Monday, May 19, 2025
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अंकिता हत्याकांड़ : अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने अपना निर्णय रखा सुरक्षित, 30 मई को होगा अंतिम फैसला

कोटद्वार, उत्तराखंड़ की बहुचर्चित और सनसनीखेज अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में अब फैसला आने वाला है। मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है, मंगलवार 19 मई को सुनवाई करते हुए कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने अपना निर्णय सुरक्षित रखते हुए कहा है कि अब अंतिम फैसला 30 मई को सुनाया जाएगा। इस दिन पीड़िता के परिजन, प्रदेश की जनता और पूरे देश की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी होंगी।
इस हत्या कांड़ के मामले ने पूरे राज्य भूचाल ला दिया और जनता अंकिता भंडारी को न्याय के लिये सड़कों पर आंदोलित रही, अंकिता के परिवार और समाज के बड़े तबके ने इस मामले में त्वरित और सख्त न्याय की मांग की। जनता के आक्रोश के चलते सरकार को रिसॉर्ट को बुलडोजर से ढहाना पड़ा था। केस में पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में आई थी, शुरुआती जांच में कई चूकें सामने आईं।

क्या था घटनाक्रम :
पौड़ी जनपद की रहने वाली अंकिता भंडारी एक रिसॉर्ट में काम करती थीं जो 18 सितंबर 2022 को रहस्यमयी तरीके से लापता हो गई थीं, कई दिन की खोजबीन के बाद अंकिता का शव ऋषिकेश की चिल्ला नहर से बरामद हुआ था। इस हत्या क मामले में कथित रूप से मुख्य आरोपी पुलकित आर्य का था। पुलकित एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखता है। आरोप है कि अंकिता पर रिसॉर्ट के वीआईपी ग्राहकों को ‘ग़लत सेवा’ देने का दबाव बनाया जा रहा था, जिसका उसने विरोध किया था। पुलिस नेइस मामले में पुलकित आर्य, उसके दो साथियों रिसॉर्ट मैनेजर सौरभ भारद्वाज और सहकर्मी अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। तीनों पर अपहरण, हत्या और सबूत मिटाने के आरोप लगाए गए। जनता के आक्रोश के चलते सरकार को रिसॉर्ट को बुलडोजर से ढहाना पड़ा था। केस में पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में आई थी, क्योंकि शुरुआती जांच में कई चूकें सामने आईं।
इस केस को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलाया गया, जहां अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलें कई महीनों तक चलीं। आखिरकार, मई 2025 में सुनवाई पूरी कर ली गई। अब अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए इसे 30 मई को सुनाने की घोषणा की है।

परिवार की 30 मई पर टिकी निगाहें :

राज्य हुये इस जघन्य हत्याकांड को लेकर जनता सड़कों पर उतर कर न्याय के लिये आंदोलित थी वहीं अंकिता के माता-पिता ने बार-बार मीडिया से अपील की है कि उनकी बेटी को इंसाफ मिलना चाहिए। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक बेटी का मामला नहीं, बल्कि हर उस लड़की की लड़ाई है जो अपने आत्मसम्मान के लिए खड़ी होती है। इस हत्याकांड़ को लेकर जनता की भावनाएं गहराई से जुड़ी रही हैं। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोगों ने न्याय की मांग की। अब देखना होगा 30 मई को न्यायपालिका इस बहुचर्चित मामले में क्या रुख अपनाती है।

किसानों ने किया प्रदर्शन, नहर में पानी की कमी से फसलें सूखने की कगार पर

Farmers Protest for Irrigation Water in Bulllawala Jhabrawala Village किसानों ने डोईवाला तहसील में किया प्रदर्शन, Rishikesh Hindi News - Hindustan

देहरादून, डोईवाला के मारखमग्रांट क्षेत्र के बुल्लावाला-झबरावाला गांव में सिंचाई के लिए नहर में पानी न आने से किसानों की फसलें सूखने की कगार पर पहुंच गई हैं। इस गंभीर समस्या को लेकर क्षेत्र के किसानों ने सोमवार को डोईवाला तहसील में प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले एकजुट हुए किसानों ने उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को ज्ञापन सौंपकर तत्काल नहर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि दो दिनों के भीतर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे तहसील परिसर में धरना शुरू करेंगे।
किसानों ने बताया कि बुल्लावाला-झबरावाला क्षेत्र में खेतों की सिंचाई के लिए नहर राजाजी टाइगर रिजर्व के क्षेत्र से होकर गुजरती है। यह नहर सुसवा नदी पर बांध बनाकर निकाली गई है, लेकिन वर्तमान में इसमें पानी का प्रवाह पूरी तरह ठप है। किसानों का आरोप है कि राजाजी पार्क प्रशासन नहर में पानी छोड़ने के लिए उनसे पूर्व अनुमति लेने की शर्त रख रहा है, जिसके चलते सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा। इससे उनकी फसलें, विशेष रूप से धान और अन्य खरीफ की फसलें, सूखने की स्थिति में हैं, जो उनकी आजीविका के लिए बड़ा झटका है।
प्रदर्शन में शामिल किसानों ने प्रशासन पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि नहर में पानी की कमी लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने मांग की कि पार्क प्रशासन और सिंचाई विभाग के बीच समन्वय स्थापित कर नहर में पानी का नियमित प्रवाह सुनिश्चित किया जाए। किसानों ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
प्रदर्शन में सुरेंद्र सिंह खालसा, विजय बक्शी, अनूप कुमार, मोहन सिंह, सुलोचना शर्मा, कन्हैया लाल चमोली, परमानंद बलूनी, रनजोध सिंह, गुरमेल सिंह, नाथीराम पाल, विनय कांबोज, लोकेश कुमार, मुकेश नौटियाल, चरण सिंह सहित कई अन्य किसान शामिल रहे। स्थानीय लोगों ने भी किसानों के इस प्रदर्शन का समर्थन किया और प्रशासन से इस समस्या का त्वरित समाधान करने की अपील की।

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