लगाया जा रहा है जिस पर श्री राहुल गांधी द्वारा तुरंत प्रतिवाद करते हुए कहा गया कि नहीं श्री नरेंद्र मोदी जी बीजेपी व आर एस एस पूरा हिन्दू समाज नहीं है ये हिंदू धर्म के ठेकेदार नहीं हैं और हिन्दू कभी हिंसा असत्य व नफरत की बात नहीं करता।
धस्माना ने कहा इसके बावजूद भाजपा के आईटी सेल व भाजपा के मुख्यमंत्रियों व भाजपा के अलग अलग राज्यों के नेताओं ने राहुल गांधी को बदनाम करने के लिए एक अभियान छेड़ दिया और अनर्गल बातें जो श्री राहुल गांधी ने कही ही नहीं उनके खिलाफ प्रोपेगंडा जो वे पिछले एक दशक से चला रहे हैं फिर शुरू कर दिया। श्री धस्माना ने कहा कि कांग्रेस हर मोर्चे पर भाजपा के इस दुष्प्रचार का जवाब देने के लिए तैयार है।
धस्माना ने कहा कि हिन्दू धर्म का मूल ही शांति है और हमारे सनातन धर्म में शुरू और अंत में मंगलाचरण में भगवान से शांति की ही प्रार्थना की जाती है और पृथ्वी से लेकर अंतरिक्ष औषधियों व वनस्पतियों और सारे विश्व में शांति की कामना व प्रार्थना की जाती है ऐसे में जो लोग हिंसा अशांति असत्य व नफरत की बात करते हैं वे सच्चे हिन्दू कैसे हो सकते हैं राहुल का यह प्रश्न ही भाजपा की बौखलाहट का मुख्य कारण है।
पत्रकार वार्ता में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कारण माहरा के राजनैतिक सलाहकार अमरजीत सिंह, प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, सोशल मीडिया महासचिव अनुराग मित्तल मौजूद रहे।

 

कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया झूठी अफवाह फैलाने का आरोप

मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल खुद है हिंसा के प्रतीक,सबके सामने कर चुके हैं  आरएसएस के कार्यकर्ता के साथ मारपीट: दसौनी | Devbhoomi Khabar ( Dehradun)

देहरादून, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाषण पर भाजपा के झूठ को उजागर करते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का काम सिर्फ और सिर्फ झूठ बोलना, बयानों को तोड़ना मरोड़ना और कांग्रेस को बदनाम करना हो गया है। दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को तो राहुल गांधी और उनके बयान पर बोलने का कतई अधिकार नहीं है।
दसौनी ने उत्तराखंड भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी को घेरने के लिए गलत व्यक्ति का चुनाव कर दिया है।गरिमा ने कहा प्रेमचंद अग्रवाल तो स्वयं हिन्दू होते हुए हिंसा का प्रतीक हैं। प्रेमचंद अग्रवाल के द्वारा राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने के लिए जो प्रेस वार्ता में कहा गया वह कोरा झूठ है। दसौनी ने कहा कि हिंसा का प्रतीक तो स्वयं प्रेमचंद अग्रवाल है जिन्होंने सरेआम और सरेराह सभी के सामने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अपने एक कार्यकर्ता को अपने गनर और ड्राइवर के साथ मिलकर बुरी तरीके से पीटा था।
दसौनी ने कहा कि भाजपा इस बात से स्तब्ध और हताश है कि संसद में किसी ने उसे आईना दिखाया है; उसके मर्म पर चोट की है। जैसा राहुल जी ने स्वयं कहा, ‘तीर सीधा दिल पर लगा है”।
गरिमा ने कहा की भाजपा और उसके नेता अब तक लोगों को गुमराह करने की कोशिश में हिंदू धर्म पर अपने पूर्ण एकाधिकार व एकमात्र स्वामित्व का दावा करते आए हैं। वे दुनिया के सबसे पुराने और सबसे सहिष्णु हिंदू धर्म का दुरुपयोग कर रहे हैं और उसे इस रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, जैसा वह है ही नहीं।
दसौनी ने कहा की बकौल राहुल गांधी हिंदू धर्म तो ऐसा धर्म है जिसने कभी आक्रामकता नहीं दिखाई है। हिंदू धर्म नफ़रत और हिंसा नहीं सिखाता, जबकि भाजपा हिंदू धर्म के नाम पर नफ़रत और हिंसा फैलाती है।
हिंदू धर्म के नाम पर हिंसा और नफ़रत को बढ़ावा देकर भाजपा इस महान धर्म को बदनाम कर रही है। राहुल जी ने इन्हीं सब बातों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई।
गरिमा ने कहा की भाजपा को सबसे ज़्यादा झटका तब लगा जब राहुल जी ने लोक सभा में भगवान शिव की तस्वीर दिखाई। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के सदस्यों के पैरों तले ज़मीन खिसक गई।
भाजपा और उसके नेताओं ने यह मान लिया था कि हिंदू धर्म पर उनका ही एकाधिकार है। अब उन्हें ख़तरा महसूस हो रहा है क्योंकि राहुल गांधी ने उनके झूठ और दोहरे चरित्र को पूरी तरह से बेनक़ाब कर दिया है।
भाजपा नेता हमेशा राहुल जी पर ऐसी बातों का आरोप लगाते रहे हैं, जो उन्होंने कभी कही ही नहीं। उनकी छवि बिगाड़ने के लिए पिछले कई सालों से उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर, काट-छांट कर पेश किया जाता रहा है।
कांग्रेस भाजपा के प्रति जवाबदेह नहीं है और न ही उसे भाजपा से किसी प्रमाणपत्र की ज़रूरत है, लेकिन सच्चाई सामने रखने के लिए यह बताना ज़रूरी है कि राहुल जी ने कल संसद में जो कहा, वह यह था कि भाजपा और आरएसएस वाले खुद के हिंदू होने का दावा करते हैं और फिर भी नफ़रत और हिंसा फैलाते हैं।
कांग्रेस पार्टी राहुल जी द्वारा कही गई इस बात का समर्थन करती है कि भाजपा और आरएसएस के लोग हिंदू होने का दावा तो करते हैं लेकिन नफ़रत और हिंसा फैलाते हैं, जो हिंदू धर्म और अन्य धर्मों के भी मूल सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है।
हिंदू धर्म वास्तव में शांति का धर्म है। यह अहिंसा, प्रेम, सहिष्णुता और भाईचारे की सीख देता है।
अगर भाजपा और उसके इकोसिस्टम के लोग सोचते हैं कि वे राहुल जी के भाषण को तोड़-मरोड़ कर पेश कर सकते हैं और इसे लेकर झूठ फैला सकते हैं तो वे बहुत बड़ी गलतफ़हमी में हैं, उतनी ही गलतफ़हमी में जितनी वे ‘400 पार’ के अपने दावों के बारे में थे।
उन्हें एहसास होना चाहिए कि हिंदुस्तान बदल गया है। जितनी जल्दी वे इसे समझ लेंगे, उतना ही उनके लिए बेहतर होगा।
जागरूक जनता भाजपा के व्हाट्सऐप मैसेज पर यक़ीन करने की बजाय राहुल जी का ओरिजिनल भाषण देखेगी जहां पर उसे साफ़ नज़र आएगा कि उन्होंने पूरे हिंदू समाज द्वारा हिंसा-नफ़रत फैलाने की बात नहीं की है, बल्कि बीजेपी सांसदों की ओर इशारा करते हुए उन्हें ही ऐसा कहा है।

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