Sunday, September 8, 2024
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‘वसुधैव कुटुंबकम’ की अवधारणा योग में ही समाहित : डॉ.विजय धस्माना

‘एसआरएचयू में 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विभन्न कार्यक्रम आयोजित’

‘योगमय हुआ जौलीग्रांट स्थित स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय’

देहरादून(डोईवाला), 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में वसुधैव कुटुंबकम की थीम पर स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।
विश्वविद्लाय के सेंट्रल पार्क में आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों के छात्र-छात्राएं, फैकल्टी व स्टाफ ने संयुक्त रुप से योगाभ्यास किया।

कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना ने कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थापक डॉ.स्वामी राम के चित्र समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया। कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि योग किसी के एक व्यक्ति विशेष के लिए नहीं, बल्कि योग पूरी मानवता के लिए है। भय, मानसिक अवसाद, उदासीनता के बीच स्वस्थ मन के साथ कैसे रहें योग यह बताता है। स्वस्थ जीवन के लिए हम योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और दूसरों को भी योग करने के लिए प्रेरित करेंI
डॉ.प्रकाश केशवया ने योग सत्र के दौरान लोगों को पंचकोश व प्राण योग विषय के संबंध में जानकारी दी। हिमालयन स्कूल ऑफ योगा साइंसेज (एचएसवाईएस) के छात्र-छात्राओं ने योग आसनों का डेमो प्रस्तुत किया गया।

प्रिसिंपल डॉ.अजय दुबे ने मौजूद सभी लोगों को योगा प्रोटोकोल का अभ्यास कराया। आखिर में प्रसाद वितरण किया। इसके अलावा विश्वविद्यालय के ही ग्राम तोली, पौड़ी गढ़वाल स्थित हिल कैंपस गौरी हिमालयन स्कूल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (जीएचएसएसटी) में योग दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम का संचालन गरिमा कपूर ने किया। इस दौरान डॉ.विजेंद्र चौहान, कुलसचिव डॉ. सुशीला शर्मा, डॉ.अशोक देवराड़ी आदि मौजूद रहे।May be an image of 3 people and people practicing yoga

80 फीसदी बिमारियां मन के विकार से उत्पन्न :

कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि साल 1968 में गुरूदेव डॉ.स्वामी राम ने कहा था कि 80 फीसदी शारीरिक बिमारियां मन के विकार से उत्पन्न से होती हैं। मन को संयमित करने के लिए ध्यान जरूरी है। ध्यान के माध्यम से इन बिमारियों पर काबू पाया जा सकता है। वर्तमान में अत्याधुनिक मेडिकल साइंस भी यही बात कह रहा है।

शरीर और मन के बीच की कड़ी है श्वास :

कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि शरीर और मन के बीच की कड़ी है श्वास। स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है मन का शांत होना। मन को शांत करने के लिए जरूरी है ध्यान। मन के शांत होने से सकारात्मक ऊर्जा हमारे भीतर रहेगी। ध्यान करने में समय जरूर लगता है, लेकिन बेहद आसान है। रोजाना दो बार जरूर ध्यान करें।

ध्यान करने से हैं यह फायदा:

-योग करने से शारीरिक शांत मिलती है।
-ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम को शांत करता है।
-मन में तनाव को भी कम करता है ध्यान
-रोग-प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करता है ध्यान।
-ध्यान करने से हमारी सोच की क्षमता विकसित होती है।

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