देहरादून(आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को महाराष्ट्र से ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ की 18वीं किश्त जारी कर दी। इसके माध्यम से उत्तराखंड के 7.98 लाख पात्र लाभार्थी किसानों को 169 करोड़ रुपए की धनराशि भी खातों में पहुंच गई। पीएम मोदी ने 9.40 करोड़ से अधिक किसानों को 20 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की सम्मान राशि उनके खातों में डीजीटली ट्रांसफर किया। इस किसान सम्मान कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने भी वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। जिसमें प्रदेश के 7,98,038 लाभार्थी किसान परिवारों को 18वीं किस्त डीबीटी के माध्यम से धनराशि 169.04 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए। अब तक योजना की 17 किश्तों में प्रदेश के किसानों को 2757.20 करोड़ धनराशि उपलब्ध कराई गई है। देहरादून के हाथीबड़कला में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में किसानों ने भी प्रतिभाग किया और प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मंत्री जोशी का आभार जताया। जोशी ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों की हमेशा चिंता करते हैं। उन्होने कहा कि तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर प्रधानमंत्री मोदी का पहला निर्णय किसान के हितों के लिए किया और पहली केंद्रीय कैबिनेट में किसान सम्मान निधि के लिए हस्ताक्षर किए। उन्होंने कहा कि यह इस बात का प्रतीक है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की कितनी चिंता करते है। उन्होंने कहा कि मोदी के कुशल मार्गदर्शन और उनके पद चिन्हों पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों की आय दुगनी करने की दिशा में कई जनकल्याणकारी योजनाएं और अभिनव पहल कर किसान भाइयों की आजीविका बढ़ाने हेतु निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पीएम-किसान योजना के माध्यम से किसानों की आय दुगनी और नई तकनीकी से छोटे छोटे किसानों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार किसान कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी निवेश संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिये एक आर्थिक आधार प्रदान करना है। ताकि वे फसल उत्पादन में नवीन तकनीक और गुणवत्तापूर्ण बीजों का प्रयोग कर उत्पादन में बढ़ोतरी कर सकें। कृषि मंत्री ने कहा कि योजना के माध्यम से लघु एवं सीमांत किसानों को साहूकारों के साथ अनौपचारिक ऋणदाता के चंगुल से बचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में 11 करोड़ से अधिक किसानों ने पीएम किसान योजना का लाभ प्राप्त किया है, जो इसकी व्यापक पहुँच और प्रभाव को दर्शाता है। इस अवसर पर, सचिव, कृषि, एसएन पांडे, कृषि निदेशक केसी पाठक, संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार, किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष जोगेंद्र पुंडीर, मंडल अध्यक्ष प्रदीप रावत, पूनम नौटियाल, भूपेंद्र कठेत, चुन्नी लाल सहित सैकड़ो किसान उपस्थित थे।
पेस्टल वीड स्कूल ने क्वार्टर फाइनल में किया दबदबा
बिरला विद्या मंदिर पर 56-14 की शानदार जीत के साथ सेमीफाइनल में बनाया स्थान
देहरादून I पेस्टल वीड स्कूल में ऑल इंडिया आईपीएससी अंडर-17 बास्केटबॉल टूर्नामेंट के दूसरे दिन का समापन रोमांचक क्वार्टर फाइनल मुकाबलों के साथ हुआ, जिसमें टीमों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
कोर्ट पर खेले गए मैचों में खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रोचक होकर दिया, जिससे प्रतियोगिता की भावना और भी प्रबल हो गई।
मेजबान टीम पेस्टल वीड स्कूल ने वेल्हम बॉयज़ देहरादून को 50-16 के बड़े अंतर से हराते हुए अपना विजयी क्रम जारी रखा और क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। टीम ने अपनी सटीकता, चुस्ती और सामूहिक खेल कौशल से एक और शानदार जीत हासिल की। इसके अलावा आर्मी पब्लिक स्कूल डगशाई ने भी अपने दमदार खेल से मेयो कॉलेज अजमेर को 50-20 से हराकर क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह पक्की की। इसी प्रकार वाईपीएस मोहाली ने सेलाकुई इंटरनेशनल, देहरादून को 41-27 से हराकर शानदार प्रदर्शन किया। क्वार्टर फाइनल मुकाबलों में जिन टीमों ने प्रवेश किया उनमें द पेस्टल वीड स्कूल,देहरादून,द मान स्कूल नई दिल्ली, वेल्हम बॉयज़ देहरादून,आर्मी पब्लिक स्कूल डगशाई, हैदराबाद पब्लिक स्कूल, बेगमपेट, द दून स्कूल, देहरादून, वाईपीएस मोहाली, बिरला विद्या मंदिर, नैनीताल
