देहरादून, अगले माह से शैक्षिक संस्थानों में नया सत्र शुरू हो रहा है। कॉलेज और विश्वविद्यालय की ओर से भी आवेदन प्रक्रिया शुरू हो रही है, राजधानी में दून विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए 20 अप्रैल के बाद ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
इसके बाद जून के दूसरे सप्ताह में छात्रों के दाखिले से पहले प्रवेश परीक्षा करवाई जाएगी। परीक्षा पास करने वाले छात्रों को वरीयता दी जाएगी। एक अगस्त से कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय में छात्रों के दाखिले और आवेदन के लिए आवेदन कमेटी की मीटिंग हो गई है। मीटिंग में यह तय हुआ है कि आवेदन के लिए 20 अप्रैल के बाद वेबसाइट पर जानकारी डाल दी जाएगी। प्रवेश परीक्षा चार-पांच सेक्टर में ऑल इंडिया लेवल पर होगी। विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन के अलावा पीएचडी भी होती है। इसमें बीए, बीएसी, बीकॉम ऑनर्स, बीबीए, एमए, एमबीए, एमएससी, एमकॉम, पीएचडी के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
ब्लाइंड फुटबॉल रैफरी क्लिनिक कार्यशाला का समापन : एक और दो अप्रैल को होगा प्रथम नॉर्थ एवं सेंट्रल जोनल ब्लाइंड फुटबॉल टूर्नामेंट
देहरादून, उत्तराखंड ब्लाइंड स्पोर्ट्स एसोसिएशन तथा उत्तराखंड ब्लाइंड फुटबॉल एसोसिएशन द्वारा पहली बार नॉर्थ और सेंट्रल जोन के लिए यह अवसर प्रदान कराया गया है। जिसमें कुल 9 नए रैफरी ने भाग लिया। यह कार्यशाला 29 मार्च से 31 मार्च तक राष्ट्रीय दृष्टी दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान में कराई गयी। इसमें एक्सपर्ट के तौर पर इंडियन ब्लाइंड फुटबॉल फेडरेशन(IBFF) से नेशनल रेफ़री कोऑर्डिनेटर मंजीत गोकुलन तथा आईबीएफएफ के नेशनल कोऑर्डिनेटर रशद ने इसे संम्पन कराया। गौरतलब हो कि मंजीत गोकुलन काफी अनुभवी इंटरनेशनल रेफ़री हैं तथा देश के हर राज्य में जाकर नए रेफ़री को ट्रेनिंग देकर तैयार करते हैं।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अनंत प्रकाश मेहरा ने कहा “कि पहली बार आईबीएफएफ ने हमारी एसोसिएशन को मौका दिया है, हम उनके आभारी हैं और इसी तरह आगे भी ब्लाइंड फुटबॉल के डेवलपमेंट के लिए कार्य करते रहेंगे। वहीं दूसरी ओर एसोसिएशन की जेनरल सेक्रेटरी निरुपमा सूद ने जानकारी देते हुए कहा कि इसमें कुल 9 रेफेरीज़ ने प्रतिभाग किया । जिसमें 2 महिला अफ्शा तथा सिखा नेगी(उत्तराखंड) से हैं। वहीं पुरुषों में सैमुअल चंद्रा, महिपाल लिंगवाल, अक्षय सिंह (उत्तराखंड), अजय और सूरज(दिल्ली), संदीप मंडल (मध्य प्रदेश) तथा राकेश कुमार शर्मा(चंडीगढ़) से आये थे। यही रेफेरीज़ महाराणा स्पोर्ट्स कालेज में कल 1 तथा 2 अप्रैल 2023 को होने वाले प्रथम नॉर्थ और सेंट्रल जोनल ब्लाइंड फुटबॉल टूर्नामेंट में मैच के निर्णायक के रूप में अपनी भूमिका निभाएंगे।
कल सुबह 6.30 बजे से ये ही रेफेरीज़ महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में अपना निर्णय देते हुए नजर आएंगे।
केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने राज्य की समस्त बहुद्देशीय सहकारी समितियों के पूर्ण रूप से कंप्यूटरीकरण का किया शुभारंभ
