Tuesday, December 24, 2024
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हिमालय की कहानियों को पुनर्जीवित करने हेतु : ‘वार्ता’ आयोजित करेगा सांस्कृतिक और साहित्यिक महोत्सव

“महोत्सव की प्रत्येक शाम मनमोहक लोक प्रदर्शन होंगे जो उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊँ क्षेत्रों की सांस्कृतिक समृद्धि पर प्रकाश डालेंगे।”

देहरादून, हिमालय की कहानियों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य को लेकर ‘वार्ता’ सांस्कृतिक और साहित्यिक महोत्सव उत्तराखंड में आयोजित करने जा रहा है, स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू होते हुये ‘वार्ता’ के अध्यक्ष डा. उदय ककरू ने बताया कि
अगस्त माह में होने वाले इस महोत्सव में हिमालय क्षेत्र की जीवंत और विविध कहानियों में नई जान फूंकी जायेगी साथ उसकी समृद्ध विरासत का जश्न मनाने वाली वार्षिक परंपरा के लिए मंच भी तैयार किया जायेगा। दून विश्व विद्यालय में 18 से 20 अगस्त तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव का आज विधिवत् पोस्टर विमोचन किया गया।
वार्ता के अध्यक्ष डा. ककरू ने बताया कि तीन दिवसीय इस महोत्सव में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख की कला, साहित्य और विरासत को लेकर समावेशी कार्यक्रम आयोजित होंगे | उन्होंने कहा कि ‘वार्ता’ निःशुल्क प्रवेश के साथ इस समावेशी कार्यक्रम में आकर्षक सांस्कृतिक और साहित्यिक वार्तालाप में भाग लेने के लिए जीवन के सभी क्षेत्रों के व्यक्तियों का स्वागत करता है। महोत्सव में रोमांचक पुस्तक विमोचन, विचारोत्तेजक साहित्यिक पैनल और ज्ञानवर्धक सेमिनार होगे, जहां प्रसिद्ध लेखक और प्रतिभाशाली लोक कलाकार अपने अनुभव और दृष्टिकोण साझा करेंगे, वहीं इंटरएक्टिव ऑडियो-वीडियो प्रस्तुतियाँ और गहन कार्यशालाएँ कला और साहित्य की दुनिया में एक गहन अनुभव पैदा करेंगी। इसके अलावा वार्ता लोक, कला, कहानी कहने और रचनात्मक लेखन में राज्य स्तरीय अंतर- विद्यालय और अंतर-महाविद्यालय प्रतियोगिताओं के साथ युवा मस्तिष्क में रचनात्मकता को बढ़ावा देगी। यह महोत्सव प्रतिभाशाली लोक कारीगरों और क्षेत्रीय लेखकों को उनके असाधारण कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा, जिससे उपस्थित लोगों को स्थानीय लोक कलाओं की समृद्ध संरचना से एकात्म होने और इन रचनाकारों को समर्थन देने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। प्रत्येक शाम उत्सव में मनमोहक लोक प्रदर्शन होंगे, जो उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊँ क्षेत्रों की सांस्कृतिक समृद्धि पर प्रकाश डालेंगे |
कार्यक्रम के प्रत्येक दिन के लिए मुख्य वक्ताओं और लेखकों की एक प्रभावशाली श्रृंखला पेश करता है। इनमें इंडिया टुडे की पहली और एकमात्र महिला संपादक कावेरी बामजई, प्रतिलिपि के सीईओ रणजीत प्रताप सिंह, बृज नाथ बेताब, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता प्रसारक और सम्मानित कश्मीरी लेखक पुरस्कार विजेता हिमालय शोधकर्ता डॉ. मंजू काक, बच्चों की प्रख्यात लेखिका दीपा अग्रवाल, लेखिका और प्रोफेसर डा. तनु श्री दहिया, लेखिका डॉ. रूपी गुप्ता, फिल्म निर्माता सिद्धार्थ निमू इत्यादि शामिल हैं। इसके साथ ही दिल्ली, बंगलोर, कोलकाता, जम्मू उत्तराखंड, मुंबई के को और संयुक्तराज्य अमेरिका के भारतीय-अमेरिकी लेखकों के शामिल होने की उम्मीद है। वेस्टलैंड बुक्स, पेंगुइन इंडिया, पिप्या रेन बुक्स, एलैफ बुक्स, रूपा, सीइस्टार्ट पब्लिशिंग और अन्य जैसे प्रकाशन गृहों का भी प्रतिनिधित्व होगा। उपस्थित लोगों को इन प्रभावशाली कलाकारों और लेखकों के साथ जुड़ने का अवसर मिलेगा।
पत्रकार वार्ता में वार्ता के अमर नाथ तिवारी, नीरज शर्मा, उपासना ककरू, डा. रूचि गुप्ता एवं मन्नत आदि मौजूद रहे |May be an image of 1 person

समृद्ध विरासत का जश्न एक मंच पर :

वार्ता के अध्यक्ष डॉ. उदय ककरू ने कहा, “हम हिमालय में तीन दिवसीय सांस्कृतिक और साहित्यिक उत्सव वार्ता प्रस्तुत करते हुए रोमांचित हैं।” “यह कार्यक्रम कलाकारों, लेखकों और स्कूलों को एक साथ आने और हिमालय क्षेत्र के साहित्य, कला, कहानी कहने और लोक परंपराओं की समृद्ध विरासत का जश्न मनाने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा। हम सभी लोगों को इस अद्वितीय और रचनात्मक स्थान में शामिल होने के लिए और उन वार्तालापों में भागीदारी के लिए जो इन कहानियों को जीवत बनाते हैं. आमंत्रित करते है।”

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