क्वार्टर फाइनल दौर की शुरुआत द मान स्कूल नई दिल्ली के शानदार प्रदर्शन से हुई,जहाँ उन्होंने वेल्हम बॉयज़, देहरादून को 51-15 के बड़े अंतर से हराया। दूसरे क्वार्टर फाइनल में द दून स्कूल, देहरादून ने वाईपीएस मोहाली को 59-33 से मात दी। तीसरे क्वार्टर फाइनल में आर्मी पब्लिक स्कूल, डगशाई ने हैदराबाद पब्लिक स्कूल, बेगमपेट को एक रोमांचक मुकाबले में कड़े संघर्ष के बाद हराया। अंतिम क्वार्टर फाइनल में मेजबान पेस्टल वीड स्कूल ने बिरला विद्या मंदिर, नैनीताल को 56-14 के बड़े अंतर से हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई। टूर्नामेंट के निर्णायक चरण में पहुँचते हुए सेमीफाइनल मुकाबले जो होंगे, उनमें द मान स्कूल, नई दिल्ली बनाम द दून स्कूल, देहरादून, आर्मी पब्लिक स्कूल, डगशाई बनाम पेस्टल वीड स्कूल, देहरादून I आने वाले सेमीफाइनल मुकाबलों में और भी कड़ी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद है, जहाँ टीमें फाइनल में जगह बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगी। अब तक के प्रदर्शन के आधार पर, सेमीफाइनल मुकाबले और भी रोमांचक होने की संभावना है।
एनएसयूआई ने फूंका शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का पुतला
देहरादून, एनएसयूआई के राष्ट्रीय संयोजक श्री अंकित बिष्ट के नेतृत्व में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को डीएवी महाविद्यालय के मुख्य द्वार शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का पुतला दहन किया।
इस अवसर पर अंकित बिष्ट ने अवगत कराया कि विगत कई वर्षों से छात्रसंघ चुनाव समय पर हो रहे थे परन्तु विगत दो वर्षों में भी छात्रसंघ चुनाव नवंबर व दिसम्बर माह में करवाये गये थे तथा इस वर्ष भी अक्टूबर माह आरम्भ होने के बावजूद भी अभी तक छात्र संघ चुनाव की घोषणा नहीं की जा रही है बल्कि जानबूझकर इसमें देरी की जा रही है क्योंकि शिक्षा मंत्री एवं अभाविप को अपनी हार का डर सता रहा है। उन्होंने आगे अवगत कराया कि लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार महाविद्यालय खुलने की तिथि से 45 दिन की अवधि के अन्दर छात्रसंघ के चुनाव सम्पन्न कराये जाने आवश्यक है परन्तु शिक्षा मंत्री इन आदेशों की धज्जियाँ उडवा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि यदि कॉलेज प्रशासन ने छात्रसंघ चुनाव की तुरन्त घोषणा नहीं की तो एनएसयूआई उग्र आन्दोलन के लिये बाध्य होगी।
इस अवसर पर छात्र नेता हरीश जोशी , अमन उज्जवेनवाल, प्रांचल नौनी, विपुल चौहान, अतुल पाँवर, प्रियांशु धामी, हर्ष दिवाकर, शिखा आर्य , मोनिका , निशा एनएसयूआई के अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
नवीन भव्यता के दून में मनाया जायेगा 77वाँ दशहरा महोत्सव
“50 फुट के रावण, 45 फुट के मेघनाथ एवं 40 फुट के कुम्भकरण के पुतलों के साथ स्वर्णजड़ित भव्य लंका रहेगी आकर्षक के केन्द्र”
“कार्यक्रम को वीआईपी संस्कृति से पूरी तरह से रखा गया दूर, मंच का प्रतिनिधित्व 100 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके वरिष्ठ नागरिक डा. यूसी चॉदना करेंगे”
देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), दून में इस वर्ष के दशहरा आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिये बन्नू बिरादरी द्वारा युद्धस्तर पर कार्य किये जा रहे हैं। रावण, कुम्भकरण व मेघनाथ के पुतलों को निर्मित करने के लिए मुज्जफरनगर से दक्ष कारीगर बुलाये गये है। यह जानकारी बन्नू बिरादरी के अध्यक्ष हरीश विरमानी ने एक पत्रकार वार्ता में दी l स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुये हरीश विरमानी ने कहा कि महानगर में मुख्य दशहरा पर्व का आयोजन विगत 76 वर्षों से “बन्नू बिरादरी द्वारा परेड ग्राउण्ड में किया जा रहा था। सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए परेड ग्राउण्ड की अनुपलब्धता के कारण बन्नू बिरादरी द्वारा सर्वसम्मिति से निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष 12 अक्टूबर को “77वाँ दशहरा महोत्सव” पूर्व में स्थापित कुछ परम्पराओं में बदलाव करते हुये, बन्नू स्कूल, रेसकोर्स के मैदान में अधिक आकर्षक एवं नवीन भव्यता के साथ मनाया जायेगा।