हरिद्वार, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को ऋषिकुल मैदान, हरिद्वार में राज्य की 95 संयुक्त सहकारी खेती, 95 जन सुविधा केन्द्र, 95 जन औषधी केन्द्र एवं राज्य की समस्त बहुद्देशीय सहकारी समितियों में पूर्ण रूप से कंप्यूटरीकरण का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्य में कृषि एवं औद्यानिकी क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहे किसानों को सम्मानित भी किया गया। दीनदयाल उपाध्यया किसान कल्याण योजना के लाभार्थियों को बिना ब्याज के ऋण का चेक वितरण किया। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना, संयुक्त सहकारी खेती एवं पैक्स कम्यूटरीकरण पर आधारित डाक्यूमेंटरी का अवलोकन भी किया।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि अक्टूबर 2021 में समग्र भारत में पैक्स के कम्पयूटराईजेशन का कार्य उत्तराखण्ड में शुरू हुआ था। आज 17 माह बाद सभी 670 पैक्स का कम्यूटराईजेशन पूर्ण हो चुका है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के प्रयासों की सराहना की। राज्य में 95 मल्टीपर्पज पैक्स बनाने का कार्य भी पूर्ण किया जा चुका है। कोपरेटिव सोसायटी के साथ 95 जन औषधी केन्द्र एवं जन सुविधा केन्द्र की शुरूआत भी सबसे पहले उत्तराखण्ड ने की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता से समृद्धि के लिए 75 वर्ष में पहली बार देश में अलग सहकारिता मंत्रालय बनाया। आज सहकारिता मंत्रालय के माध्यम से देश के सभी 63 हजार पैक्स को कम्यूटराईज करने का कार्य शुरू हो गया है। आज 360 सहकारी बैंक की शाखाएं, 670 बहुद्देशीय पैक्स, 670 एमपैक्स का कम्यूटराईजशन कर उत्तराखण्ड सरकार ने समग्र देश में सहकारिता क्षेत्र में पहले नम्बर पर आने का कार्य किया है। 95 जन सुविधा केन्द्र, केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को 95 गांवों में सीधा पहुंचाने का कार्य करेंगे। इसके माध्यम से एम पैक्स भी मजबूत होंगे । 50 से 90 प्रतिशत सस्ती दवाई कोपरेटिव जन औषधी केन्द्रों से मिलेंगे। उत्तराखण्ड के 95 विकासखण्डों में एकीकृत सामूहिक सहकारी खेती का मॉडल का भी आज शुभारंभ हुआ है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय सहकारिता यूनिवर्सिटी बनाई जा रही है। राष्ट्रीय सहकारिता डाटा बेस भी तैयार किया जा रहा है। सहकारिता नीति भी बनाई जा रही है। बीजों के उत्पादन हेतु मल्टी स्टेट कॉपरेटिव बना चुके हैं। किसानों के उत्पादों के निर्यात के लिए भी एक मल्टी स्टेट कॉपरेटिव बनाने का कार्य किया गया है। आने वाले समय में गांवों का जल व्यावस्थापन का कार्य भी पैक्स को सौंप सकते हैं, अनेक कार्य पैक्स के साथ जोड़े जा रहे हैं। कम भूमि वाले किसानों को पशुपालन, मत्स्य पालन एवं अन्य व्यवसायों से जोड़ने का कार्य किया गया है। कॉपरेटिव के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने का जो लक्ष्य प्रधानमंत्री जी ने रखा है, इस दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जितने इनिसिएटिव केन्द्र सरकार ने कॉपरेटिव के क्षेत्र में लिये हैं, उत्तराखण्ड सरकार ने सभी को धरातल पर उतारकर देवभूमि के छोटे किसानों के भले के लिए कार्य किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज बड़े ही सौभाग्य का विषय है कि हमें गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित भाई शाह जी का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। सही नीतियों और ईमानदार नीयत के बिना देश का विकास नहीं हो सकता और इन्हीं दोनों सिद्धांतो को लेकर आज हमारा देश प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री का उत्तराखण्ड के प्रति भी विशेष लगाव और स्नेह रहा है। आज जिन विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ अमित शाह द्वारा किया गया है, उन योजनाओं से उत्तराखंड के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को अवश्य ही लाभ होगा। सहकारिता की परंपरा भारत में प्राचीन काल से चली आ रही है। सहकारिता में स्पर्धा की बजाए सहयोग की भावना रहनी चाहिए। आज की नई पीढ़ी के लिए सहकारिता का अत्यधिक महत्व है क्योंकि आज की पीढ़ी जल्द से जल्द स्वावलंबी