देहरादून, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में शुल्क बढ़ोतरी के खिलाफ छात्र धरने पर बैठ गए हैं। मामला सेल्फ फाइनेंस-आल इंडिया कोटा के बीएएमएस छात्रों से जुड़ा है। छात्रों का आरोप है कि राज्य कोटा व सेल्फ फाइनेंस-आल इंडिया कोटा के समान शुल्क के आदेश के बावजूद उन पर पुरानी दर से शुल्क जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने इसे लेकर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
छात्रों का कहना है कि राज्य कोटा के तहत प्रवेश लेने वाले छात्र को 48 हजार रुपये सालाना शुल्क देना होता है। जबकि सेल्फ फाइनेंस-आल इंडिया कोटा के तहत यह शुल्क एक लाख 20 हजार रुपये सालाना था। जिसे आयुष मंत्रालय के एक आदेश के तहत राज्य कोटा के समान कर दिया गया। इसी क्रम में विवि प्रशासन ने भी एक आदेश जारी कर दिया। उनसे 48 हजार रुपये शुल्क जमा कराया गया।
पर अब कहा जा रहा है कि आदेश उन पर लागू नहीं होगा। परीक्षा नजदीक है और छात्रों ने परीक्षा फार्म भरना शुरू कर दिया है। इस बीच उन पर वही पुराना शुल्क जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है।
ऐसे में सिवाय आंदोलन के अब कोई विकल्प नहीं बचा है। इधर, आयुर्वेद संकाय मुख्य परिसर के निदेशक ने भी विवि प्रशासन को बीएएमएस 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 बैच के इन छात्रों के हित में जल्द कोई निर्णय लेने का अनुरोध किया है।
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