विरमानी ने कहा इस वर्ष का दशहरा पर्व आम जनता के लिए समर्पित रहेगा और इसे वीआईपी संस्कृति से पूरी तरह से दूर रखा जायेगा। इसलिये इस वर्ष दशहरा पर्व में उपस्थित होने हेतु किसी भी रुप में “आमन्त्रण पत्र” नहीं छपवाये गये हैं और न ही किसी व्यक्ति विशेष को मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि के रुप में आमन्त्रित किया गया है। इस वर्ष दशहरा पर्व की मुख्य अतिथि दून की सम्मानित जनता होगी, जिनका प्रतिनिधित्व मंच पर 100 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके वरिष्ठ नागरिक डा. यूसी चॉदना करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष 50 फुट के रावण, 45 फुट के मेघनाथ एवं 40 फुट के कुम्भकरण के पुतले और स्वर्णजड़ित भव्य लंका का निर्माण भी किया जा रहा है। वहीं महानगर में बढ़ते यातायात जाम के कारण जनता को होने वाली परेशानी को देखते हुये यह भी ऎतिहासिक निर्णय लिया गया है कि रावण दहन से पूर्व गोपीनाथ मन्दिर से परेड ग्राउन्ड तक निकलने वाली शोभायात्रा का भी संचालन नहीं किया जायेगा। इसके स्थान पर रावण दहन से पूर्व श्री रामचन्द्र जी की जीवन लीला का सजीव मंचन बन्नू स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा किया जायेगा। रावण दहन के पश्चात बन्नू स्कूल के मैदान में रंगारंग आतिशबाजी की जायेगी। इसके लिऐ कैथल हरियाणा से विशेष कारीगर बुलाये गये है। जिनके द्वारा राष्ट्रीय पर्यावरण इन्जीनियरिंग अनुसंधान संस्थान द्वारा निर्धारित मानको वाले ग्रीन पटाखे जो कि ईको फ्रेंडली हैं, आतिशबाजी के समय जलाये जायेंगे। जिससे वातावरण में वायु प्रदूषण बढ़ने की कोई भी सम्भावना नहीं होगी। विरमानी ने कहा कि विगत वर्षों में पहली पंक्ति में जिन स्थानों को वीवीआईपी के लिये आरक्षित किया जाता था, इस वर्ष उन कुर्सियों पर ” पहले आओ पहली कतार में कुर्सी पाओं” नियम के तहत आम जनता को सबसे आगे बैठने का स्थान मिलेगा। विरमानी ने कहा कि इस वर्ष का एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि दशहरा उत्सव मनाने के लिये बाजार और जन सामान्य से चन्दा नहीं लिया गया है। समाज के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा इस आयोजन में लगने वाली सम्पूर्ण धनराशि की व्यवस्था की गयी है, वहीं इस वर्ष के दशहरा पर्व के आयोजन हेतु बन्नू बिरादरी द्वारा दशहरा कमेटी का गठन नहीं किया गया है।
प्रेस वार्ता में बन्नू बिरादरी अध्यक्ष हरीश विरमानी, मनीष गेरा, हरीश गुलाटी, संतोख नागपाल, विक्की खन्ना, तिलक राज चॉदना, राम भाटिया, संजय भाटिया, सुरेश भाटिया, अजय कथूरिया, अशोक वर्मा आदि मौजूद रहे ।
स्वामी शंकराचार्य अवि मुक्तेश्वरानन्द 25 अक्टूबर को दून में स्थापित करेंगे गौ ध्वज
“गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने के लिये चलाया जा रहा चरणबद्ध आंदोलन”
देहरादून (हर्षित रावत), सनातन धर्म में वेद, उपनिषद्, पुराणों सहित समस्त धर्मशास्त्रों में गौ की महिमा गाई गई है। गाय को पशु नहीं अपितु माता की प्रतिष्ठा दी गई है। यही सनातन घर्मी हिन्दुओं की पवित्र भावना है, आस्था है इसी धार्मिक आस्था हेतु संविधान एवं कानून में गाय को राज्य सूची से हटाकर केन्द्रीय सूची में प्रतिष्ठित कर गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने तथा गौ हत्या मुक्त भारत बनाने के लिए सम्पूर्ण भारत में गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन चलाया जा रहा है।
इसी परिपेक्ष में 25 अक्टूबर को गौ ध्वज को स्थापित कर गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने हेतु स्वामी शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः जी देहरादून पहुंचेंगे ।
