देहरादून(आरएनएस)। सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए उत्तराखंड सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। जल्द ही उत्तराखंड में पहाड़ पर जाने वाले वाहनों के चालकों के लाइसेंस के ‘हिल एंडोर्समेंट’ के लिए आटोमेटिक फिजिकल टेस्ट भी जरूरी होगा। उत्तराखंड के संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत सिंह ने रुद्रप्रयाग में हुए सड़क हादसे के मद्देनजर कहा कि पहाड़ पर सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए अब चारधाम यात्रा पर जा रहे वाहनों के अलावा पर्यटक वाहनों की भी जांच की जाएगी। इसमें चालकों के लाइसेंस के ‘हिल एंडोर्समेंट’ पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
उत्तराखंड के संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा के अलावा बहुत से वाहन पर्यटकों को लेकर आते हैं, लेकिन चारधाम यात्रा का दवाब ज्यादा होने के कारण अन्य वाहनों की जांच की अनदेखी हो जाती है। अब हमें चारधाम यात्रा से इतर पर्यटन पर भी ध्यान केंद्रित करने की जरूरत होगी। हम अब ड्राइविंग लाइसेंस के हिल एंडोर्समेंट पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
सनत सिंह ने बताया कि पहाड़ पर गाड़ी चलाने के लिए चालक के लाइसेंस का ‘हिल एंडोर्समेंट’ जरूरी होता है। उत्तराखंड के पास हिल एंडोर्समेंट के लिए टेस्ट करने की पहले सुविधा नहीं थी जिसे देखते हुए टेस्ट आनलाइन कर दिया गया था। ऑनलाइन टेस्ट में चालक को एक वीडियो दिखाकर उस पर आधारित सवाल पूछे जाते हैं, जिनके उत्तर देकर वह उसमें पास हो जाता है लेकिन उसमें उसके कोई व्यावहारिक ज्ञान अथवा कौशल की जांच नहीं हो पाती।
संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत सिंह ने कहा कि अब हमारा लक्ष्य है कि लाइसेंस के हिल एंडोर्समेंट के लिए चालकों का सही ढंग से आटोमेटिक टेस्ट हो जो वह भौतिक रूप से पास करें। इसके लिए हमारे यहां ड्राइविंग ट्रेक बनाए गए हैं। देहरादून में तो ऐसा ट्रेक पहले से चल रहा है। अब हरिद्वार और ऋषिकेश में भी ऐसे ट्रेक बन गए हैं जो एक-दो महीने में संचालित हो जाएंगे।
रुद्रप्रयाग में शनिवार को एक टेम्पो-ट्रैवलर के पहाड़ से नीचे गिर जाने से 15 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 11 अन्य घायल हो गए थे। इससे पहले, 11 जून को उत्तरकाशी जिले के गंगनानी में एक बस खाई में गिर गयी थी जिसमें तीन महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहाड़ पर सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए अधिकारियों को तमाम मानकों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों को वाहनों की यांत्रिक दशा की जांच करने, लाइसेंस जारी करने से पूर्व चालकों का कड़ाई से परीक्षण करने, ग्रीन कार्ड जारी करने में सावधानी बरतने, ज्यादा गति और क्षमता से अधिक सवारी बैठाने तथा नशे की हालत में वाहन चलाने वाले चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।
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