देहरादून, गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के होटलों में ठहरने वाले पर्यटक अब निजी एप के जरिए भी बुकिंग कर सकेंगे। पहले चरण में जीएमवीएन की ओर से कुछ चुनिंदा होटलों के एक-दो कमरों की बुकिंग की जिम्मेदारी निजी एप मेकमाय ट्रिप को सौंपी है। इसके लिए जीएमवीएन और मेकमाय ट्रिप के बीच एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किया गया। अभी तक पर्यटक ऑफलाइन या विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर ही होटल की बुकिंग कर पाते थे। जीएमवीएन के प्रबंध निदेशक विनोद गोस्वामी ने बताया, ट्रायल के तौर पर फिलहाल जखोली, रुद्रप्रयाग, ऊखीमठ, चंबा, बड़कोट, ऋषिलोक, गुप्तकाशी आदि के होटलों के एक-दो कमरों की बुकिंग की जिम्मेदारी मेकमाय ट्रिप को दी गई है।
कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर करने का मकसद जीएमवीएन की आय में बढ़ोतरी करना है। आय में बढ़ोतरी होने के साथ रोजगार में भी बढ़ोतरी होगी। अगर यह प्रयोग सफल हो जाता है तो आगे अन्य होटलों की बुकिंग भी मेकमाय ट्रिप को दी जाएगी। इस दौरान जीएमवीएन की महा प्रबंधक (प्रशासन) विप्रा त्रिवेदी, महाप्रबंधक (पर्यटन) अनिल सिंह गब्र्याल, सहायक प्रधान प्रबंधक पर्यटन राकेश सकलानी समेत विभाग व कंपनी के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। चारधाम यात्रा में आ रहे छोटे ग्रुप को जीएमवीएन की टेंट कॉलोनी बहुत भा रही है। जीएमवीएन की ओर से यात्रा रूट पर करीब छह करोड़ रुपये की लागत से टेंट कॉलोनी तैयार की गई है।
इस साल चारधाम यात्रा के लिए जीएमवीएन की ओर से खास तैयारियां की गई हैं। जहां एक ओर यात्रा रूट पर टेंट कॉलोनी को विकसित किया गया गया है। वहीं करीब दो करोड़ रुपये की लागत से विभाग ने अपने होटलों का नवीनीकरण किया है। जिससे होटलों में ठहरने वाले तीर्थयात्रियों व पर्यटकों को आरामदायक आवास की सुविधा मिल सके। हालांकि तेज बारिश या बर्फबारी होने पर टेंट कॉलोनी नहीं लगाई जा रही है। जीएमवीएन के प्रबंध निदेशक विनोद गोस्वामी ने बताया, छोटे ग्रुप को 2000 रुपये प्रति टेंट की दर से टेंट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
एक टेंट में चार लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। जबकि विभाग के 90 प्रतिशत होटल जून तक के लिए बुक हो चुके हैं। बुकिंग के आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा रहा है कि बीते साल की तरह इस साल भी रिकोर्ड तोड़ तीर्थयात्री आ सकते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए ही जीएमवीएन ने यात्रा रूट पर टेंट कॉलोनी विकसित की है।
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