‘अभी तक लगभग 4000 लोग देहरादून में गीले कचरे की स्वयं से खाद बना उसका निस्तारण कर रहे है’
सम्मानित व्यक्ति – डॉ जीतेन्द्र नाथ कल्हन जी, डॉ अरुण कुमार जी , श्रीमती शिखा शर्मा , श्री परमजीत सिंह , श्रीमती निधि सूद , कर्नल जमन सिंह नयाल, अलोक शर्मा एवं हिमानी
देहरादून, स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के अंतर्गत आज महापौर सुनील उनियाल गामा जी द्वारा नगर निगम देहरादून में मेरी खाद की कहानी कार्यक्रम का शुभ आरम्भ किया गया , इसके साथ ऐसे सभी योद्धाओं को सम्मानित किया गया जिनके द्वारा अपने घर की रसोई एवं बागवानी से उत्पन्न होने वाले जैविक कचरे से खाद बना रहे है एवं देहरादून के कचरा प्रबंधन में अपना पूर्ण सहयोग दे रहे है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देहरादून शहर में रहने वाले ऐसे सभी नागरिकों के प्रयास एवं उनकी कहानियों को शहर के सामने लाकर गीले कचरे की समस्या का एक सरल उपाय सबके सामने प्रस्तुत करना है । घर में बनाई गई जैविक खाद से पौधों की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है जिस से आने वाला भविष्य स्वच्छ और स्वस्थ होगा।
इस अवसर पर महापौर सुनील उनियाल गामा जी द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया की वरिष्ट नागरिक एवं युवा मिलकर अपने शहर के पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपना योगदान प्रदान करते है ,वह अपनी मंज़िल तक जरूर पहुंचते है । उन्होंने सभी शहर वासियो से अपील करते हुए कहा कि सबके सामूहिक प्रयास से ही शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 मे प्रथम 50 की श्रेणी में लाना कोई असंभव कार्य नहीं है। महापौर द्वारा शहर में ऐसे व्यक्ति जो अपने गीले कचरे से जैविक खाद बना रहे है को आज सम्मानित किया गया जिनमे दिलाराम चौक से डॉ जीतेन्द्र नाथ कल्हन जी, सहारनपुर चौक से डॉ अरुण कुमार जी , हर्रावाला से श्रीमती शिखा शर्मा , केवल विहार से श्री परमजीत सिंह , ऑफिसर्स एन्क्लेव से श्रीमती निधि सूद और इंद्रा नगर से कर्नल जमन सिंह नयाल आदि शामिल थे । इसके साथ ही आर्गेनिक लिमिटेड के प्रतिनिधि अलोक शर्मा और हिमानी भी कार्यक्रम मे उपस्थित रहे जिन्होंने सीमित समय में खाद उत्पादन करने के तरीके साझा किये। मेरी खाद की कहानी में जितने भी लोग पंजीकृत होते है, उन्हें कंपनी द्वारा उपहार स्वरुप खाद बनाने हेतु एन्ज़इम्स भी प्रदान किए जायेंगे । आज शुरू हुआ यह अभियान मार्च माह तक चलेगा एवं पंजीकृत सभी लोगो को जांचने के उपरांत उपहार भी प्रदान किया जाएगा। नगर निगम सोशल मीडिया पर इस हेतु सभी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
डॉक्टर अरुण कुमार द्वारा बताया गया कि जैविक कचरे से जो खाद उनके द्वारा बनाई जा रही है वह उनके अपने बगीचे मे ही इस्तेमाल हो रही है एवं जो पहले खाद बाजार से लेने का खर्च होता ता अब वह उनकी पूंजी का हिस्सा बन गया है. गीला कचरा जब सूखे कचरे के साथ मिल जाता है तब वह केवल कूड़े का ढेर ही बनता है इस समस्या का समाधान केवल गीले कचरे को खाद बना कर ही किया जा सकता है, आप सभी की प्रेरणादायक कहानियों को नगर निगम देहरादून अपने माध्यम से आगे बढ़ाएगा जिससे अन्य सभी नागरिकों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। देहरादून शहर की जनसंख्या 16 लाख से अधिक है जिसमें से यदि 20% नागरिक भी अपने-अपने घरों में खाता उत्पादन करने लगे तो इस समस्या से निदान पाया जा सकता है।
इस मुहिम को अगले चरण में पहुंचाने एवं अपने लक्ष्य को सिद्ध करने के लिए सभा में मौजूद दून यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा ‘एजेंट्स ऑफ़ चेंज’ समूह का गठन किया गया जो आने वाले दो माह तक जागरूकता अभियान एवं स्त्रोत प्रतिकरण बढ़ाने के लिए शहर के दस वार्ड में कार्यरत रहेंगे। इसके चलते स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में देहरादून कि रैंकिंग में भी सुधार आएगा। निगम द्वारा जल्द ही घर पर ही आसानी से खाद बनाने की विधि पुस्तक भी ऑनलाइन प्रदान की जाएगी।
आज के इस कार्यक्रम मे सहायक नगर आयुक्त श्री शांति प्रसाद जोशी , डॉ राकेश डंगवाल, वेस्ट वारियर्स संस्था से मितली रावत , आदित्य गुप्ता , ओसनिका एवं नवीन कुमार सडाना आदि मौजूद रहे।
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