देहरादून, उत्तराखण्ड़ के शिक्षा विभाग में कार्यरत कार्मिकों के लिये अच्छी खबर है, राज्याधीन सेवाओं के अन्तर्गत लिपिक वर्गीय संवर्ग के पदों पर पदोन्नति हेतु पात्रता अवधि का निर्धारण (संशोधन) नियमावली 2015 में निहित प्राविधानों के अन्तर्गत गठित विभागीय चयन समिति की संस्तुति पर निम्नलिखित कनिष्ठ सहायकों वेतनक्रम 21700-69100 ( लेबल 3 ) को वरिष्ठ सहायक वेतनक्रम 29200-92300 (लेबल 5) के पद पर उनके नाम के सम्मुख स्तम्भ-04 में अंकित विद्यालय / कार्यालय में पदोन्नत करते हुए पदस्थापित किया जाता है।
क्रमांक 135 में अंकित कार्मिक को प्रतिनियुक्ति में होने के दृष्टिगत प्रर्फोमा पदोन्नति दी गयी है। प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने तथा कम सं० 126 पर अंकित कार्मिक को पदाधिकारी के रूप में कार्यकाल पूर्ण होने के फलस्वरूप इन कार्मिकों को स्थानान्तरण अधिनियम 2017 के प्राविधानों के अनुसार अनिवार्य रूप से दुर्गम क्षेत्र में पदस्थापित किया जायेगा।
जिन कार्मिकों को चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर सुगम क्षेत्र में तैनाती दी गयी है के सम्बन्ध में शिकायत प्राप्त होने एवं तद्कम में जांचोपरान्त गलत पाये जाने पर पदस्थापन निरस्त करते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
उपरोक्त पदोन्नति पर पदस्थापन उत्तराखण्ड लोक सेवकों के लिये स्थानान्तरण अधिनियम 2017 एवं शासनादेश सं० / 124 / Xxxiv-2/ 21-13(01)/2021 दिनांक 09 जुलाई, 2021 में दिये गये प्राविधानानुसार की गई है |
यह पदोन्नति नितान्त अस्थायी है, जो बिना पूर्व सूचना के किसी भी समय निरस्त की जा सकती है। इस सम्बन्ध में यह मा० न्यायालय में कोई वाद लम्बित हो तो यह पदोन्नतियां मा० न्यायालय में योजित वाद के अंतिम निर्णय के अधीन पदोन्नति का परित्याग करने वाले कार्मिकों पर उत्तराखण्ड राज्याधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग (Forgo) नियमावली 2020 के अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
पदोन्नत कार्मिकों को 15 दिनों के भीतर अपने नवीन पदोन्नत स्थान में कार्यभार ग्रहण करना होगा। यदि सम्बन्धित कार्मिक द्वारा निर्धारित अवधि के अन्तर्गत अपने पदोन्नत स्थल पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया जाता है तो पदोन्नति स्वतः निरस्त समझी जायेगी तथा आगामी 01 भर्ती वर्ष तक सम्बन्धित कार्मिक की पदोन्नति पर विचार नहीं किया जायेगा।
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