Saturday, November 23, 2024
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ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की एक और टनल हुई आर पार

“प्रोजेक्ट पर काम कर रही मेघा कम्पनी ने जताई खुशी”

(ललिता प्रसाद लखेड़ा)

गौचर (चमोली), ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेलवे लाइन में एक उपलब्धि और जुड़ गई है। मेघा इंजीनियरिंग कम्पनी ने 8 वीं वाहिनी, आईटीबीपी से गौचर तक की सहायक 15 नंबर टनल को ब्रेक थ्रू कर दिया है। कम्पनी के इंजिनियरों ने इसको लेकर खुशी व्यक्त की है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग की 125 किमी. लम्बी रेलवे लाइन पर मेघा इंजीनियरिंग कम्पनी नरकोटा से गौचर तक लगभग 27 किमी. सुरंग का निर्माण कर रही है। गौचर के नजदीक आईटीबीपी की 8 वीं वाहिनी के निकट से गौचर भट्टनगर तोक तक लगभग 2 . 7 किमी. रेल लाइन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। कम्पनी ने रविवार को मुख्य टनल की सहायक टनल को आर पार करके ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेलवे लाइन में एक और उपलब्धि हासिल कर ली है।

कम्पनी के प्रोजेक्ट मैनेजर एच. एम. सिंह के अनुसार इसी स्थान पर बनाई जा रही मुख्य टनल का निर्माण कार्य भी दो माह के भीतर पूरा होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि इससे पहले कम्पनी ने गत वर्ष नरकोटा से जवाड़ी वाइपास तक 3 . 2 किमी. की टनल को आर – पार करने में कामयाबी हासिल की थी। कहा कि रविवार को आर पार हुई टनल के निर्माण में लगभग 170 कर्मचारियों व अधिकारियों की टीम को दो साल का समय लगा है। गौचर से घोलतीर की टनल को मई माह तक ब्रेक थ्रू कर दिया जायेगा। प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि टनलों को पूरा करने के लिऐ वर्ष 2025 का तारगेट दिया गया है। उम्मीद है कि इस लक्ष्य को समय पर पूरा कर लेंगे। इस मौके पर मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव, प्रोजेक्ट मैनेजर हरेंद्र कुमार, हरिदयानन्द सिंह, सीनियर प्लानिंग मैनेजर हाकिम मुजामिल, लाइजनिंग अधिकारी विनोद चौधरी, टीसीएम विनयपाल, भूवैज्ञानिक अनिल मलेटा, आनन्द पाल, टनल इंजिनियर विक्रांत, दीपक, इलेक्ट्रिक मैनेजर ब्यास देव शर्मा, सर्वे इंचार्ज प्रफुल्ला कुमार, मैकेनिक इंजिनियर राहुल, भरत आदि अधिकारियों ने टनल के ब्रेक थ्रू होने पर खुशी का इजहार करते हुऐ मिष्ठान का वितरण किया गया।

 

सीएचसी मुनस्यारी के दो वार्ड बने वातानुकूलित, अब जाड़ों के मौसम में गर्म हवा में पैदा होंगे नवजात

-15 मार्च को बच्चों तथा महिलाओं को समर्पित होंगे दोनों वार्ड
-उत्तराखंड का पहला वातानुकूलित अस्पताल बना

मुनस्यारी, उत्तराखंड़ राज्य के हिमालय क्षेत्र में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुनस्यारी राज्य का पहला चिकित्सालय बन गया है, जहां पर 4.35 लाख रुपए की लागत से नवजात शिशु तथा गर्भवती महिलाओं के लिए दो वार्ड वातानुकूलित बनकर तैयार हो गए है। 15 मार्च को दोनों वार्ड सीमांत तहसील के नवजात शिशु तथा गर्भवती महिलाओं को समर्पित कर दिया जाएगा।
चीन सीमा से लगा विकासखंड मुनस्यारी का यह क्षेत्र अत्यधिक ठंडा रहने वाले क्षेत्र के अंतर्गत आता है। जाड़ों में तो यहां का मौसम शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है।
इस क्षेत्र में जून के तपिश के दौरान भी ठंड का एहसास होता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नवजात शिशुओं तथा गर्भवती महिलाओं को ठंड के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अत्यधिक ठंड के कारण नवजात शिशु निमोनिया के शिकार हो जाते है।
इस परेशानी को देखते हुए जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने जिला योजना के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के दो वार्डो को वातानुकूलित करने का प्रस्ताव रखा। मर्तोलिया का यह प्रस्ताव जिला योजना समिति को भाया और उसने 4.35 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत कर दी।
कार्यदायी संस्था मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पिथौरागढ़ ने वार्डो को इस राशि से वातानुकूलित बना दिया है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर कुंदन कुमार ने बताया कि 15 मार्च को दोनों वार्डों को क्षेत्र के नवजात शिशुओं तथा महिलाओं को उद्घाटन करने के बाद समर्पित कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड का यह पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है यहां नवजात गर्म हवाओं में नवजात पैदा होगा और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में गर्म हवाओं के बीच रहने का अवसर प्राप्त होगा।
उन्होंने कहा कि इस तरह का नवाचार जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया के दूर दृष्टि सोच के कारण साकार हुआ है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के दोनों वार्ड बनकर तैयार हो गए है। आजकल वातानुकूलित का वार्डों का ट्रायल चल रहा है।

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