देहरादून, देश के साथ साथ उत्तराखंड़ में भी भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है, प्रदेश के कई हिस्सों सहित राजधानी दून में कई जगहों में श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिवस 18 अगस्त की रात्रि से और 19 अगस्त रात तक श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया। रात 12 बजते ही हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की…, नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की…, खुल गए ताले सारे वाह क्या बात हो गई, जब से जन्मे कन्हैया करामात हो गई… आदि गीतों और आतिशबाजी से शहर गूंजायमान हो गया। कन्हैया के जयकारों के साथ झांकियां व श्रीकृष्ण की जीवन लीलाओं के मंचन देर रात तक शहर के विभिन्न मंदिरों में चलते रहे। वहीं आज 19 अगस्त को भी कई जगह कार्यक्रम आयोजित किए गये | श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तिथि को लेकर श्रद्धालुओं में इस बार असमंजस की स्थिति रही।
शहर में कई क्षेत्रों में गुरुवार को जन्माष्टमी मनाई गई तो कुछ जगहों पर आज यानि कि शुक्रवार को यह पर्व मनाया जाएगा। वहीं, गुरुवार को सुबह से ही व्रत धारण करने के बाद श्रद्धालु पूजा की तैयारी में जुट गए। श्रद्धालुओं ने घरों में कान्हा की पूजा की और कान्हा को झूला झूलाया, इस अवसर पर बाजार में भी कान्हा व राधा ड्रेस से लेकर मोरपंख, मूर्तियां व प्रसाद, पूजन सामग्री आदि की खरीदारी को लेकर काफी भीड़ नजर आई। श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर सहारनपुर चौक, जंगम शिवालय पलटन बाजार, सनातन धर्म मंदिर प्रेमनगर, आदर्श मंदिर पटेलनगर, राधा कृष्ण मंदिर समेत कई मंदिरों को सतरंगी लाइट, गुब्बारे और विभिन्न फूलों से सजाया गया। मंदिरों में शाम को दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई।
दून के मंदिरों में जन्मोत्सव पर लड्डू गोपाल को दूध, दही, शक्कर, घी के साथ अभिषेक के बाद श्रीकृष्णा को वस्त्र धारण करा पालने में विराजमान किया। इसके बाद पंचामृत मिष्ठान का भोग लगाया। श्री नरवदेश्वर महादेव सेवा समिति की ओर से पटेलनगर स्थित आदर्श मंदिर में दो दिवसीय जन्माष्टमी उत्सव के पहले दिन सभी प्रतिमाओं को नए वस्त्र अर्पित किए गए। भजन गायक संजय शर्मा ने भजनों से प्रभु का गुणगान किया।
नेशविला रोड़ स्थित अखिल गढ़वाल सभा ने रामेश्वर मंदिर में जन्माष्टमी मनाई। क्लेमेनटाउन स्थित सर्व कल्याणेश्वर महादेव मंदिर में जन्माष्टमी पर आचार्य ओम प्रकाश पंत ओर साथियों ने श्रद्धालुओं को प्रवचन और भजन-कीर्तन से मंत्रमुग्ध किया। दून योग पीठ हाथीबड़कला शाखा ने भी इस पर्व को उल्लास के साथ मनाया। सहारनपुर चौक स्थित श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने स्वागत गीत गाकर कान्हा का जन्मोत्सव मनाया। विकासनगर के आए कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति देकर सभी का मन मोहा। छह मटकी से हवा में माखन खाते कृष्ण के साथ ब्रह्मा, विष्णु, महेश कृष्ण को आशीर्वाद देते हुए झांकियों को देख श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हुए। 20 फुट ऊंचाई पर लगी मटकी फोड़ कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहा। नव्या फाउंडेशन की ओर से मटकी फोड़ को देखने के लिए काफी संख्या में लोग शामिल हुए। वासुदेव बना कलाकार सिर में टोकरी में कान्हा स्वरूप बच्चे को लेकर जैसे ही मंदिर प्रांगण में आया तो सभी ने जयकारे लगाए। वहीं, कान्हा बने बाल कलाकारों ने भी मन मोहा। मंदिर सेवादल की ओर से उन्हें पुरस्कार प्रदान किए गए। आज मंदिर में नंदोत्सव मनाया जाएगा।
इस बार श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की छुट्टी को लेकर आखिरी समय तक सरकार को आखिरी समय में अवकाश की तिथि 18 अगस्त के बजाय 19 अगस्त बदलनी पड़ गई। इससे कार्मिकों के समक्ष असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। खासकर स्कूली बच्चों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पहले सरकार ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के लिए गुरुवार को अवकाश घोषित किया था। जिन कार्मिकों का परिवार कार्यस्थल से दूर रहता है, उन्होंने घर जाने की तैयारी कर ली थी। वहीं, जिन बच्चों के इन दिनों असेसमेंट टेस्ट चल रहे हैं, वह भी गुरुवार को अवकाश मानकर आराम की मुद्रा में थे। फिर अचानक रात करीब नौ बजे शासन ने आदेश जारी कर दिया कि जन्माष्टमी का अवकाश गुरुवार की जगह शुक्रवार को होगा। तमाम कार्यालयों और स्कूलों में यह आदेश और भी विलंब से पहुंचा। इससे सभी के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम गड़बड़ा गए। वहीं, जिन बच्चों को परीक्षा देनी थी, वह तैयारी नहीं कर पाए। सुबह स्कूल खुले तो तमाम छात्र उपस्थित ही नहीं हो पाए। कई स्कूलों को परीक्षा स्थगित करनी पड़ गई।
विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम में कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनायी गयी। श्री बदरीनाथ मंदिर में गुरुवार को कृष्ण डोल उत्सव का आयोजन किया गया। बदरीनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की आवाजाही लगी रही। बदरीनाथ मंदिर परिसर में भक्त खूब झूमे। इस दौरान माहौल देखते ही बन रहा था।
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