-बैंकों को लॉकर आवंटन के सभी आवेदनों के लिए पावती या रिसीट देनी होगी।
-लॉकर उपलब्ध नहीं है, तो ग्राहकों को वेट लिस्ट का नंबर देना होगा।
नई दिल्ली । नए साल की शुरुआत होने वाली है। इस नए साल में आम लोगों की जरूरत से जुड़े कई नियम बदल जाएंगे। ऐसे ही कुछ नियम बैंक लॉकर के हैं। आइए जानते हैं कि साल 2022 में बैंक लॉकर से जुड़े कौन से नियम बदलने वाले हैं। रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के मुताबिक जिस परिसर में सुरक्षित जमा लॉकर हैं, उसकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी बैंक की होगी। इसमें कहा गया है कि लॉकर में आग, चोरी, डकैती या सेंधमारी की स्थिति में बैंक अपने दायित्व से नहीं हट सकता। इन मामलों में बैंक का दायित्व लॉकर के वार्षिक किराये का सौ गुना तक हो जाएगा। मतलब ये हुआ कि बैंक ग्राहक को लॉकर के सालाना किराये का 100 गुना तक देगा।
हालांकि, प्राकृतिक आपदा या ‘एक्ट ऑफ गॉड’ यानी भूकंप, बाढ़, आकाशीय बिजली या आंधी-तूफान की स्थिति में बैंक किसी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। आरबीआई की गाइडलाइन बताती है कि बैंकों को अपने परिसर को इस तरह की आपदाओं से बचाने के लिए उचित इंतजाम करने की जरूरत होगी।
ये भी करना होगा- बैंकों को शाखावार खाली लॉकरों की सूची बनानी होगी। बैंकों को लॉकरों के आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी।
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