होना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता से समृद्धि के स्वप्न को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अलग सहकारिता मंत्रालय गठन करने का निर्णय लिया और सहकारिता मंत्रालय को अमित भाई शाह को देकर ये बता दिया कि उनके लिए सहकारिता का महत्व कितना है। आज अमित शाह के नेतृत्व में यह मंत्रालय देश में सहकारिता आंदोलन को और अधिक मजबूत करने के लिए एक अलग प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा प्रदान कर रहा है। यह मंत्रालय सहकारी समितियों के लिए कारोबार में सुगमता के लिए प्रक्रियाओं को कारगर बनाने और बहु-राज्य सहकारी समितियों के विकास को सक्षम बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। सहकारिता विभाग व उससे सम्बन्धित समस्त संस्थाओं का उद्देश्य न केवल कृषकों को सस्ते ऋण की सुविधा प्रदान कराना है, बल्कि ग्रामीण एवं शहरी निर्बल और निर्धन वर्ग को सशक्त बनाते हुये उनके जीवन स्तर को उन्नत करना भी है। आज बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के विभिन्न कार्यों में वित्तीय पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से एवं समितियों को डिजिटल रुप से सशक्त करने हेतु भारत सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम डिजिटल इंड़िया के क्रियान्वयन में एमपैक्सों को पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकृत करने का कार्य संपन्न हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और गृहमंत्री के आशीर्वाद से राज्य सरकार ने पिछले एक वर्ष में कई बड़े फैसले लेने का कार्य किया है, आज चाहे नकल विरोधी कानून हो, समान नागरिक आचार संहिता हो, धर्मांतरण काननू हो, नई खेल नीति हो या फिर नई शिक्षा नीति हो। हम कोई भी बड़ा फैसला लेने से न कभी पीछे हटे हैं और न कभी पीछे हटेंगे। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य ने अभूतपूर्व विकास किया है, हमारी ये विकास यात्रा आगे भी निरंतर जारी रहेगी। हमने सशक्त और सर्वश्रेष्ठ उत्तराखण्ड निर्माण का जो विकल्प रहित संकल्प लिया है उसकी सिद्धि के लिये बहुआयामी कार्ययोजनायें प्रारम्भ की है और कई नए कदम भी उठाए हैं। हम जिस विकसित उत्तराखंड निर्माण के संकल्प को लेकर चल रहे हैं उसकी सिद्धि के लिए सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि हमारा मूल मंत्र है जिनके आधार पर हम योजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य कर रहे हैं।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में सभी सहकारी समितियों को पूर्ण रूप से ऑनलाईन किया जा चुका है। यह उपलब्धि हांसिल करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना है। राज्य के सभी 95 विकासखण्डों में माधो सिंह भण्डारी संयुक्त सहकारी खेती का शुभारंभ हुआ है। दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के तहत 07 लाख 80 हजार किसानों को ब्याज मुक्त ऋण दिया जा चुका है। सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्धि तक ले जाने का कार्य अमित शाह द्वारा किया जा रहा है। आज जिन योजनाओं का उत्तराखण्ड में शुभारंभ हुआ है, इससे आने वाले समय में प्रदेशवासियों को बहुत फायदा मिलेगा। डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ा है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज , राज्यसभा सांसद डा.कल्पना सैनी, नरेश बंसल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट , विधायक मदन कौशिक, आदेश चौहान, प्रदीप बत्रा, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रदीप कुमार, सचिव सहकारिता बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
Recent Comments