‘गौ माता की करुण पुकार, सुने देश की हर सरकार,
देहरादून, चारों पीठों के पूज्य शंकराचार्यों व देश के प्रतिष्ठित पूज्य सन्त महापुरुषों द्वारा स्वत: स्फूर्त गौमाता राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आंदोलन के तत्वावधान में गौ- संसद के अंतर्गत 12 दिसम्बर को काशी (वाराणसी) से भारत के सभी प्रदेशों के लिए गौ -दूतों की नियुक्ति की गई है। स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में गौमाता राष्ट्रमाता आंदोलन के ध्वजवाहक संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि हमारे राज्य के सभी संसदीय क्षेत्रों से गो राष्ट्रभक्त, कर्तव्यनिष्ठ संतों की नियुक्ति करके कृष्ण पक्ष एकादशी मंगलवार 6 फरवरी, 2024 को श्री शंकराचार्य शिविर माघ मेला क्षेत्र, प्रयागराज तीर्थ में होने जा रही गो संसद् में पहुंचाने का निर्णय किया गया है।
पत्रकारों से रूबरू होते हुए संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि प्रदेश के सभी प्रतिष्ठ संत-महापुरुषों व समस्त सनातनियों को पूज्य शंकराचार्यों के आदेशानुसार एकजुट होकर इस स्वत: स्फूर्त गो-प्रतिष्ठा आंदोलन को संपूर्ण देश में गति प्रदान करना है। जिसके लिये
4 जनवरी 2024 को वृंदावन में सभी प्रदेशों के गौ भक्तों की एक विशेष गोसभा आयोजित होगी। जिसमें आंदोलन के विभिन्न पहलुओं को स्पष्टता देते हुए कमर कसी जाएगी। इस बीच दिल्ली में गो- प्रतिष्ठा आंदोलन हेतु 11 गो- विशेषज्ञ समूहों की बैठक आयोजित की जाएगी। विशेषज्ञों से प्राप्त आंकड़ों एवं निष्कर्षों के साथ गो-प्रतिष्ठा आंदोलन के लोगों का प्रतिनिधि मण्डल देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से जाकर मिलेंगे और इससे भी अगर काम नहीं हुआ तो फिर 6 फरवरी 2024 को प्रयागराज तीर्थ में एक वृहद् गो- संसद का आयोजन होगा। जिसमें देशभर के सभी संसदीय क्षेत्रों से एक-एक गांव प्रतिनिधि मनोनीत होकर उसे गो-संसद में सम्मिलित होगा और देश की जनता की ओर से प्रस्ताव पारित करेगा। उन्होंने कहा कि गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के तत्वाधान में 10 फरवरी से 19 फरवरी तक दिल्ली के रामलीला मैदान में अश्वमेघ महायज्ञ किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी श्रीमहंत पूज्य रविंद्रपुरीजी महाराज, अध्यक्ष- अखिल भारतीय सनातन परिषद व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को दिया गया है , इसके अलावा14 फरवरी से 20 फरवरी तक मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में नर्मदा नदी के ब्रह्मघाट पर महामण्डलेश्वर पूज्य साध्वी श्याम दीदीजी के सानिध्य में
गो-रुद्र महायज्ञ किया जाएगा ।
पूज्य संत मणि महाराज ने कहा कि यह लड़ाई विधि सम्मत है संविधान के अनुच्छेद 25 की लड़ाई है जिसमें भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आस्था के सम्मान की रक्षा करना भारत की सरकार का नैतिक कर्तव्य है, देश में रहने वाले करोड़ों हिंदुओं की आस्था भारत की आत्मा गाय में है लेकिन वह गौ माता आज भी दुर्भाग्य से हजारों की संख्या में कत्लखानों में कट रही है इसलिए आवश्यक है कि भारत की सरकार गौ को राष्ट्र माता का संवैधानिक सम्मान दें ताकि गाय के ऊपर कोई गलत दृष्टि ना डाल सके और गौवंश दर-दर न भटके । उन्होंने कहा कि यह बड़े सौभाग्य की बात है कि हमारे सनातन धर्म के मूल चारों पीठ के पूज्य शंकराचार्यौं का आशीर्वाद एवं पूर्ण समर्थन तथा दिशा निर्देश में अब यह आंदोलन आगे बढ़ रहा है और हमें विश्वास है कि जब सनातन की सत्ता ने गाय को राष्ट्र माता के रूप में स्वीकार कर लिया है तो देश की सरकार को भी अब गाय को राष्ट्रमाता के रूप में स्वीकार करना ही होगा |
इस अवसर पर आचार्य सीता शरण योगाचार्य डा. बिपिन जोशी आचार्य विजेंद्र ममगांई, विकास पाटनी, आचार्य शशिकांत दुबे, राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी डा. रामभूषण बिजल्वाण प्रदेश अध्यक्ष भारतीय गौ क्रांति मंच शूरवीर सिंह मतुड़ा पूर्व चारधाम उपाध्यक्ष यमुनोत्री रावल पवन उनियाल, आचार्य राकेश सेमवाल, सूरत राम डंगवाल, आनंद सिंह रावत, यशवंत सिंह रावत, मंजू नेगी, माहेश्वरी जोशी आदि कई गणमान्य कन उपस्थित रहे हैं ।
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