देहरादून, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण के कर कमलों द्वारा रविवार को यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर डॉ० कुसुम रानी नैथानी ‘डॉ० के० रानी ‘ के बिनसर पब्लिकेशन से प्रकाशित गढ़वाली बाल कहानी संग्रह ‘दाना सयाणों का किस्सा’ व श्वेतवर्णा प्रकाशन नई दिल्ली से प्रकाशित हिन्दी बाल कहानी संग्रह ‘पिंकी बनी जासूस ‘का विमोचन किया गया।
विधानसभा अध्यक्षा द्वारा ‘ दाना सयाणों का किस्सा’ व ‘पिंकी बनी जासूस ‘पुस्तक के प्रकाशन पर डॉ० नैथानी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई। गढ़वाली भाषा में लिखी गई पुस्तक ‘दाना सयाणों का किस्सा’ की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा की बच्चों के लिए क्षेत्रीय भाषा में अच्छे साहित्य की जरूरत है । उम्मीद है कि भविष्य में भी वे बच्चों के लिए अपनी बोली भाषा में उत्कृष्ट साहित्य का प्रकाशन करती रहेंगी। इस पुस्तक में उत्तराखंड की तैंतीस लोक कथाएं शामिल हैं ।
‘पिंकी बनी जासूस’ बाल कहानी संग्रह में बच्चों के लिए विभिन्न विषयों पर्यावरण, वन संरक्षण , अंधविश्वास निवारण एवं सामान्य जन जीवन से जुड़ी हुई तेईस कहानियां लिखी गई हैं । उनके द्वारा सरल भाषा में लिखी गई बाल कहानियों की विधानसभा अध्यक्ष द्वारा प्रशंसा की गई ।
गढ़वाली भाषा में ‘दाना सयाणों का किस्सा’ बाल कथाकारा डॉ० कुसुम रानी नैथानी का यह तीसरा व हिंदी में ‘पिंकी बनी जासूस ’ पांचवां बाल कहानी संग्रह है। इनके द्वारा अब तक हिंदी में सात सौ से अधिक बाल कहानियां , पांच बाल कहानी संग्रह हिंदी में , तीन गढ़वाली में तथा एक बाल उपन्यास हिंदी में प्रकाशित हो चुका है।
शैलेश मटियानी उत्तराखंड राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार (2015), राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार(2016) एवं जिला प्रशासन देहरादून द्वारा कोरोना योद्धा सम्मान (2020) से सम्मानित भूतपूर्व प्रधानाचार्या डॉ० कुसुम रानी नैथानी बच्चों के लिए विगत पंद्रह वर्षों से पाक्षिक बाल समाचार पत्र ‘बालपक्ष’ का भी सफल संपादन कर रही हैं।उनके द्वारा लिखित कई कहानियां पुरस्कृत हो चुकी है।
जी-20 फाउण्डेशन लिट्रेसी एवं न्यूमरेसी प्रदर्शनी पुणे में उत्तराखण्ड की धूम
देहरादून, जी-20 फाउंडेशन लिट्रेसी एवं न्यूमरेसी प्रदर्शनी के दूसरे दिन विभिन्न महानुभावों द्वारा अवलोकन कर प्रदर्शनी की सराहना की गयी। श्रीमती अन्नपूर्णा देवी केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री, श्री दीपक बसंत कुमार शिक्षा मंत्री पूणे सहित विभिन्न प्रदेशों के शिक्षा सचिवों एवं विभिन्न प्रदेशों के प्रतिनिधियों द्वारा उत्तराखण्ड की प्रदर्शनी का अवलोकन कर प्रदर्शनी की प्रशंसा एवं सराहना की गयी।
शिक्षा सचिव रविनाथ रमन के नेतृत्व में शिक्षा अधिकारियों एवं कार्मिकों का दल पूणे में एफ एल0 एन0 के सम्बन्ध में आयोजित बैठक एवं प्रदर्शनी में प्रतिभाग कर रहा है। उत्तराखण्ड की प्रदर्शनी में मुख्य रूप से बच्चों के सर्वागीण विकास, राज्य द्वारा की गयी उपलब्धि एवं सिस्टम लेबर पर फोकस किया गया है। प्रदर्शनी में शिक्षकों द्वारा बनाये गये टी एल एम, विभिन्न नवाचार बालवाटिका, समर कैम्प, गतिविधि पुस्तिकारों, लोकल भाषा के में तैयार किए गए बरखा सीरीज (गढ़वाली, कुमाऊनी एवं जौनसारी) की अत्यधिक सराहना की जा रही है।
अपर राज्य परियोजना निदेशक डा. मुकुल कुमार सती द्वारा अवगत कराया गया कि उतराखण्ड द्वारा प्रदर्शनी में तैयार की गयी विभिन्न गतिविधियों की विभिन्न महनुभावो, शिक्षा सचिवों व समुदाय द्वारा अत्यधिक सराहना की गयी। वहीं उतराखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने एन ई पी एवं बालवाटिका को सर्वप्रथम क्रियान्चित किया है। ऐसे में उत्तराखण्ड की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
उत्तराखण्ड की ओर से प्रदर्शनी में एम एम जोशी उप रा० परियोजना निदेशक, बी पी मैन्दोली स्टॉफ ऑफिसर, प्रद्युम्न रावत उप रा. परियोजना निदेशक, डा० के०एन ० बिजल्वाण सहायक निदेशक, योगेन्द्र नेगी समन्वयक, संदीप उनियाल समन्वयक, अम्बरीश बिष्ट, एपीएफ, प्रशान्त बर्तवाल रूम दू रीड, संदीप संम्पर्क फाउंडेशन उपस्थित थे।
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