इस ऐतिहासिक यात्रा की पूर्व तैयारी हेतु दून में पहुंचे यात्रा के राष्ट्रीय सह-संयोजक तथा उत्तराखण्ड़ राज्य के प्रभारी गोभक्त विकास पाटनी और अखिलेश ब्रह्मचारी ने स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया।
स्थानीय प्रेस क्लब पत्रकार से रूबरू होते हुये गोभक्त विकास पाटनी ने कहा कि स्वतन्त्रता प्राप्ति के पूर्व से ही निरन्तर गौमाता की प्रतिष्ठा एवं रक्षा के प्रयास होते रहे हैं। गौ प्रतिष्ठा के इस अभियान को प्रज्वलित करने हेतु गौ घृत की ज्योति को प्रकाशित कर ज्योर्तिमठ के परम पूज्य जगद्गुरू शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः महाराज जी इस आन्दोलन का निर्देशन कर रहे हैं जिन्होंने 14 मार्च से लेकर 28 मार्च 2024 तक नंगे पैर गोवर्धन से दिल्ली तक पदयात्रा भी की। पूज्य जगद्गुरू ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य जी के निर्देशन में आज गौ प्रतिष्ठा का अभियान निरन्तर देश भर में गतिमान है जिन्होंने इस संवत्सर को गौ संवत्सर के रूप में घोषित भी किया है। पूज्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः जी के निर्देशन एवं नेतृत्व में सम्पूर्ण भारत में गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन के अन्तर्गत गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा दिनांक 22 सितम्बर से 26 अक्टूबर तक होनी निश्चित हुई है जो भारत के समस्त 36 प्रदेशों की राजधानियों में पहुंचकर वहाँ एक गो ध्वज की स्थापना कर रही है।
गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन के संयोजक परम् पूज्य गोपाल मणि जी महाराज भी पूरे समर्पण और शक्ति के साथ यात्रा की सफलता हेतु प्राण-प्रण से शंकराचार्य जी के साथ हर कदम में साथ चल रहे हैं। प्रत्येक राज्य की राजधानियों में विशाल गो प्रतिष्ठा सम्मेलन का दिव्य भव्य आयोजन हो रहा है जिसका श्रीगणेश गोरक्षक, गौभक्त भगवान् श्रीराम जी की राजधानी अयोध्या से हुआ जहाँ भगवान् रामलला के रूप में विद्यमान हैं, जहाँ से यह पूर्व, पश्चिम, दक्षिण, उत्तर होते हुए 26 अक्टूबर को देश की राजधानी दिल्ली होगी तथा 27 अक्टूबर को यह यात्रा वृंदावन में विराम लेगी। इस यात्रा के माध्यम से पूज्य जगद्गुरू शंकराचार्य जी द्वारा समस्त भारत के प्रखर गोभक्तों को सम्मानित भी किया जा रहा है।
इसी क्रम में देवभूमि उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में पूज्य जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी श्रीः अति मुक्तेश्वरानन्दः जी एवं पूज्य गोपाल मणि महाराज जी 25 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक गो ध्वज की स्थापना, गो महासभा को सम्बोधित करेंगे। इसके उपरान्त वो अग्रिम यात्रा हेतु देश की राजधानी दिल्ली को प्रस्थान करेंगे।
इस गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा का लक्ष्य सम्पूर्ण भारत में गो प्रतिष्ठा आन्दोलन हेतु समस्त राष्ट्र के गोभक्त हिन्दुओं को जागृत कर एक सूत्र में पिरोने का है तथा गोमाता की दुर्गति, गौ हत्या के कलंक को मिटाकर पशु सूची के अपमान से हटाकर राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाना है। देवभूमि उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश के बाद अब महाराष्ट्र गौ को माता की प्रतिष्ठा देने वाला तीसरा राज्य बन गया है। गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा के उपरान्त देश की राजधानी दिल्ली में गोपाष्टमी के अवसर पर 7, 8 और 9 नवम्बर को तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी गो प्रतिष्ठा महा सम्मेलन होगा जो भारत की सरकार को गौहत्या के कलंक को मिटाकर गौमाता को राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा दिलाने हेतु निर्णायक होगा।
इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं भारतीय गौ क्रान्ति मंच संरक्षक बलबीर सिंह पंवार, भारतीय गौ क्रान्ति मंच के प्रदेश अध्यक्ष शूरवीर सिह, महासचिव यशवंत सिंह रावत, आनन्द सिंह रावत, रविन्द्र सिंह राणा, तेजराम एवं भारतीय गौ क्रांति मंच के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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