हरिद्वार ✍🏻(कुलभूषण)✍🏻, प्रदेश में विद्यान सभा चुनावों में मिली हार के बाद से कांग्रेस पार्टी में जारी पलायन का क्रम रूकने का नाम नही ले रहा है। जिसके चलते जनपद हरिद्वार तथा नगर हरिद्वार में बडी संख्या में कांग्रेसजन पार्टी को अलविदा कहकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके है।इनमें कई बडे चेहरे पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष रहे चुके है तथा कुछ पिछले विधान सभा चुनावों में काग्रेस पार्टी से चुनाव लड चुके है। इसे भारतीय जनता पार्टी की बढती लोकप्रियता कहे या कांग्रेस नेताओ की पार्टी में चल रही आपसी खीचतान के चलते आम कांग्रेस नेता की उपेक्षा का परिणाम या फिर इन कांग्रेस नेताओ का सत्ता से प्रेम कारण चाहे जो भी रहा हो। पिछले कुछ समय से जिस प्रकार काग्रेस पार्टी में पार्टी छोडकर जाने का क्रम हरिद्वार की राजनीति में शुरू हुआ है वह रूकने का नाम ही नही ले रहा है। ऐसे में कंाग्रेस के प्रदेश शीर्ष नेताओ के पास हरिद्वार में होने जा रहे जिला पंचायत चुनावों को लेकर एक बडा प्रश्न खडा होता दिखायी दे रहा है कि आने वाले जिला पंचायत चुनावों में पार्टी किन बडे चेहरो को लेकर जिला पंचायत चुनावी समर को जीतने के लिए मैदान में उतरेगी।
कांग्रेस छोड भाजपा में जाने वाले कांग्रेस नेताओ को तैयार करने में जनपद में भाजपा के शीर्ष नेताओ की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है जो इन चुनावों के माध्यम से 2024 में होने वाले लोक सभा चुनावो की तैयारी में लगे है।
हरिद्वार में जिला पंचायत चुनाव से ठीक पहले विगत दिवस बडी संख्या में ग्रामीण परिवेश व जिला पंचायत की राजनीति में अपना प्रभाव रखने वाले कांग्रेस के नामचीन नेताओ द्वारा पार्टी को अलविदा कहकर प्रदेश की राजधानी में भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा उससे तो यही स्पष्ट प्रतीत होता दिख रहा है कि इस बार के होने वाले जिला पंचायत चुनावों में काग्रेस के लिए यह डगर कठिन होने जा रही है।
जनपद में कांग्रेस नेताओ के ठीक जिला पंचायत चुनाव से पहले कांग्रेस के नेताओ द्वारा पाला बदले जाने को लेकर कोई भी कांग्रेस का बडा नेता कुछ बोलने को तैयार नही है। इससे एक बात तो स्पष्ट नजर आती है की प्रदेश में कांग्रेस के बडे नेताओ की गुटबाजी के चलते जहा कंाग्रेस में पार्टी छोडकर अन्य दल में जाने का क्रम जारी है वही भाजपा जिला पंचायत चुनावों से ठीक पूर्व कंाग्रेस में संेधमारी करने का कोई मौका नही छोड रही है। कंाग्रेस के नेताओ को भाजपा में लाकर जहा भाजपा के नेता पार्टी के प्रदेश व शीर्ष नेतृत्व को यह संदेश देने में सफल होते नजर आ रहे है। की जिला पंचायत चुनावों को लेकर भाजपा ने अन्य दलो घेराबन्दी करनी शुरू कर दी है। वही कंाग्रेस सहित अन्य दल अपने अपने असंतुष्ट नेताओ को अपने संगठन में रोकने में सफल होते नही दिख रहे है।
जिला पंचायत चुनावों को लेकर जैसे जैसे जिला प्रशासन द्वारा निधार्रित कार्यक्रम के अनुसार समय नजदीक आ रहा है। वैसे वैसे हरिद्वार में राजनैतिक गतिविधियो में तेजी आ रही है। जिसके चलते जहां प्रदेश की राजनीति में सत्ताधारी भाजपा सही कांग्रेस बसपा आदमी पार्टी सहित सभी दल चुनावी समर में उतरे को लेकर आपनी अपनी तैयारीयो में लगे है।
गुरुकुल कांगड़ी में हरेला पर्व के चलते किया गया पौधा रोपण कार्यक्रम
हरिद्वार ✍🏻(कुलभूषण)✍🏻, गुरूकुल कागड़ी सम.विश्वविद्यालय हरिद्वार के जीव विज्ञान संकाय में उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला पर पौधारोपण कर मनाया गया द्य इस अवसर पर प्रोफेसर नवनीत डीन शैक्षणिक एवं लेखा परीक्षा वनस्पति एव सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग प्रोफेसर मुकेश कुमार एवं प्रोफेसर डी0एस0 मलिक डीन लाइफ साइंस प्राणीशास्त्र और पर्यावरण विज्ञान विभाग ने वृक्षारोपण किया। प्रोफेसर नवनीत ने कहा कि हरेला शब्द का तात्पर्य हरयाली से हैं देव भूमि कहा जाने वाला उत्तराखंड दुनियाभर में तीर्थ स्थलों के लिए प्रसिद्ध हैद्य यहां ही संस्कृति में कई विविधताएं दिखाई देती हैं द्य यह पर्व हरियाली और नई ऋतु के शुरू होने का सूचक हैद्य
इस अवसर पर प्रोफेसर रमेशचंद्र दुबेए वनस्पति एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग ने कहा कि वनों से हमें अनेक प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ मिलते हैं। अनेक प्रकार की जड़ीण्बूटियां मिलती हैं। जिनका प्रयोग औषधियां बनाने में किया जाता है। भारत में लगभग 35 लाख लोग वनों पर आधारित उद्योगों में कार्य कर आजीविका चलाते हैं। हरेला पर्व पर फलदार व कृषि उपयोगी पौधा रोपण की परंपरा है।
प्रोफेसर डी0एस0मलिक ने कहा कि विविधताओं से भरे इस देश में कितने ही पर्व ऐसे हैंए जो किसी राज्य विशेष को ही नहींए बल्कि पूरे देश को जोड़ते हैं। उत्तराखंड का ऐसा ही पारंपरिक पर्व है हरेला। हरेला पर्व के साथ ही सावन का महीना शुरू हरेला का पर्व परिवार को एकजुट करने का संदेश देता हैद्य हरेला एक हिंदू त्यौहार है जो मूल रूप से उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में मनाया जाता है ।
इस अवसर पर डॉ संदीप कुमारए डॉ विनीत कुमार विश्नोई और डॉ चिरंजीब बनर्जी और नॉन टीचिंग स्टाफ उपस्थित थेद्य
इसके अतिरिक्त ऋषिकुल आयुर्वेद कालेज व अन्य स्कूल कालेजो तथा विभिन्न सामाजिक संस्थाओ द्वारा भी हरेला पर्व के चलते विभिन्न स्थानों पर वृक्षा रोपण कार्यक्रम आयोजित किये गये।
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